World Ozone Day 2024: कब और क्यों मनाया जाता है विश्व ओजोन दिवस? जानें ओजोन के बारे में कुछ रोचक बातें!
ओजोन पृथ्वी के वातावरण में एक महत्वपूर्ण परत है, जो सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों (Ultraviolet) से हमारी रक्षा करती है. इस परत को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों में मुख्य रूप से क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFCs), हैलोन, और कुछ अन्य रसायन शामिल हैं.
World Ozone Day: ओजोन पृथ्वी के वातावरण में एक महत्वपूर्ण परत है, जो सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों (Ultraviolet) से हमारी रक्षा करती है. इस परत को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों में मुख्य रूप से क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFCs), हैलोन, और कुछ अन्य रसायन शामिल हैं. इस तरह विश्व कल्याण की दृष्टि से ओजोन के महत्व को समझते हुए 16 सितंबर को विश्व ओजोन दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य उपयुक्त रसायनों के प्रभाव को कम करने और ओजोन परत की सुरक्षा के महत्व को आम लोगों को समझाना है. विश्व ओजोन दिवस के अवसर पर आइये जानते हैं, इस दिवस के इतिहास, इसके महत्व के साथ-साथ ओजोन के बारे में वह बातें, जिसे जानना-समझना हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है...
क्या है ओजोन परत?
साल 1913 में फ्रांसीसी भौतिकविद चार्ल्स फेब्री और हेनरी बुसोन ने ओजोन परत की खोज की थी. ओजोन परत पृथ्वी के ऊपरी सतह पर होती है, तथा सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों (UV) से जीवन की रक्षा करती हैं. 1980 के दशक में वैज्ञानिकों ने पाया कि ओजोन की इस परत का क्रमश ह्रास हो रहा है. इसमें हालेन, क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFCs) एवं अन्य ओजोन-क्षीणकारी पदार्थों की अहम भूमिका थी, जो उसे नुकसान पहुंचा रहे थे. 1987 में मोंट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किया गया, जो मूलतः हानिकारक पदार्थों के उत्पादन और उपयोग को कम करने हेतु एक अंतर्राष्ट्रीय मसविदा था. इस प्रोटोकॉल पर पालन होने से ओजोन परत में सुधार आया, स्थापित करने में मदद मिली है. यह भी पढ़ें : Vishwakarma Jayanti 2024: 16 या 17 सितंबर कब है विश्वकर्मा पूजा? जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि समेत पूरी जानकारी
विश्व ओजोन दिवस का इतिहास
विश्व ओजोन दिवस की स्थापना 1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) हुई थी. इसका उद्देश्य ओजोन परत के संरक्षण और उसे नुकसान पहुंचाने वाले कारकों के प्रति लोगों को जागरूक करना है. हालाँकि, मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल को 1987 में अनुमोदित किया गया था, और समझौते को आधिकारिक रूप से महत्व देने के प्रयास 1995 में शुरू किए गए थे, जिसे सभी 197 संयुक्त राष्ट्र सदस्यों ने अपनी स्वीकृति दी. इसका उद्देश्य ओजोन परत को कम करने वाले पदार्थों के उपयोग को प्रतिबंधित करना था. विश्व ओजोन दिवस 16 सितंबर को मनाया जाता है. मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल का उद्देश्य ओजोन परत को पतला क्रमशः करने में योगदान देने वाले पदार्थों के उत्पादन को सीमित करके इसे संरक्षित करना है.
World Ozone Day के बारे में कुछ ज्ञानवर्धक बातें
• ओजोन परत पृथ्वी की सतह से 10-30 किमी ऊपर समताप मंडल में स्थित है.
• ओजोन तीन ऑक्सीजन परमाणुओं (03) से बना है, जो तब बनता है जब UV प्रकाश 02 अणुओं को विभाजित करता है.
• 1980 के दशक में "ओजोन छिद्र" की खोज की गई थी, जिससे महत्वपूर्ण ओजोन क्षरण पर प्रकाश पड़ा।
• 1987 के मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल का उद्देश्य विश्व स्तर पर ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना है.
* ओजोन परत धीरे-धीरे ठीक हो रही है. सदी के मध्य तक इसकी पूर्ण बहाली होने की उम्मीद है.
• ओजोन क्षरण से त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ता है तथा समुद्री जीवन सहित पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचता है.