Fact Check: मोटर इंश्योरेंस क्लेम करने के लिए PUC है जरूरी? जानें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस खबर की सच्चाई

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक दावे में कहा गया है कि अगर किसी दुर्घटना के समय वाहन के प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) के प्रमाण पत्र की वैधता समाप्त हो जाती है तो बीमा कंपनियां नुकसान की भरपाई नहीं करेंगी. जबकि हकीकत तो यह है कि बीमा कंपनियों को आईआरडीएआई के सर्कुलर में सिर्फ भारत में बीमा नवीनीकरण के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट को अनिवार्य कर दिया गया है.

आईआरडीएआई (Photo Credits: IANS)

Fact Check: सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक दावे में कहा गया है कि अगर किसी दुर्घटना के समय वाहन के प्रदूषण नियंत्रण (Pollution Under Control) यानी पीयूसी (PUC) के प्रमाण पत्र की वैधता समाप्त हो जाती है तो बीमा कंपनियां (Insurance Firm) नुकसान की भरपाई नहीं करेंगी. इस दावे के साथ वायरल हो रही खबर को लेकर लोगों में कथित तौर पर दहशत का माहौल है. दावों के अनुसार, यह आदेश 20 अगस्त 2020 को भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (Insurance Regulatory and Development Authority of India) यानी आईआरडीएआई (IRDAI) द्वारा जारी किया गया था.

आईआरडीएआई (IRDAI) के सर्कुलर के साथ फेसबुक पोस्ट में दावा किया गया है- आपको सूचित किया जाता है कि बीमा दावों के लिए वैध प्रदूषण प्रमाण पत्र यानी पीयूसी अनिवार्य है. अगर किसी दुर्घटना के समय प्रदूषण प्रमाण पत्र की वैधता समाप्त हो जाती है तो बीना कंपनियां दुर्घटना को कवर नहीं करेंगी. बता दें कि पीयूसी प्रमाण पत्र यह निर्धारित करता है कि किसी वाहन का धुआं उत्सर्जन स्तर भारत सरकार द्वारा निर्धारित प्रदूषण नियंत्रक मानकों को पूरा करता है या नहीं. जब इस दावे की पड़ताल की गई तो पता चला कि सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा फेक है.

फेसबुक पोस्ट-

(Photo Credits: Facebook)

IRDAI ने ऐसा कोई सर्कुलर जारी नहीं किया है, जिसमें कहा गया है कि दुर्घटना के समय पीयूसी प्रमाण पत्र की वैधता समाप्त हो जाने पर बीमा कंपनियां किसी वाहन दुर्घटना के नुकसान को कवर नहीं करेगी, क्योंकि हकीकत तो यह है कि बीमा कंपनियों को आईआरडीएआई के सर्कुलर में सिर्फ भारत में बीमा नवीनीकरण के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट को अनिवार्य कर दिया गया है. यह भी पढ़ें: Fact Check: हेल्थ आईडी रजिस्ट्रेशन के लिए सरकार मांग रही है संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा? PIB ने बताई इस वायरल मीडिया रिपोर्ट की सच्चाई

केरल सरकार के मोटर वाहन विभाग (एमवीडी) के आधिकारिक फेसबुक पेज ने भी वायरल दावे को खारिज करते हुए इसे आईआरडीएआई सर्कुलर की गलत व्याख्या बताया है. एमवीडी के बयान के अनुसार, अगर दुर्घटना के समय वाहनों के पीयूसी की वैधता समाप्त हो जाती है तो बीमा कंपनियां दुर्घटना के नुकसान को कवर नहीं करेंगी, यह दावा गलत है. अगर किसी व्यक्ति को बीमा कंपनी द्वारा पॉलिसी दी जाती है तो इसका मतलब है कि पॉलिसीधारक के पास पॉलिसी शुरू होने के दिन वैध पीयूसी है.

Fact check

Claim

आईआरडीएआई के अगस्त 2020 के सर्कुलर में कहा गया है कि अगर किसी दुर्घटना के समय किसी वाहन के पीयूसी सर्टिफिकेट की वैधता समाप्त हो गई है तो इंश्योरेंस फर्म नुकसान की भरपाई नहीं करेगी.

Conclusion

सच तो यह है कि बीमा कंपनियों को आईआरडीएआई के सर्कुलर में सिर्फ भारत में बीमा नवीनीकरण के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट को अनिवार्य कर दिया गया है.

Full of Trash
Clean
Share Now

\