Fact Check: रेलवे ने 1.5 लाख पदों पर 15 दिसंबर से होने वाली परीक्षाओं को किया रद्द? पीआईबी से जानें वायरल खबर की सच्चाई

भारत में कोरोना महामारी का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है. दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों का चलन भी बड़ी तेजी से बढ़ा है. यही कारण है कि ऐसे फेक खबरों की पुष्टि समय-समय पर पीआईबी की तरफ से होती रहती है. इसी बीच सोशल मीडिया पर भारतीय रेलवे से जुड़ी एक खबर तेजी से वायरल हो रही है.

वायरल मैसेज (Photo Credits-PIB)

नई दिल्ली, 21 सितंबर. भारत में कोरोना महामारी (Coronavirus Pandemic) का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है. दूसरी तरफ सोशल मीडिया (Social Media) पर फर्जी खबरों का चलन भी बड़ी तेजी से बढ़ा है. यही कारण है कि ऐसे फेक खबरों (Fake News) की पुष्टि समय-समय पर पीआईबी (PIB) की तरफ से होती रहती है. इसी बीच सोशल मीडिया पर भारतीय रेलवे से जुड़ी एक खबर तेजी से वायरल हो रही है. इस खबर में एक अखबार की हेडलाइन द्वारा दावा किया जा रहा है कि रेलवे (Indian Railway) द्वारा 1.5 लाख पदों पर भर्ती के लिए 15 दिसंबर से आयोजित की जा रही परीक्षाएं रद्द कर दी गईं हैं. हालांकि पीआईबी ने इसे फेक करार दते हुए कहा कि रेलवे की तरफ से ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है.

बता दें कि सोशल मीडिया पर एक अखबार की हेडलाइन में दावा किया जा रहा है कि रेलवे द्वारा 1.5 लाख पदों पर भर्ती के लिए 15 दिसंबर से आयोजित की जा रही परीक्षाएं रद्द कर दी गईं हैं. इस खबर पर बड़ी संख्या में प्रतिक्रिया सामने आ रही है. पीआईबी फैक्ट चेक ने इस खबर की जांच कर इसे फर्जी बताया हुआ है. इसके साथ ही पीआईबी ने कहा कि यह हेडलाइन Morphed है. @RailMinIndia ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है. यह भी पढ़ें-Fact Check: 'महिला स्वरोजगार योजना' के तहत मोदी सरकार महिलाओं के खाते में डाल रही 1 लाख रुपये? जानिए सच्चाई

पीआईबी का ट्वीट-

ज्ञात हो कि इससे पहले सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हुई थी. जिसमें कहा गया था कि केंद्र सरकार महिला स्वरोजगार योजना के तहत सभी महिलाओं को उनके बैंक खाते में 1 लाख रुपए दे रही है. हालांकि पीआईबी ने बाद में इसे सिरे से खारिज कर कहा कि सरकार ने ऐसा कोई फैसला नहीं लिया है.

Fact check

Claim

एक न्यूज़पेपर हेडलाइन में यह दावा किया जा रहा है कि रेलवे द्वारा 1.5 लाख पदों पर भर्ती के लिए 15 दिसंबर से आयोजित की जा रही परीक्षाएं रद्द कर दी गईं हैं.

Conclusion

यह हेडलाइन Morphed है. @RailMinIndia ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है.

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