हिंदू कैलेंडर के अनुसार पूरे माघ महीने (Magh Month) को पवित्र और भाग्यशाली माना जाता है, इस वर्ष माघ महीने की शुरुआत 29 जनवरी से शुरू हो रही है और 27 फरवरी तक रहेगी. माघ महीने में पवित्र नदियों में स्नान और दान का बहुत पुण्य मिलता है. हिन्दू धर्म में माघ महीने का बहुत महत्व है. माघ एक बहुत ही महत्वपूर्ण अवधि है, जब संतों और कल्पवासियों द्वारा विभिन्न अनुष्ठान किए जाते हैं. माघ महीने की दूसरी सबसे महत्वपूर्ण दिन मौनी अमावस्या है.
इस दिन स्नान, प्रसाद, प्रार्थना और उपवास सभी को महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह माना जाता है कि हिंदू देवी-देवता गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम पर पवित्र स्नान करने के लिए उतरते हैं. माघ माह के महत्व के बारे में पुराणों में भी उल्लेख किया गया है. महाभारत युद्ध की समाप्ति के बाद पांचों पांडवों में सबसे बड़े धर्मराज युधिष्ठिर ने युद्ध में मारे गए लोगों को सद्गति दिलाने के लिए कल्पवास किया था. उन्होंने यह मार्कण्डेय ऋषि के कहने पर किया था. इसके अलावा गौतम ऋषि ने इन्द्र को श्राप दिया था, इस श्राप से इन्द्र देव को मुक्ति माघ स्नान के बाद ही मिली थी. पौराणिक कथाअनुसार माघ माह के धार्मिक अनुष्ठान के फलस्वरूप प्रतिष्ठानपुरी के नरेश पुरुरवा को उनकी कुरूपता से छुटकारा माघ माह में स्नान के बाद ही मिली. माघ महीने में पवित्र नदियों में स्नान करने से शरीर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है. यह भी पढ़ें: माघ मास: इस महीने जप, तप और स्नान का होता है विशेष महत्व, इस दौरान हर किसी को करने चाहिए ये काम
माघ माह अंत में पूर्णिमा के दिन समाप्त होता है जब सूर्य श्रवण नक्षत्र में प्रवेश करता है. इस दिन कल्पवासी उपवास करते हैं और अनुष्ठान करते हैं. इस दौरान शिव की पूजा की जाती है और स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ा कर दान पुण्य किया जाता है.