क्यों आता है वैवाहिक जीवन में ब्रेकअप? ग्रहों की ये स्थितियां कर सकती हैं आपके प्यार भरे रिश्तों को छिन्न-भिन्न! ऐसे बचा सकते हैं अपना रिलेशनशिप!
‘प्रेम’ शब्द की सकारात्मकता का अहसास इसी से किया जा सकता है कि जो व्यक्ति प्रेम में होता है, उसे दुनिया की हर वस्तु बहुत खूबसूरत लगती है. वह हमेशा कल्पना एवं भावनाओं की दुनिया में डोलता रहता है. आज के दौर में युवक-युवतियों के बीच प्रेम यानी अफेयर होना आम बात है.
‘प्रेम’ शब्द की सकारात्मकता का अहसास इसी से किया जा सकता है कि जो व्यक्ति प्रेम में होता है, उसे दुनिया की हर वस्तु बहुत खूबसूरत लगती है. वह हमेशा कल्पना एवं भावनाओं की दुनिया में डोलता रहता है. आज के दौर में युवक-युवतियों के बीच प्रेम यानी अफेयर होना आम बात है. इनमें से कुछ प्रेम लव अफेयर में बदल जाते हैं, तो कुछ बीच में ही खत्म हो जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र में प्रेम संबंधों के खंडित होने के पीछे ग्रहों एवं नक्षत्रों की दशा की अहम भूमिका बताई गई है. इऩके उतार-चढ़ाव के कारण ही लोगों के संबंध बनते या बिगड़ते हैं. ज्योतिष शास्त्री श्री विनोद देव यहां बता रहे हैं कि किन ग्रहों से होता है हमारा प्रेम प्रभावित, और क्या है इसका उपचार.
ज्योतिष शास्त्र में व्यक्ति की कुंडली का पंचम भाव प्रेम संबंधों को दर्शाता है. विनोद दवे के अनुसार, व्यक्ति विशेष की कुंडली का पंचम भाव जब अशुभ एवं क्रूर ग्रहों से प्रभावित होता है, तब प्रेम संबंधों में दरार आने लगती हैं. छोटी-छोटी बातों को लेकर तनाव एवं झगड़े होते हैं. कभी-कभी तो ऐसी स्थिति भी उत्पन्न होती है कि रिश्तों में खाइयां अलगाव की स्थिति भी उत्पन्न कर देती हैं.
इन ग्रहों की स्थिति से आती है रिश्तों में दरार!
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रिश्तों में दरार आने के पीछे तीन ग्रहों सूर्य, मंगल एवं शनि की अहम भूमिका होती है. यही तीन ग्रह किसी भी कपल्स के जीवन में विलेन की भूमिका निभाते हैं. इन तीनों ग्रहों में कोई भी ग्रह उच्च राशि में होकर पंचम अथवा सप्तम भाव को देखता है, तो रिश्तों में खटास आने अथवा रिश्ते के टूटने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं.
मंगल जब अशुभ हो तो ब्रेकअप की स्थिति पैदा होती है!
कुंडली में जब मंगल ग्रह अशुभ होता है तो प्रेम संबंधों में आये दिन झगड़े एवं विवाद पैदा होने लगते हैं. जातक क्रोध में आकर अपने ही रिश्तों में दुराव लाने लगता है. पंडित दवे के अनुसार मंगल ग्रह से प्रभावित जातक सेलफिश हो जाता है, उसे अपने सबसे प्रिय साथी की रुचि-अरुचि का भी ख्याल नहीं रहता.
मंगल को शुभ बनाने के लिए हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए।
शनि की यह स्थिति भी प्रेम को प्रभावित करती है!
प्रेममय रिश्तों में शनि भी कभी-कभी विलन बनता है. पंचम भाव पर शनि की दृष्टि पड़ने से वाद विवाद एवं ब्रेकअप जैसी स्थिति उत्पन्न होने लगती है. प्रभावित व्यक्ति के स्वभाव में अचानक आक्रोश एवं चिड़चिड़ापन आने लगता है, आए दिन झगड़े होने लगते हैं. कभी-कभी तो हालात ऐसे बन जाते हैं कि एक दूसरे के साथ जीने-मरने की कसम खानेवाले प्रेमी युगल एक दूसरे की शक्ल तक देखना पसंद नहीं करते. शनि की यह स्थिति उन्हें अलग करके मानता है.
इनसे निपटने के लिए शनिवार के दिन शनि देव की पूजा एवं शनि से संबंधित वस्तुओं का दान करना चाहिए.
सूर्य की यह स्थिति भी ब्रेकअप करवाती है!
ग्रहों के प्रमुख माने जाने वाले सूर्य भी विशेष स्थितियों में प्रेमी युगल के रिश्तों को प्रभावित करते हैं. पंडित दवे बताते हैं, यदि किसी पर सूर्य का प्रभाव हो तो जातक अपने जीवन साथी की भी परवाह नहीं करता. इन स्थितियों में वह पार्टनर की हर बात का विरोध करने लगता है. इन वजहों से कभी-कभी विरोध इतना बढ़ जाता है कि ब्रेकअप एक रास्ता शेष रह जाता है.
इससे मुक्ति पाने के लिए रविवार के दिन स्नान के पश्चात सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए.
प्रेम भरे रिश्तों में राहु केतु का आना!
ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को सबसे बुरे ग्रह बताये गये हैं. पंडित दवे के के अनुसार अगर व्यक्ति की जन्म कुंडली में राहु निर्बल है तो उसे धोखा मिलने की संभावना ज्यादा रहती है. प्रेम संबंधों में अचानक दरार पडने का प्रमुख कारक ग्रह केतु को माना है. इसकी वजह से प्रेम संबंधों में खटास आती है, जो धीरे-धीरे बढ़कर ब्रेकअप की स्थिति भी पैदा कर सकता है.
ऐसी स्थिति से पार पाने के लिए प्रथम पूज्य श्री गणेश के साथ भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. इससे राहु-केतु शांत होते हैं.
अगर आप किसी के साथ रिलेशनशिप में हैं, तो उज्जवल भविष्य के लिए किसी अनुभवी ज्योतिष की मदद से अपनी कुंडली में ग्रह स्थितियों का अध्ययन करवा कर प्रेम संबंधों में धोखा खाने से आसानी से बच सकते हैं.