एक समय था, जब मां अपने नवजात शिशु को दुनिया भर की बुरी नजरों से बचाने के लिए उसके पैरों में काले मोती से बना काला धागा बांधती थीं, अथवा माथे पर काला काजल लगाती थीं. मान्यता है कि काला रंग नकारात्मक ऊर्जा अथवा दूसरे की काली जुबान के प्रभाव से बचाता है. वर्तमान में यह टोटका एक फैशन की रूप ले चुका है. आज शायद ही कोई ऐसी लड़की (कुछ जगहों पर पुरुष भी) होगी, जिसके पैरों में काला धागा ना दिखे. हालांकि बड़े-बुजुर्गों का आज भी यही मानना है कि बड़ा हो या छोटा काला धागा, काजल, बुरी नजरों, काले जुबानों एवं नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव से सभी को बचाता है. आइये जानें काले धागा बांधने के क्या क्या नियम हैं...
सर्वप्रथम बता दें कि काला धागा बांधने या ना बांधने के भी कुछ मूलभूत नियम हैं, इसलिए अगर आप अपने पैरों में काला धागा बांध रही हैं, तो कुछ बातों का अवश्य ध्यान रखें, वरना इसका विपरीत असर भी पड़ सकता है.
* अगर आप पहली बार अपने पैरों में काला धागा पहनने जा रही हैं तो कोशिश करें कि धागा बांधते समय यह आपके शरीर को अवश्य स्पर्श करता रहे.
* ध्यान रहे इस धागे को बांधने के पश्चात अगर आपको किसी मानसिक अथवा शारीरिक समस्याएं शुरू हुई हैं तो इसे तुरंत हटा दें. क्योंकि ग्रह विशेष से प्रभावित लोगों के लिए इसके नकारात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं. बेहतर होगा कि आप किसी ज्योतिष शास्त्री से राय मशविरा करने के बाद ही काला धागा बांधे. यह भी पढ़ें: Tourists in Himachal: हिमाचल में पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड तीन गुना से अधिक का इजाफा
* अगर कोई महिला अपनी बाईं कलाई पर काला धागा बांधती है तो इससे आपके मन में शुभता आती है.
* अगर धागा ढीला हो गया है अथवा टूट गया है तो नया धागा बांधना चाहिए. वरना प्रत्येक तीन से चार माह में धागे बदल लेना चाहिए. तभी काला धागा बांधने का लाभ मिलता है.
* अगर आप काला धागा के प्रभाव को नहीं मानते हैं तो आप एक बार शनिवार के दिन शनि के वैदिक मंत्रों के जाप के साथ काला धागा पहनकर देखिये, आपको इसका लाभ महसूस होगा.
* काला धागा बांधने के लिए शनिवारा का दिन सबसे ज्यादा लाभकारी माना जाता है.
* हिंदू धर्म में काला धागा शनिदेव का प्रतीक माना जाता है, और शनि को कर्म का देवता भी माना जाता है, इसलिए जो लोग काला धागा पहनते हैं, उन्हें अशुभ कार्यों से बचना चाहिए. उन्हें किसी मासूम पशु अथवा पक्षियों को बेवजह परेशान नहीं करना चाहिए.
* अगर आप काला धागा पैर अथवा हाथों में बांधते हैं तो कोशिश करें कि घर में सदा शांति बनी रहे, या फिर आप इस दिन एक या दो बार किसी भी समय गायत्री मंत्र का जाप अवश्य करें.
* काला धागा बांधने के पश्चात सुनिश्चित कर लें कि यह धागा आपकी बांह अथवा पैरों में अच्छी तरह बंधा है या नहीं.