Shab-e-Barat 2022 Greetings: शब-ए-बारात पर ये ग्रीटिंग्स WhatsApp Stickers, HD Wallpapers और GIF Images के जरिये भेजकर दें मुबारकबाद
इस्लामिक कैलेंडर (Islamic Calendar) के अनुसार, शब-ए-बारात (Shab-e-Barat) शाबान महीने की 14वीं और 15वीं तारीख की मध्य रात को मनाया जाता है. हिजरी कैलेंडर के मुताबिक, शब-ए-बारात की रात शाबान महीने (Shabaan Month) की 14वीं तारीख को सूर्यास्त के बाद शुरू होती है. शब का अर्थ है रात, जबकि बारात का मतलब है बरी होना....
Shab-e-Barat 2022 Greetings: इस्लामिक कैलेंडर (Islamic Calendar) के अनुसार, शब-ए-बारात (Shab-e-Barat) शाबान महीने की 14वीं और 15वीं तारीख की मध्य रात को मनाया जाता है. हिजरी कैलेंडर के मुताबिक, शब-ए-बारात की रात शाबान महीने (Shabaan Month) की 14वीं तारीख को सूर्यास्त के बाद शुरू होती है. शब का अर्थ है रात, जबकि बारात का मतलब है बरी होना. इस साल शब-ए-बारात का पर्व 18 मार्च से लेकर 19 मार्च तक मनाया जाएगा. कहा जाता है कि इस रात इबादत करने से लोगों के सारे गुनाह माफ हो जाते हैं, इसलिए लोग शब-ए-बारात की रात अल्लाह की इबादत करते हैं और उनसे अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं. इसके अलावा लोग अपने पूर्वजों के लिए भी अल्लाह से दुआ करते हैं. यह भी पढ़ें: Shab-e-Barat Mubarak 2022 Wishes: शब-ए-बारात पर ये विशेज WhatsApp Stickers, GIF Images और HD Wallpapers के जरिये भेजकर दें मुबारकबाद
इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, इस रात अल्लाह अपने बंदों का हिसाब-किताब रखने के लिए आते हैं, इसलिए माना जाता है कि इस दिन सच्चे दिल से अल्लाह की इबादत करने और अपने गुनाहों की माफी मांगने पर अल्लाह अपने बंदों पर मेहरबान होते हैं और उनके लिए जन्नत के दरवाजे खोल देते हैं. शब-ए-बारात की रात अल्लाह की इबादत और अपने गुनाहों की माफी मांगने के अलावा इस्लाम धर्म के लोग एक-दूसरे को इस पाक रात की बधाई भी देते हैं. ऐसे में आप भी अपने दोस्तों-रिश्तेदारों को शब-ए-बारात मुबारक कह सकें, इसलिए हम लेकर आए हैं शब-ए-बारात मुब्कारक के विशेज, Images, WhatsApp Stickers, Facebook Greetings, GIFs और Wallpapers जिन्हें आप सोशल मीडिया के जरिए भेजकर मुबारकबाद दे सकते हैं.
शब-ए-बारात मुबारक
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शब-ए-बारात पर मस्जिदों में विशेष तैयारी की जाती है. मस्जिदों में इबादत के लिए आने वालों के लिए विशेष रूप से व्यवस्था की जाती है. शाम से लेकर फजर की नमाज तक लोगों की भीड़ जुटी रहती है. लोग कब्रिस्तान भी जाते हैं और फातिहा पढ़ते हैं. शब-ए-बरात के ठीक पंद्रह दिनों के बाद रमजान शुरू हो जाएगा. शाबान और रमजान का महीना मुसलमानों के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. यही वजह है कि शब-ए-बारात पर्व का काफी महत्व दिया जाता है.