National Tourism Day 2020: ‘अतुल्य भारत’ जिसे निहारने की चाहत हर पर्यटक की दिली ख्वाहिश! जानें क्यों मनाते हैं राष्ट्रीय पर्यटन दिवस!

भारत अपनी विविधताओं के लिए संपूर्ण विश्व में अलग एवं खास पहचान रखता है. जहां तक प्राकृतिक संसाधनों की बात है तो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक प्रकृति ने भारत पर विशेष कृपा बरसाई है. वहीं भारत को अगर पुरातन इतिहास के नजरिये से देखा जाये तो यहां ताजमहल से लेकर कुतबमीनार और हवा महल से लेकर भव्य किलों एवं महलों तक एक से बढ़कर एक नायाब धरोहर हैं जिसे देखने के लिए देश विदेश के पर्यटक हिंदुस्तान आते हैं.

National Tourism Day (Photo Credits: File Image)

National Tourism Day 2020: भारत अपनी विविधताओं के लिए संपूर्ण विश्व में अलग एवं खास पहचान रखता है. जहां तक प्राकृतिक संसाधनों की बात है तो कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक प्रकृति ने भारत पर विशेष कृपा बरसाई है. वहीं भारत को अगर पुरातन इतिहास के नजरिये से देखा जाये तो यहां ताजमहल से लेकर कुतबमीनार और हवा महल से लेकर भव्य किलों एवं महलों तक एक से बढ़कर एक नायाब धरोहर हैं जिसे देखने के लिए देश विदेश के पर्यटक हिंदुस्तान आते हैं. आज राष्ट्रीय पर्यटन दिवस है, आइये जानें इस अवसर पर...

साल के प्रत्येक 25 जनवरी को हम राष्ट्रीय पर्यटन दिवस (National Tourism Day)मनाते हैं. यह हमारा सौभाग्य ही है कि अपने आपमें तमाम विविधताएं समेटे हुए हमारा देश अपने खूबसूरत पर्यटन स्थलों के कारण समूचे विश्व में अपना विशेष स्थान रखता है. साल भर पर्यटकों के आवागमन के कारण भारत की आर्थिक व्यवस्था पर भी बहुत सकारात्मक प्रभाव हुआ है. इससे हमारा आर्थिक स्तर भी बहुत बढ़ा है. भारतीय संस्कृति और सभ्यता को दर्शाते ये रमणीय एवं मनभावन स्थल सिर्फ परदेशियों को ही अपनी ओर आकृष्ट नहीं करते बल्कि समस्त भारतियों को भी लुभाने का केंद्र रहे हैं, और हमेशा रहेंगे. यह भी पढ़े-National Tourism Day: राष्ट्रीय पर्यटन दिवस आज, वेकेशन मनाने के लिए बेस्ट हैं भारत के ये टॉप 10 टूरिस्ट प्लेस

भारत के पर्यटन उद्योगों से आय

प्राप्त आंकड़ों के अनुसार भारत के पर्यटन उद्योग से वर्तमान में लगभग 7.7 प्रतिशत लोग अपनी आजीविका चला रहे हैं. एक अनुमान के तहत प्रतिवर्ष लगभग 70 से 75 लाख विदेशी पर्यटक भारत आते हैं और इससे कहीं पांच गुना ज्यादा पर्यटक भारत के विभिन्न अंचलों से अपने पसंदीदा हिल स्टेशंस, समुद्री किनारे बसे शहरों, मंदिरों, मस्जिदों. राजपुताना एवं मराठा सम्राटों द्वारा बनाये भव्य महलों एवं किलों का दर्शन एवं अवलोकन करने आते हैं. पर्यटन के क्षेत्र में लगातार हो रही प्रगति के कारण आर्थिक सुधार और रोज़गार के क्षेत्र में व्यापक विकास हुआ है.

लोकप्रिय लोकेशंस जहां प्रति वर्ष लगता है पर्यटकों का मेला

जैसा कि पहले ही मैंने बताया कि भारत विविधताओं से भरा देश है. यहां एक से बढ़कर येक दर्शनीय स्थल हैं, जिसे देखने के बाद पर्यटक बार-बार यहां आना चाहता है. इसी में कुछ दो विशेष दर्शनीय स्थल हैं, उनमें प्रमुख हैं, प्रेम के प्रतीक के रूप में विश्वविख्यात आगरा का सफेद संगमरमर से बना ताजमहल, आजादी का गवाह लाल पत्थरों से बना लाल किला, अपने विश्व स्तरीय मेले के लिये प्रख्यात पुष्कर, जहां विश्व में एकमात्र भगवान ब्रह्मा का मंदिर है, आमेर का किला, हुमायूं का मकबरा, उदयपुर का दिव्य सिटी पैलेस, जैसलमेर का मेहरानगढ़ किला, अमृतसर का स्वर्ण मंदिर, जयपुर का हवा महल, दिल्ली का जंतर मंतर इंडिया गेट, पूर्वी भारत का सेवेन सिस्टर्स का जादू, पृथ्वी पर स्वर्ग सरीखा कश्मीर और लद्दाख, भगवान शिव की नगरी काशी, विश्वविख्यात कुंभ मेले का शहर प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन एवं इसके अलावा और भी कई मशहूर हिल स्टेशंस, गोवा, केरला, मुंबई के हिल स्टेशंस ऐसे तमाम दर्शनीय स्थल हैं जो वर्षों से देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं.

राष्ट्रीय पर्यटन दिवस का उद्देश्य

राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य पर्यटन और उसके सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक एवं आर्थिक मूल्यों के प्रति देशवासियों को जागरूक करना है. गौरतलब है कि भारत अपनी सुंदरता, ऐतिहासिक स्थलों, प्रकृति की मनोरमा के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. अपनी समृद्ध सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, प्राकृतिक धरोहर के कारण भारत दुनिया के प्रमुख पर्यटन देशों में शुमार होता है. यहां के हर राज्य की अलौकिक और विलक्षण विशिष्टताएं हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं. पर्यटकों के लिए भारत-यात्रा का विशेष आकर्षण है जो शांत, जादुई, सौंदर्य और रोमांच की तलाश में रहते हैं. इस देश की इन विविधताओं ने ही अनेक यायावरी लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया है. भारतीय पर्यटन विभाग ने पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिये सितंबर 2002 में ‘अतुल्य भारत’ नाम से एक नया अभियान शुरू किया था. इस अभियान का उद्देश्य भारतीय पर्यटन को वैश्विक मंच पर बढ़ावा देना था. इस अभियान के तहत हिमालय, कश्मीर, वन्य जीव, योग और आयुर्वेद पर अंतर्राष्ट्रीय समूह का ध्यान खींचा गया.

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