दुलारे मगरमच्छ की मौत पर फूट-फूटकर रोए गांव के लोग, खिलाते थे दाल-चावल, अब बनवाएंगे मंदिर

गांव के लोगों का कहना है कि मगरमच्छ गंगाराम हमारे परिवार के सदस्य की तरह था

मगरमच्छ गंगाराम (Photo Credit: Twitter)

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में एक मगरमच्छ (Crocodile) की मौत के बाद पूरे गांव में गम का माहौल है. बेमेतरा (Bemetara) जिले के बवामोहतरा (Bawamohatra) गांव में मंगलवार को एक  मगरमच्छ की मौत हो गई थी. इस मगरमच्छ का नाम गंगाराम (Gangaram) था. वन विभाग के अनुसार, इस मगरमच्छ की उम्र करीब 130 साल थी. तीन मीटर से ज्यादा लंबे इस मगरमच्छ को गांव में ही दफनाया गया. मगरमच्छ गंगाराम को अंतिम विदाई देने के लिए गांव के करीब 500 लोग शामिल हुए. गांव वाले इस मगरमच्छ को अपने परिवार का सदस्य मानते थे. अंतिम विदाई के दौरान गांव के कई लोग फूट-फूटकर रोने लगे.

वन विभाग के एक अधकिारी के मुताबिक, वह कई सालों से गांव के तालाब में ही रहता था. इसका वजन करीब ढाई क्विंटल था. मरने के बाद मगरमच्छ का पोस्टमार्टम किया गया. मगरमच्छ की मौत प्राकृतिक वजहों से हुई है. गांव के लोगों ने मगरमच्छ की शवयात्रा भी निकाली. ढोल, मंजीरे, फूल और गुलाल उड़ाकर लोगों ने मगरमच्छ को श्रद्धांजलि अर्पित कर अंतिम विदाई दी. यह भी पढ़ें- VIDEO: हाईवे पर जा रही महिला के साथ हुआ खतरनाक हादसा, कार हो गई पूरी तरह डैमेज, फिर भी बच गई जान

गांव के लोगों का कहना है कि मगरमच्छ गंगाराम हमारे परिवार के सदस्य की तरह था. उसने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया. तालाब में उसके आगे पीछे बच्चे तैरते थे. गांव के लोग उसे दाल और चावल खिलाया करते थे. गांव के लोग आपसी सहयोग से मगरमच्छ गंगाराम की याद में तालाब के किनारे मंदिर का निर्माण करवाएंगे.

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