Teachers Day 2024: चुनौतियों के समाधान और शिक्षकों के सशक्तिकरण का समय
दुनिया में शिक्षक न होते, तो हर किसी के पास सवाल होते लेकिन जवाब नहीं होते. ना हमें अपने सबक याद होते और न ही दुनिया के लीडर्स तैयार होते. शिक्षकों के बगैर ये दुनिया बड़ी खाली रह जाती.
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर : दुनिया में शिक्षक न होते, तो हर किसी के पास सवाल होते लेकिन जवाब नहीं होते. ना हमें अपने सबक याद होते और न ही दुनिया के लीडर्स तैयार होते. शिक्षकों के बगैर ये दुनिया बड़ी खाली रह जाती. हमारे जीवन में ज्ञान का बीज बोकर हमारे मन को प्रेरित करने वाले शिक्षक हमारे मार्गदर्शक, हमारे प्रेरणास्रोत और हमारे दोस्त हैं. 5 अक्टूबर को मनाया जाने वाले विश्व शिक्षक दिवस शिक्षकों के अमूल्य योगदान को सम्मानित करता है.
शिक्षक दिवस मनाए जाने के बैकग्राउंड की बात करें तो 1966 में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) और यूनेस्को ने इसी दिन एक बैठक में शिक्षकों के अधिकार, जिम्मेदारियों, रोजगार और आगे के अध्ययन के लिए मानक तय किए थे. हालांकि, विश्व शिक्षक दिवस की शुरुआत साल हुई थी 1994 से. इस साल विश्व शिक्षक दिवस मनाने की यूनेस्को की सिफारिश पर करीब 100 देशों ने समर्थन दिया था. इसके बाद हर साल 5 अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस मनाया जाता है. यूनेस्को और इंटरनेशनल एजुकेशन इसके लिए प्रत्येक साल एक अभियान चलाते हैं. यह भी पढ़ें : केंद्र की मदद के बिना कांग्रेस एक दिन भी हिमाचल सरकार नहीं चला सकती: नड्डा
जीवन में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता देने वाली यह समाज के लिए बड़ी संवेदनशील पहल थी. हालांकि, शिक्षक दिवस का व्यापक लक्ष्य सभी के लिए शिक्षा को बढ़ावा देना है. इसका उद्देश्य यह भी है कि हमारे समाज में न केवल शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार किया जाए बल्कि उनके सामने आने वाली बाधाओं का भी समाधान किया जाए.
शिक्षक की अपनी क्षमता का पूरा उपयोग करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि उनके विचारों को सुना जाए और उनके पेशे को प्रभावित करने वाली प्रक्रियाओं में उनकी आवाज को भी महत्व दिया जाए. इस साल का विश्व शिक्षक दिवस शिक्षकों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने और शिक्षा में उनकी भूमिका के बारे में अधिक समावेशी संवाद स्थापित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है. विश्व शिक्षक दिवस 2024 इसी जरूरत को फोकस कर रहा है. यानी यह शिक्षकों को सशक्त बनाना पर है.
"गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पाय. बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय." भारत के संदर्भ में तो गुरु-शिष्य परंपरा को अत्यधिक महत्व दिया गया है. शिक्षक की उत्तम भूमिका सीधा शिष्य के व्यक्तित्व के विकास को आगे बढ़ाती है. शिक्षक हमारे मूल्यों को निखारते हुए हमें एक जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. इस तरह से शिक्षक किसी देश के भविष्य के निर्माता हैं.
आज की तेजी से बदलती दुनिया में शिक्षकों की भूमिका भी बदल रही है. अब शिक्षक केवल कक्षा में बैठकर पाठ पढ़ाने तक सीमित नहीं हैं. उन्हें तकनीकी ज्ञान, डिजिटल शिक्षा और वैश्विक दृष्टिकोण से विद्यार्थियों को तैयार करना पड़ रहा है. ऑनलाइन शिक्षा, वर्चुअल क्लासरूम, और डिजिटल टूल्स के माध्यम से शिक्षक न केवल विद्यार्थियों को शिक्षित कर रहे हैं, बल्कि उन्हें आने वाले समय की चुनौतियों से भी निपटने के लिए सक्षम बना रहे हैं.
अब सवाल यह है कि एक विद्यार्थी के तौर पर आप विश्व शिक्षक दिवस को कैसे मना सकते हैं? इसके लिए लिए आप अपने शिक्षक के लिए धन्यवाद पत्र लिख सकते हैं. उन्हें बताएं कि उनकी सलाह और प्रोत्साहन ने आपको कितनी मदद की है. अपने शिक्षक को छोटे और व्यक्तिगत उपहार देकर आभार व्यक्त कर सकते हैं. भले ही छोटा हो लेकिन अर्थपूर्ण हो. आप क्लास पार्टी कर सकते हैं, जिसमें एक केक ला सकते हैं, उस स्थान को सजा सकते हैं और एक ग्रुप फोटो ले सकते हैं. आप मेमोरी बुक तैयार कर सकते हैं. शिक्षक के लिए वीडियो मैसेज बना सकते हैं.