9 Rings In Penis: Erection के लिए शख्स ने अपने प्राइवेट पार्ट में डाल ली रिंग, संबंध का पता नहीं, मगर पहुंच गया हॉस्पिटल
ऑस्ट्रेलिया शख्स ने बेड पर अपने परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने के लिए अपने प्राइवेट पार्ट में धातुओं के 9 रिंग डाल लिए, इरेक्शन के लिए किए गए इस प्रयोग के असफल होने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा.
9 Rings In Penis: एक ऑस्ट्रेलिया शख्स (Australian Man) ने बेड पर अपने परफॉर्मेंस को बेहतर बनाने के लिए अपने प्राइवेट पार्ट (Private Part) में धातुओं के 9 रिंग (Metal Rings) डाल लिए. इरेक्शन (Erection) के लिए किए गए इस प्रयोग के असफल होने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. मेडिकल जर्नल यूरोलॉजी केस रिपोर्ट्स में ‘पेनाइल स्ट्रैंगुलेशन का दुर्लभ मामला’ शीर्षक से रिपोर्ट प्रकाशित की गई है. अध्ययन के लेखकों के अनुसार, 44 वर्षीय पीड़ित के पेनिस (Penis) और अंडकोष के आधार के चारों तरफ फंसे स्टेनलेस स्टील के रिंग्स के कारण उसे आपातकालीन कक्ष में ले जाया गया. बताया जा रहा है कि कथित तौर पर नशे की हालत में संभोग के दौरान इरेक्शन को बनाए रखने के लिए शख्स ने इन रिंग्स का इस्तेमाल किया था.
हंकी-पैंकी सेशन के करीब तीन घंटे बाद कथित तौर पर शख्स को काफी दर्द होने लगा. इरेक्शन के लिए प्राइवेट पार्ट में रिंग डालने के असफल खेल के बाद होने वाले असहनीय दर्द ने उसे अस्पताल पहुंचा दिया. अस्पताल में टेस्ट के बाद पता चला कि उसके पेट और जांघ की बीच का हिस्सा सूज गया है, जिसके बाद डॉक्टरों ने पीड़ित को एनेस्थेटिक्स दिया, ताकि उसका दर्द कम हो सके. यह भी पढ़ें: Penis Breaks During Sex: दुनिया का सबसे खतरनाक सेक्स पोजीशन आजमाते समय फ्रैक्चर हुआ पेनिस, शख्स की हो गई ऐसी हालत
इसके बाद सर्जनों ने स्टेनलेस स्टील के रिंग्स को बोल्ट कटर से निकालने की कोशिश की, जिसका व्यास 0.4 इंच मापा गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, फिर उन्होंने स्थानीय अग्निशमन विभाग की मदद ली और आरी के साथ रिंग्स को काटने में मदद मिली. बिजली के उपकरणों के साथ ऐसी नाजुक सर्जरी करने के निहित जोखिम के कारण सर्जनों ने किसी भी दुर्घटना को रोकने के लिए लिंग और आरी के बीच एक टंग डिप्रेसर रखा.
बताया जा रहा है कि नमक के घोल से लिंग को कीटाणुरहित करने से आरी से होने वाली थर्मल चोट के जोखिम को कम करने में मदद मिली. वैसे तो सर्जरी सफल रही, फिर भी मरीज पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ. इसके बाद मरीज की सिस्टोस्कोपी कराई गई, जिसमें पतले कैमरे के इस्तेमाल से मूत्राशय के अंदर देखने की प्रक्रिया पूरी की गई और पाया गया कि रोगी के मूत्रमार्ग में सूजन है, जिसके लिए डॉक्टरों ने एक सप्ताह के लिए कैथेटर फिट करने का फैसला किया.