छत्तीसगढ़ के शिक्षक अशोक लोधी टीवी और स्पीकर को मोटरसाइकल से अटैच कर लेते हैं 'मोहल्ला क्लास', लोगों ने नाम रखा 'सिनेमा वाले बाबू', देखें तस्वीरें

टीचिंग एक कला है और इस महामारी में टीचर्स की परीक्षा का समय चल रहा है. वे अपने टीचिंग स्किल्स और टेक्निक्स द्वारा अपने स्टूडेंट्स को बीजी रखने की कोशिश करते हैं. फिलहाल हमारे देश में टीचिंग प्रक्रिया काफी हद तक वर्चुअल हो चुकी है.

छत्तीसगढ़ के शिक्षक अशोक लोधी, (फोटो क्रेडिट्स: एएनआई ट्विटर )

टीचिंग एक कला है और इस महामारी में टीचर्स की परीक्षा का समय चल रहा है. वे अपने टीचिंग स्किल्स और टेक्निक्स द्वारा अपने स्टूडेंट्स को बीजी रखने की कोशिश करते हैं. फिलहाल हमारे देश में टीचिंग प्रक्रिया काफी हद तक वर्चुअल हो चुकी है. वहीं छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के एक टीचर ने अपनी टीचिंग टेक्निक और टैलेंट से सबका दिल जीत लिया है. छत्तीसगढ़ के अशोक लोधी (Ashok Lodhi) स्टूडेंट को टीवी, स्पीकर अपने मोटरसाइकल में अटैच करके पढ़ाते हैं. अशोक लोधी अपने आस पड़ोस के इलाके में बच्चों को पढ़ाने जाते हैं.

उनके यूनिक शिक्षण टेक्निक के कारण छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में उन्हें 'सिमेना वाले बाबू' का नाम दिया गया है. क्योंकि वो कोरिया जिले में मोहल्ला क्लासेस चलाते हैं. उनकी टीचिंग टेक्निक से प्रभावित होकर छात्रों को पढ़ाते हुए अशोक लोधी की तस्वीरें समाचार एजेंसी एएनआई और ट्विटर यूजर्स ने शेयर की है. समाचार एजेंसी को अशोक ने बताया कि,'मुझे लगा कि यह छात्रों को आकर्षित करने का एक अच्छा तरीका है." उन्हें पढ़ाने में मजा आता है. एक स्टूडेंट ने बताया कि,' हम एक ही समय में कार्टून देखते हैं और पढ़ाई करते हैं, वायरल तस्वीरों में अशोक अपने छात्रों को पढ़ाते हुए दिखाई दे रहे हैं, इस दौरान बच्चे टीवी पर एनिमेटेड शो का आनंद लेते हुए दिखाई दे रहे हैं. टीवी देखकर बच्चों का मनोरंजन भी हो जाता है और उनका पढ़ाई में मन भी लगता है. अशोक लोधी ने बताया कि मुझे किसी भी प्रकार का खर्चा नहीं देना पड़ता है, टीवी भी हमें स्कूल से ही प्राप्त हुआ है. मैं क्लास लेने के लिए स्थानों का दौरा करता हूं, लोकल प्रशासन भी मुझे इस काम के लिए प्रोत्साहित करते हैं.

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उनके समर्पण और इनोवेटिव आइडिया ने लोगों को बहुत प्रभावित किया है, लोग सोशल मीडिया पर अशोक लोधी की लगातार तारीफ़ कर रहे हैं. उनका कहना है कि हम लोग बहुत ही बुरे दौर से गुजर रहे हैं. बच्चों के स्कुल भी बंद है. ऐसे में बच्चों को पढ़ाने के लिए अशोक लोधी जैसे और टीचर्स की जरुरत है.

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