Saraswati Puja 2024: बसंत पंचमी पर सरस्वती-पूजा के दरमियान बासंती भोग अर्पित कर ज्ञान की देवी सरस्वती से मनोवांछित फल प्राप्त करें, जाने ऐसे पांच विशिष्ट भोग!

भारत में बसंत पंचमी ऋतु परिवर्तन का प्रतीक है, इसी दिन से शीत ऋतु की विदाई, और गर्मी का आगमन शुरू होने लगता है. साल भर का सबसे बेहतरीन मौसम होने के कारण ही इसे ‘ऋतुओं का राजा’ भी कहा जाता है, लेकिन सनातन धर्म में इस दिन को कुछ विशेष ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इसी दिन संपूर्ण सृष्टि को माँ सरस्वती ने स्वर और संगीत अर्पित किया था.

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भारत में बसंत पंचमी ऋतु परिवर्तन का प्रतीक है, इसी दिन से शीत ऋतु की विदाई, और गर्मी का आगमन शुरू होने लगता है. साल भर का सबसे बेहतरीन मौसम होने के कारण ही इसे ‘ऋतुओं का राजा’ भी कहा जाता है, लेकिन सनातन धर्म में इस दिन को कुछ विशेष ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इसी दिन संपूर्ण सृष्टि को माँ सरस्वती ने स्वर और संगीत अर्पित किया था. यही समय है जब संपूर्ण सृष्टि गेहूं की सुनहरी बालियों एवं सरसों के पीले फूल से अलंकृत दिखती है. हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी के अवसर पर माँ सरस्वती को पीले फूल, पीले चंदन, पीले वस्त्र, पीले फल के साथ पीले रंग के व्यंजन बहुत पसंद हैं. इसलिए इस दिन देवी सरस्वती की पूजा-अर्चना के दरमियान देवी को उनके पसंद के अनुरूप व्यंजन अर्पित करने से वह प्रसन्न होती हैं और भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं. आइये जानें माँ सरस्वती की जयंती पर उन्हें किस तरह के व्यंजन अर्पित करना चाहिए, और पूजा के बाद उसे प्रसाद के तौर पर स्वयं भी खाना चाहिए. बता दें कि इस वर्ष 14 फरवरी 2024, बुधवार को बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाएगी. यह भी पढ़ें : Shattila Ekadashi 2024 Wishes: षट्तिला एकादशी की इन भक्तिमय हिंदी WhatsApp Messages, Facebook Greetings, Quotes, HD Images के जरिए दें शुभकामनाएं

केसर चावलः केसर युक्त चावल और दूध का खीर बनाकर मां सरस्वती को प्रसाद में चढ़ाएं. मान्यता है कि केसरिया रंग और खुशबू वाली केसर की खीर देवी सरस्वती को अत्यंत प्रिय है. इसका बसंती रंग शुभता का प्रतीक माना जाता है.

केसर का हलवाः केसर युक्त सूजी का हलवा भी देवी सरस्वती का प्रिय माना जाता है. बसंत पंचमी के दिन प्रसाद के रूप में सूजी का केसर युक्त हलवा देवी सरस्वती को चढ़ाएं. हलवा में सूखे मेवे सजाएं, यह समृद्धि का भी प्रतीक है और देवी सरस्वती को भी प्रिय हैं, देवी सरस्वती आपके इस प्रसाद से प्रसन्न होकर आपकी हर मनोकामना पूरी होगी.

पीले बेसन के लड्डूः बसंत पंचमी के दिन भुने हुए बेसन, शुद्ध घी एवं चीनी से बनी पारंपरिक लड्डू बनाएं. मिश्रण में याद से केसरिया रंग अवश्य मिलाएं. पुराणों के अनुसार केसरिया रंग के ये लड्डू माता सरस्वती को अत्यधिक प्रिय हैं. प्रसाद के रूप में ग्रहण कर आप भी प्रसन्न होंगे.

हल्दी केसर मिला दूधः हल्दी स्वास्थ्य के लिए किसी औषधि से कम नहीं है, मगर बसंत पंचमी के दिन आप हल्दी, दूध, शक्कर और केसर युक्त दूध देवी सरस्वती को अर्पित करें तो वे प्रसन्न होकर आपको धन-धान्य से परिपूर्ण कर देंगी. यह पेय तैयार करने में आपको ज्यादा वक्त भी नहीं लगेगा.

आम केसरीः इन दिनों दक्षिण प्रदेशों में बाजार में नई फसल के आम आने लगते हैं. आप आम से तैयार केसरिया रंग के कोई भी व्यंजन देवी सरस्वती को चढ़ा कर मनोवांछित फलों की प्राप्ति कर सकते हैं. आम के तमाम मीठे व्यंजन आप बना सकते हैं.

इस तरह आपने देखा कि किस तरह आप बसंत पंचमी के केसरिया महोत्सव पर देवी सरस्वती को उनकी पसंद के अनुरूप विशिष्ठ व्यंजनों का भोग लगाकर उनसे ज्ञान, कला, संगीत और शिक्षा आदि में विशेष सफलता अर्जित करने का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही माता सरस्वती की कृपा घर में सुख, संपत्ति और शुभता की बहार भी लायें.

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