Fact Check: क्या AIIMS के हेल्थकेयर वर्कर्स को दिए गए खराब क्वालिटी के PPE किट और N95 मास्क? PIB से जानें इसकी सच्चाई
एम्स के स्वास्थ्य कर्मियों को खराब क्वालिटी वाले पीपीई किट और एन95 मास्क प्रदान किए गए हैं. इन आरोपों के बीच सरकार ने कहा है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार ही पीपीई किट दिए जाते हैं. दरअसल, एक पत्रकार ने सवाल किया था कि एम्स के स्वास्थ कर्मियों को स्टै़डर्ड पीपीई किट नहीं दी जाती है. सरकार की पीआईबी फैक्ट चेक ने कहा है कि ऐसी रिपोर्ट गलत है.
Fact Check: कोरोना वायरस (Coronavirus) के लगातार बढ़ते प्रकोप के बीच डॉक्टर, नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मी कोरोना योद्धा (Corona Warriors) बनकर मरीजों के इलाज में दिन रात लगे हुए हैं, ताकि मरीज स्वस्थ हो सकें और कोविड-19 (COVID-19) के प्रसार को नियंत्रित किया जा सके. हालांकि मरीजों का इलाज करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को पीपीई किट (PPE Kit) और एन95 मास्क (N95 Mask) मुहैया कराए गए हैं, ताकि वो खुद को इस जानलेवा संक्रमण से बचा सकें. इस बीच यह खबर तेजी से वायरल हो रही है कि एम्स के स्वास्थ्य कर्मियों को खराब क्वालिटी वाले पीपीई किट (PPE kits) और एन95 मास्क (N95 maks) प्रदान किए गए हैं. इन आरोपों के बीच सरकार ने कहा है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार ही पीपीई किट दिए गए हैं. दरअसल, एक पत्रकार ने सवाल किया था कि एम्स के स्वास्थ्य कर्मियों को स्टैडर्ड पीपीई किट और एन95 मास्क नहीं दिए जाते हैं. सरकार की पीआईबी फैक्ट चेक (PIB Fact Check) ने कहा है कि ऐसी रिपोर्ट गलत है.
दरअसल, एक पत्रकार ने ट्वीट कर दावा किया कि एम्स में 50 से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों ने 48 घंटों में कोविड-19 के लिए सकारात्मक परीक्षण किया. एम्स डॉक्टरों को दिए गए पीपीई किट और एन95 मास्क बुनियादी MOHFW सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं करते हैं. इस पर पीआईबी फैक्ट चेक ने कहा कि मास्क और पीपीई किट @MohFW_India के मानकों को पूरा करते हैं. मूल्यांकन और एम्स समिति द्वारा प्रमाणित 95 फीसदी पॉजिटिव मामलों में रोगी की देखभाल से संचरण का कोई सबूत नहीं मिला. यह भी पढ़ें: Fact Check: क्या हैंड सेनिटाइजर से कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है? जानिए सच्चाई
पीआईबी फैक्ट चेक का ट्वीट
एम्स ने भी इसी तरह का स्पष्टीकरण जारी किया, जिसमें कहा गया है कि स्वास्थ्य कर्मियों को दिए गए पीपीई किट स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मानकों से मेल खाते हैं. दो निवासी डॉक्टरों सहित 11 स्वास्थ्य कर्मियों ने शुक्रवार को एम्स में कोरोना वायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किया, जिससे अस्पताल कर्मचारियों की कुल संख्या 206 हो गई है. यह भी पढ़ें: Fact Check: भारत में प्रति 1 लाख आबादी पर 8 हजार लोग कोरोना वायरस से पीड़ित? जानिए हकीकत
गौरतलब है कि बीते 1 फरवरी से अब तक एम्स के 206 हेल्थकेयर वर्कर्स कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें दो फैकल्टी के डॉक्टर, 10 रेजिडेंट डॉक्टर, 26 नर्स, 9 टेक्निशियन, पांच मेस वर्कर, 49 हॉस्पिटल अटेंडेंट, 34 सैनिटेशन वर्कर और 69 सिक्योरिटी गार्ड्स शामिल हैं.
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एम्स में स्वास्थ्य कर्मियों को दिए गए पीपीई किट और एन95 मास्क स्वास्थ्य मंत्रालय के मानकों से मेल नहीं खाते हैं.
पीपीई किट और एन 95 मास्क स्वास्थ्य मंत्रालय के मानकों को पूरा करते हैं.