Charles-Michel De l’Epee Google Doodle: 'फादर ऑफ द डेफ' की जयंती पर गूगल ने बनया खास डूडल
गूगल ने बनाया 'फादर ऑफ द डीफ' का डूडल: Photo Credit: Google)

गूगल (Google) ने शनिवार को 'फादर ऑफ द डेफ' चार्ल्स मिशल डुलिपि (Charles-Michel De l’Epee) को डूडल (Doodle) बनाकर समर्पित किया है. चार्ल्स मिशल डुलिपि को 'बधिरों' का मसीहा भी कहा जाता है. आज उनकी 306वीं जयंती हैं. मिशल का जन्म 24 नवंबर 1712 को फ्रांस के वर्साइल शहर में हुआ था. चार्ल्स ने अपने जीवन में बधिरों लिए बहुत सारे काम किए, जिसमें दुनिया का पहला साइन अल्फाबेट (इशारों में वर्णमाला) उनके जीवन का यादगार पल है.

चार्ल्स ने बधिर लोगों से बातचीत करने के लिए इशारों में वर्णमाला की एक रुपरेखा तैयार की. चार्ल्स मिशल डुलिपि ने अपने खर्चों पर एक स्कूल भी खोला. उन्होंने कहा, 'मैंने खुद को 'बधिरों' के लिए समर्पित कर दिया है. यह अमीरों के लिए नहीं बल्कि पूर्ण रूप से गरीबों के लिए है.' उनके कामों के लिए फ्रांस की संसद ने उन्हें Benefactor of Humanity के सम्मान से सम्मानित किया.

यह भी पढ़ें- भारतीय मूल के थॉमस कुरियन गूगल क्लाउड के सीईओ बनेंगे

चार्ल्स मिशल डुलिपि का मानना था कि आम लोग जो बात कानों से सीखते या समझते हैं. 'बधिर' लोगों को अपनी आंखों से सीखना चाहिए. उनके पिता एक धर्मशास्त्री थे जिन्होंने धर्मशास्त्र के क्षेत्र में काफी काम किया. चार्ल्स मिशल डुलिपि का 77 साल की उम्र में 23 दिसंबर 1789 को पेरिस में निधन हो गया.