Starting Symptoms of Cancer: ये होते हैं कैंसर के शुरुआती लक्षण, दिखते ही फौरन लें डॉक्टर से परामर्श

कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनते ही रूह कांप जाती है और भगवान से यही प्रार्थना करते हैं कि कभी किसी को इसकी चपेट में न आना पड़े. पिछले कुछ दशकों में देखा गया है कि यह बीमारी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है.

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नई दिल्ली, 8 नवंबर : कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका नाम सुनते ही रूह कांप जाती है और भगवान से यही प्रार्थना करते हैं कि कभी किसी को इसकी चपेट में न आना पड़े. पिछले कुछ दशकों में देखा गया है कि यह बीमारी तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. जहां कुछ लोग कैंसर की जंग हार जाते हैं, कुछ लोग उसे मात देकर नई जिंदगी का आगाज करते हैं.

कई बार कुछ लोग कैंसर के शुरुआती लक्षण नहीं भांप पाते हैं. इस वजह से उन्हें गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में यह जान लेना हमारे लिए जरूरी हो जाता है कि आखिर कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या हो सकते हैं? कैंसर कितने प्रकार के होते हैं? कैंसर को कैसे मात दिया जा सकता है? यह भी पढ़ें : Figs Are Non-Veg: क्या अंजीर नॉनवेज फल है? जानें क्या है ‘डेड-वास्प’ प्रक्रिया, जिसके चलते जैन और शाकाहारी लोग करते हैं इससे परहेज (Watch Video)

आईएएनएस ने फोर्टिस अस्पताल के अतिरिक्त निदेशक एवं मेडिकल ऑन्कोलॉजी के प्रमुख डॉ. सुहैल क़ुरैशी से विस्तृत बातचीत की. उन्होंने कहा, “बिल्कुल इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि कैंसर एक गंभीर बीमारी है. लेकिन, अगर समय रहते इसके शुरुआती लक्षण पहचान लिए गए, तो इसका उपचार भी उपलब्ध है.”

उन्होंने कहा, “एक डॉक्टर होने के नाते मैं यही कहना चाहूंगा कि आप कैंसर को लेकर पहले तो अपने मन से डर को निकाल दें, क्योंकि जब आप किसी बीमारी को लेकर मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार रहते हैं, तो डॉक्टर उसका बेहतर उपचार कर पाते हैं.”

उन्होंने कैंसर के शुरुआती लक्षण के बारे में बताते हुए कहा, “यहां आपको यह समझना होगा कि अलग-अलग कैंसर में अलग-अलग लक्षण देखने को मिलते हैं. लेकिन, कई बार यह देखने को मिला है कि लोग इन लक्षणों को पहचान नहीं पाते हैं. मिसाल के तौर पर अगर ब्रेस्ट कैंसर की बार करें, तो इसमें बहुत ही सामान्य लक्षण देखने को मिलते हैं. जैसे की शुरुआती दौर में ब्रेस्ट कैंसर में गांठ देखा जा सकता है या ब्रेस्ट के निपल से कुछ डिस्चार्ज होना, या ब्रेस्ट के निप्पल का लाल हो जाना, या एक ब्रेस्ट का साइज दूसरे ब्रेस्ट से अलग होना. ये कुछ शुरुआती लक्षण ब्रेस्ट कैंसर की स्थिति में देखने को मिल सकते हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “इसी प्रकार से फूड पाइप के कैंसर में आमतौर पर देखा जाता है कि खाना अटक जाता है. खाना नीचे न जा पाना, पानी का नीचे न जा पाना, खाने को निगलने में दिक्कत होना, खून की उल्टी होना, वजन का कम होना, उल्टी होना, भूख का कम लगना, यह सब पेट के कैंसर के लक्षण होते हैं."

उन्होंने बताया कि शरीर के किसी भी हिस्से में गांठ का लगना, या सूजन आना, बगैर किसी कारण के वजन घटना, जैसे लक्षण कैंसर के हो सकते हैं. लेकिन, इस बात का ध्यान रहे कि यह लक्षण दूसरी बीमारियों के भी हो सकते हैं. इसलिए ऐसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर से सलाह लें.”

उन्होंने कहा, “कैंसर कई प्रकार के होते हैं. कुछ कैंसर बहुत तेजी से फैलते हैं, जिनका उपचार जल्दी करना पड़ता है. कुछ कैंसर बहुत धीमी रफ्तार से फैलते हैं जिनका ओरल टेबलेट के जरिए भी उपचार किया जा सकता है. आमतौर पर कैंसर के प्रकार इस बात पर भी निर्भर करते हैं कि आप शरीर के किस अंग की बात कर रहे हैं.

कैंसर के शुरुआती लक्षण किसी मरीज में देखे जाने पर उसे सबसे पहले इस बात की पुष्टि करनी चाहिए कि यह कैंसर है या नहीं. इसके लिए पूरी बॉडी का स्कैन कराना होगा. इसमें बीमारी के स्तर का पता चलता है कि बीमारी कहां-कहां फैली हुई है. इसके अलावा, बायोप्सी टेस्ट भी किया जाता है, जिससे मरीज में कैंसर की पुष्टि होती है. इससे यह भी पता चल जाता है कि शरीर में किस प्रकार का कैंसर है.

उन्होंने आगे कहा, “लोगों के बीच में एक मिथ्या है कि बायोप्सी करने से कैंसर फैल जाता है. लेकिन, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. हां, कुछ कैंसर ऐसे होते हैं, जिसमें हमें बायोप्सी की जरूरत नहीं पड़ती है. इसमें हम ब्लड टेस्ट के जरिए यह पता लगा लेते हैं कि शरीर में कैंसर है या नहीं. ”

क्या कैंसर से एक बार ठीक होने के बाद उसके चपेट में आने की दोबारा संभावना रहती है? इस पर उन्होंने कहा, “कुछ कैंसर काफी अग्रेसिव होते हैं. तो ऐसे में इस बात की संभावना रहती है कि वह दोबारा अटैक कर दे. इसलिए समय-समय पर आपको जांच करानी चाहिए. आपको अपने डॉक्टर से परामर्श लेनी चाहिए.” कैंसर से बचने के लिए हम अपनी जीवन शैली में किस तरह के बदलाव कर सकते हैं, इसके बारे में उन्होंने कहा, “स्मोकिंग, अल्कोहल, पान मसाला का इस्तेमाल बिल्कुल न करें और पोषणयुक्त आहार का सेवन करें. इसके अलावा, समय-समय पर अपने डॉक्टर से परामर्श लेते रहे.”

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