World Vegetarian Day: कब और क्यों मनाया जाता है विश्व शाकाहार दिवस? जानें मांसाहार से क्यों बेहतर होता है शाकाहार?

देश और दुनिया में अभी भी कोरोना के तीसरे लहर का खौफ बना हुआ है. ऐसी स्थिति में कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए शाकाहारी भोजन को सुरक्षित माना गया है. आहार विशेषज्ञों का भी मानना है कि मांसाहारी भोजन लेने वालों की तुलना में शाकाहारी भोजन लेने वालों को उच्च रक्तचाप एवं कोलेस्ट्रॉल आदि का खतरा कम रहता है.

वर्ल्ड वेजीटेरियन डे 2021 (Photo Credits: File Image)

देश और दुनिया में अभी भी कोरोना के तीसरे लहर का खौफ बना हुआ है. ऐसी स्थिति में कोविड-19 के संक्रमण से बचने के लिए शाकाहारी भोजन को सुरक्षित माना गया है. आहार विशेषज्ञों का भी मानना है कि मांसाहारी भोजन लेने वालों की तुलना में शाकाहारी भोजन लेने वालों को उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) एवं कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) आदि का खतरा कम रहता है. क्योंकि शाकाहार में कॉम्लेक्स क्राबोहाइड्रेट की भरपूर मात्रा होती है. ऐसे में विश्व शाकाहार दिवस की महत्ता बढ़ जाती है. गौरतलब है कि प्रत्येक वर्ष 1 अक्टूबर को दुनिया भर में विश्व शाकाहार दिवस मनाया जाता है.

मांसाहारी भोजन से क्यों बेहतर हैं शाकाहारी भोजन?

भोजन मुख्यतया दो प्रकार के होते हैं, शाकाहारी और मांसाहारी. व्यक्ति का पाचन तंत्र दोनों ही भोजन को पचाने की क्षमता रखता है. कुछ लोग समझते हैं कि मांसाहारी भोजन में ज्यादा पोषक तत्व उपलब्ध होते हैं, लेकिन चिकित्सकों का मानना है कि मांसाहारी भोजन में जो पौष्टिक तत्व होते हैं, वे सभी विभिन्न शाक-सब्जियों में भी उपलब्ध होते हैं. शाकाहारी भोजन की सबसे बड़ी खासियत यह भी है कि ये सुपाच्य होते हैं, भोजन के पश्चात इंसान हलका-फुलका महसूस करता है, जबकि मांसाहारी भोजन के लिए पाचन तंत्र को अतिरिक्त प्रेशर वहन करना पड़ता है. जिसका पाचन तंत्र कमजोर होता है, अथवा वृद्धों के लिए मांसाहारी भोजन पचा पाना मुश्किल होता है.

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क्या है इसका इतिहास?

विश्व शाकाहारी दिवस अर्थात वर्ल्ड वेगन डे का पहला सेलीब्रेशन 1 अक्टूबर, 1977 के दिन यूके वेगन सोसाइटी के सौजन्य से मनाया गया था. बता दें कि वेजीटेरियन को ही वेगन कहते हैं. वेगन सोसायटी की स्थापना साल 1944 में हुई थी. वेगन-डे मनाने की एक प्रमुख वजह यह भी थी कि उस समय वेगंस को डेयरी उत्पादों के सेवन पर प्रतिबंध लगाया गया था. 1951 में शाकाहार एक क्रांति बनकर मुखर हुआ. इसके बाद से प्रत्येक वर्ष पहली अक्टूबर को दुनिया भर में शाकाहार को प्रोत्साहित करने के लिए जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं.

क्यों मनाते हैं विश्व शाकाहारी दिवस?

शाकाहारी होने का आशय पर्यावरण को बचाने के साथ-साथ लोगों को इसके प्रति जागरुक करने से लिया जाता है. शाकाहारी जीवन की खासियत, बीमारियों से बचाने के साथ-साथ पर्यावरण की सुरक्षा की ओर भी ध्यान आकर्षित करती है. मांसाहारी होने से भिन्न-भिन्न किस्म की घातक बीमारियां पैदा हो सकती है, जबकि शाकाहारी जीवन शैली से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों पर भी नियंत्रण पाया जा सकता है.

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सेहत के लिए लाभकारी हैं शाकाहारी भोजन?

शाकाहारी खाना मांसाहारी की अपेक्षा काफी हलका होता है, इसीलिए यह आसानी से पच जाता है. शाकाहारी भोजन मस्तिष्क को भी चैतन्य रखता है, तथा व्यक्ति हर पल तरोताजा महसूस करता है. ऐसे भोजन का सेवन करने से कैंसर एवं हृदय रोग से संबंधित घातक बीमारियों की संभावना 30 प्रतिशत कम हो जाती है. शाकाहारी भोजन करने वालों में ब्लड प्रेशर की शिकायतें भी कम सुनने को मिलती हैं. क्योंकि इन भोजनों में कॉम्लेक्स क्राबोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे मोटापा पर नियंत्रण रहता है. शाकाहारी आहारों में मुख्य रूप से साबुत अनाज, मेवा, फल एवं सब्जियां शामिल हैं, जिसमें प्रचुर मात्रा में रेशा, एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन्स के साथ-साथ आवश्यक खनिज पदार्थ भी होते हैं. अगर आप प्रतिदिन दो से तीन बार फल, सब्जियां, अनाज एवं ड्राय फ्रूट का सेवन करते हैं तो आप अपने बढ़ते वजन को कम कर सकते हैं.

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