Lunar Eclipse 2020: जानें चंद्र ग्रहण में गर्भवती महिलाओं को क्या करना चाहिए और क्या नहीं

चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जब पृथ्वी चंद्रमा की सतह को सीधे छूते हुए सूर्य के प्रकाश को अवरुद्ध करती है और सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी तीनों सीधी रेखा में आ जाते हैं तब चंद्र ग्रहण होता है. 10 जनवरी शुक्रवार को साल का पहला चंद्रग्रहण लगने वाला है. यह चंद्र ग्रहण 10 जनवरी रात 10:37 बजे से शुरू होकर अगले दिन 2:42 बजे सुबह तक चलेगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

Lunar Eclipse 2020: चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जब पृथ्वी चंद्रमा की सतह को सीधे छूते हुए सूर्य के प्रकाश को अवरुद्ध करती है और सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी तीनों सीधी रेखा में आ जाते हैं तब चंद्र ग्रहण होता है. 10 जनवरी शुक्रवार को साल का पहला चंद्रग्रहण लगने वाला है. यह चंद्र ग्रहण 10 जनवरी रात 10:37 बजे से शुरू होकर अगले दिन 2:42 बजे सुबह तक चलेगा. इसका मतलब है कि साल का पहला चंद्र ग्रहण लगभग चार घंटे 5 मिनट तक रहने वाला है. 10 जनवरी का ग्रहण दुनिया के कुछ हिस्सों जैसे कि एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका से दिखाई देगा. कुल मिलाकर इस साल 4 चन्द्रग्रहण होंगे जो 5 जून, 5 जुलाई और 30 नवंबर को घटित होंगे. यह भी पढ़ें: Lunar Eclipse 2020: इस साल होंगे 4 चंद्रग्रहण, इनमें से एक है मांद्य चंद्रग्रहण! जानें ये क्यों होता है, क्यों नहीं होगा इसका भारत पर असर!

कब होता है चन्द्रग्रहण:

जब चन्द्रमा का 90 प्रतिशत हिस्सा पृथ्वी द्वारा कवर कर लिया जाता है, सिर्फ चन्द्रमा की बाहरी परछाई दिखाई देती है, तब चन्द्र ग्रहण होता है. इस बार मांद्य चंद्र ग्रहण होने से इस ग्रहण का सूतक नहीं रहेगा. जिसकी वजह से ग्रहण काल में पूजा-पाठ आदि कर्म किए जा सकेंगे. ग्रहण के दौरान कुछ चीजें होती हैं जिनका ध्यान गर्भवती महिलाओं को रखना चाहिए.

इस दौरान गर्भवती महिलाओं को क्या करना चाहिए और क्या नहीं आइए हम आपको बताते हैं.

ग्रहण के दौरान ये करें:

बना हुआ खाना अशुद्ध न हो इसलिए उसमें दुर्वा घास या तुलसी के पत्ते डाल दें. इनसे खाने की शुद्धता बनी रहती है. क्योंकि यह विकिरण के दुष्प्रभाव को रोकता है. कहा जाता है कि दुर्वा में भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश का आशीर्वाद है.

ग्रहण के दौरान इन मंत्रों का करें जाप, इससे आपकी राशि में काल सर्प दोष नहीं होगा.

ओम त्र्यम्बकम् यजामहे सुगन्धिम् पुष्य-वर्धनम्,

उर्वारुकमिव बन्धनं मित्मोर्मुक्षस्य ममृतत

इस मंत्र का भी कर सकते हैं जाप

हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे

हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे

गर्भवती महिलाओं को इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए:

ओम देवकी सुधा गोविंदा वासुदेव जगत्पते

देहि तन्नी कृष्णनं त्वामहं शरणम गत

ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान जरुर करना चाहिए.

ये न करें:

ग्रहण के दौरान गर्भवती स्त्रियों को नुकीली चीजों जैसे चाकू, कैंची, सूई आदि का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इस नियम का पालन न करने पर होने वाले शिशु के किसी भी अंग को हानि पहुंच सकती है.

चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर के बाहर निकलने से भी बचना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि गर्भवती महिला अगर ग्रहण देख लेती है तो उसका सीधा असर उसके होने वाले बच्चे की शारीरिक और मानसिक सेहत पर पड़ता है. जिसकी वजह से बच्चा लाल दाग के साथ पैदा हो सकता है.

नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को प्रचलित मान्यताओं के आधार पर सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है और यह लेखक की निजी राय है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके बारे में हर व्यक्ति की सोच और राय अलग-अलग हो सकती है.     

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