भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पति-पत्नी एक साथ मंदिर जाते हैं. पूजा भी एक साथ करनी चाहिए. लेकिन शिमला में रामपुर नाम की जगह पर श्राई कोटि माता मंदिर है. इस मंदिर में पति-पत्नी का एक साथ माता के दर्शन करना या पूजा करना दोनों मना है और अगर इसके बाद भी जोड़े ऐसा करते हैं तो उन्हें इसकी सजा भुगतनी पड़ती है. इसके पीछे एक पौराणिक मान्यता है. एक बार भगवान शिव ने अपने दोनो बच्चों कार्तिकेय और गणेश के सामने शर्त रखी कि द्वोनो में से जो भी पूरे ब्रह्माण्ड की सबसे पहले परिक्रमा कर आएगा. उसका विवाह सबसे पहले होगा. कार्तिकेय अपने वाहन मोर के साथ ब्रह्माण्ड की परिक्रमा के लिए निकल गए. लेकिन गणेश जी ठहरे चतुर उन्होंने माता पार्वती और शिव की परिक्रमा लगाईं और कह दिया कि माता पिता के चरणों में पूरा ब्रह्माण्ड है. जिसके बाद गणेश का विवाह पहले कर दिया गया. जब कार्तिकेय ब्रह्माण्ड का चक्कर लगाकर पहुंचे और देखा की गणेश का विवाह हो चुका है, उन्हें बहुत दुख हुआ. गुस्से में उन्होंने कभी न विवाह करने की कसम खाई.
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कार्तिकेय की इस बात से माता पार्वती दुखी हो गईं और उन्होंने कहा कि जो भी पति- पत्नी एक साथ इस मंदिर में उनके दर्शन करने आएंगे वो अलग हो जाएंगे. इसलिए आज भी पति-पत्नी एक साथ इस मंदिर में पूजा नहीं करते हैं. यहां दूर-दूर से लोग श्राई कोटि माता के दर्शन करने आते है. हालांकि जब पति-पत्नी यहां दर्शन करने आते हैं तो वे अलग-अलग ही माता के दर्शन करते हैं.