Shani Amavasya 2019: 4 मई को है शनि अमावस्या, पाना चाहते हैं शनिदोष से निजात तो इस दिन करें ये उपाय, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
शनि अमावस्या (Photo Credits: Facebook)

शनि अमावस्या 2019: 4 मई को शनि अमवस्या है. इस बार शनि अमावस्या शनिवार के दिन पड़ रही है. इसलिए ये शनिश्चरी अमावस्या है. शास्त्रों में शनिश्चरी अमावस्या का बड़ा महत्त्व है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर शनिदेव की पूजा की जाती है उन्हें तिल और तेल चढ़ाया जाता है. इस दिन शनि की पूजा करने से शनि देव खुश हो जाते हैं और साथ ही साढ़े साती, ढैय्या और कालसर्प योग से भी छुटकारा मिलता है. शनि के प्रकोप से कोई नहीं बच पाता है. बड़े-बड़े राजा रंक हो जाते हैं. इसलिए कोई भी शनिदेव को रुष्ट करना नहीं चाहता है. क्योंकि शनिदेव को न्यायाधीश की उपाधि प्राप्त है. वे सभी को कर्मों के अनुसार फल देते हैं.

स्कन्दपुराण में उनके जन्म से जुड़ी कथा के अनुसार सूर्य का विवाह राजा दक्ष की बेटी संज्ञा से हुआ था. वो सूर्य के तेज को सह नहीं पाती थीं. वक्त के साथ सूर्य देव को तीन संतानें मनु, यमराज और यमुना हुईं. इसके बाद भी वो सूर्य का तेज बर्दाश्त नहीं कर पाईं. परेशान होकर उन्होंने सूर्य देव का तेज सहने के लिए तपस्या की. तपस्या से उन्होंने अपनी छाया को अपना रूप देकर सारी जिम्मेदारियां सौंप उन्हें सौंप दी. छाया को सूर्यदेव के तेज से कोई परेशानी नहीं हुई. छाया और सूर्य को भी तीन संतानें हुई. उनमें से एक शनिदेव हैं.

ऐसे करें शनिदेव को प्रसन्न.

अगर आपकी कुंडली में दोष, काम नहीं बन पा रहे हैं, घर में परेशानियां हैं, इन सब से निजात पाने के लिए शनि अमावस्या के दिन अपने घर में शमी का पौधा लगाएं. पौधे के चारों ओर गमले में काला तिल डालिए और ‘शमी शम्यते पापं’ मंत्र का जाप करें. शमी का पेड़ परेशानियों और पापों से मुक्ति दिलाता है. शनि अमावस्या के दिन शमी का पेड़ जरूर लगाएं और ऊँ शं यो देवि रमिष्ट्य आपो भवन्तु पीतये, शं योरभि स्तवन्तु नः मंत्र का 11 बार जाप करें. इससे शनिदेव आपसे प्रसन्न होंगे और आपको जल्द ही परेशानियों से निजात मिलेगी.

मुहुर्त: चैत्र अमावस्या को विक्रमी संवत् का आखिरी दिन माना जाता है. 17 मार्च 2018 को पड़ रही शनि अमावस्या के दिन शाम 6:13 मिनट से शाम 7:13 मिनट तक शुभ मुहूर्त है.

पूजा विधि: शनि अमवस्या के दिन घर की पश्चिम दिशा में काले कपड़े पर शनिदेव की मूर्ति की स्थापित करें. सच्चे मन से आराधना करते हुए सरसों के तेल का दीपक जलाएं. पीपल के पत्ते चढ़ाएं. शनिश्चरी अमावस्या के इस पूजन में तिल और काजल चढ़ाएं. इसके बाद शं शनैश्चराय कर्मकृते नमः मंत्र का जाप करें ऐसा करने से आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी.

जिन लोगों पर शनि का दोष है उन्हें शनि यंत्र धारण करना चाहिए और काले वस्त्र पर नारियल का तेल लगाकर, काला तिल, उड़द की दाल, घी जैसी वस्तुओं का दान करना चाहिए.