प्राचीनकाल से ही गुलाब का फूल प्रेम का प्रतीक माना जाता रहा है. आप जिस व्यक्ति से बेपनाह मोहब्बत करते हैं, उसे गुलाब का फूल भेंट कर अपने दिल की बात बिना कुछ कहे जता देते हैं. इसीलिए आज के युग में भी अधिकांश युवक-युवती इजहार-ए-मोहब्बत के लिए एक दूसरे को गुलाब भेंट करते हैं. वैलेनटाइन वीक की शुरुआत भी रोज-डे से होती है, जो प्रत्येक वर्ष 7 फरवरी को सेलीब्रेट किया जाता है. रोज-डे एक ऐसा दिन है, जब सिर्फ प्रेमी युगल ही नहीं बल्कि हर उम्र के लोगों के बीच प्रेम-भाव जागृत करता है. ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि प्रेम की भावाभिव्यक्ति के लिए गुलाब का फूल ही क्यों दिया जाता है, यहां ऐसे कुछ कारण हम बतायेंगे कि आखिर गुलाब का फूल ही क्यों?
* गुलाब का फूल हर उम्र और हर वर्ग के लोगों को आकर्षित करता है. विशेष रूप से लड़कियों को लाल गुलाब बहुत भाता है. जिस तरह से गुलाब की बहुत सारी प्रजातियां होती हैं, उसी तरह लाल गुलाब की भी तमाम सारी प्रजातियां होती हैं, लेकिन रोज-डे के अवसर पर ज्यादातर लोग ग्राफ्टेड गुलाबों के गुच्छ ही भेंट करते हैं. बाजार में ये आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं.
* गुलाब के फूल जितने खूबसूरत होते हैं, उतनी ही भीनी इसकी सुगंध होती है. इसलिए भी रोमांस अथवा प्रेम के प्रतीक के रूप में लोग गुलाब का फूल भेंट करते हैं.
* वैलेनटाइन वीक की शुरुआत रोज-डे से होती है. इसके पीछे तथ्य यह बताये जाते हैं कि प्रेम की पहली अभिव्यक्ति फूलों से होती है और वह भी गुलाब के फूल से. इसके बाद ही प्रपोज अथवा चॉकलेट आदि का सिलसिला शुरु होता है. चूंकि प्रकृति ने गुलाब को लाल, पीला, गुलाबी, सफेद, संतरी और काले जैसे तमाम रंग दिये हैं, यहां काले रंग को छोड़ शेष सभी रंगों के फूल अपनी और अपनी महबूबा की पसंद के अनुरूप भेंट किये जाते हैं. यह भी पढ़ें : Happy Rose Day 2022 Messages: रोज डे पर ये हिंदी मैसेजेस WhatsApp Stickers, HD Images और GIF Greetings के जरिए भेजकर कहें अपने दिल की बात
* गुलाब को प्रेम का प्रतीक मानने के पीछे एक वजह हमारी फिल्म भी इंडस्ट्री है, जहां शुरु से गुलाब को प्रेम के इजहार के रूप में प्रस्तुत किया जाता रहा है. नायक एवं नायिका अपने प्रेम की अभिव्यक्ति गुलाब का फूल देकर करते हैं.
* भारत में किसी भी शुभ अथवा नये कार्य की शुरुआत फूलों से की जाती है, विशेष रूप से गुलाब के फूलों का इस्तेमाल किया जाता है. इस तरह गुलाब को प्रेम के साथ-साथ शुभता का भी प्रतीक माना जाता है.
* पौराणिक ग्रंथों के अनुसार देवी-देवता जिस जल में स्नान करते थे, उसमें गुलाब के फूल भरे जाते थे, इसके अलावा श्रृंगार एवं शयनकक्ष आदि में भी गुलाब के फूलों के प्रयोग की बात सुनने को मिलती है.