सुहागरात में ये सब भी करते है भारतीय कपल्स, जानकार आप भी रह जायेंगे दंग
भारत में आज भी लव मैरेज की तुलना में अरेंज मैरेज का चलन ज्यादा देखने को मिलता है. कुछ शादियां ऐसी होती हैं कि सुहागरात को पहली बार कपल्स एक दूसरे को ध्यान देख पाते हैं. ऐसी स्थिति में दोनों के ही मन में एक दूसरे की पारिवारिक, जॉब, व्यवसायिक, शौक, यादें इत्यादि जानने की उत्कंठा रहती है और पूरी रात यूं ही निकल जाती है
भारत में विवाह का अर्थ एक कपल्स का औपचारिक एवं कानूनी मिलन भी होता है. सुहागरात वैवाहिक जीवन का पहला पड़ाव माना जाता है. अमूमन सुहागरात का आशय नव-दंपति की वह पहली रात है. जब वे शारीरिक रूप में मिलते हैं. लेकिन जरूरी नहीं कि इस रात संबंध बनाया ही जाए. सुहागरात को लेकर दुल्हा-दुल्हन दोनों के मन एक तरफ रोमांच तो दूसरी तरफ घबराहट एवं संकोच होता है. खासकर दुल्हन के मन में सुहागरात को लेकर तमाम तरह के सवाल घुमड़ते रहते हैं. वहीं कुछ लोग इस खूबसूरत लम्हों को ज्यादा से ज्यादा रोमांचक और यादगार बनाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं बनाते हैं, लेकिन हो कुछ और जाता है. आइये जानते हैं इस रात को कपल क्या-क्या करते हैं.
सोकर थकान उतारते हैं
भारत में अरेंज्ड मैरेज की स्थिति में कपल्स को काफी रश्म-रिवाज निभाने पड़ते हैं. रोका से लेकर सगाई, तिलक, संगीत, हल्दी, मेहंदी, द्वारचार, फेरे और विदाई तक की लंबी प्रक्रियाओं से उऩ्हें गुजरना होता है, यही वजह है कि हमारे यहां शादियां एक दिन में पूरी नहीं होतीं. तमाम रश्म-अदायगी के बाद ज्यादातर कपल्स थककर चूर हो चुके रहते हैं. यही वजह होती है कि जब उन्हें सुहागरात के रूप में एकांत मिलता है तो दोनों ही इस रात को सबंध बनाने के बजाय अपनी थकान उतारना ज्यादा जरूरी समझते हैं. ये फैसला दोनों का ही होता है, इसलिए सुहागरात न मना पाने का मलाल दोनों को ही किंचित नहीं रहता.
हनीमून की तैयारी
इन दिनों समर्थवान कपल्स सुहागरात के बजाय हनीमून को ज्यादा तवज्जो देते हैं. वे आम सहमति से किसी एक खूबसूरत स्थान का टिकट एवं होटल्स की बुकिंग इत्यादि शादी से पूर्व ही करवा लेते हैं. चूंकि आजकल अधिकांश कपल्स कंपनियों में कार्यरत होते हैं, लिहाजा कम अवकाश होने के कारण वे शादी के बाद की एकाध रश्म-अदायगी कर हनीमून के लिये रवाना हो जाते हैं. हनीमून फीका ना जाये, इसके लिए वे हर तरह की तैयारियां करके ही घर से निकलना पसंद करते हैं. ऐसी स्थिति में शादी के बाद की पहली रात जब नाते-रिश्तेदारों से उन्हें मुक्ति मिलती है तो पूरी रात हनीमून के लिए आवश्यक पैकिंग करने में गुजार देते हैं. इस चक्कर में वे सुहागरात नहीं मना पाते.
एक दूसरे को समझने का प्रयास
भारत में आज भी लव मैरेज की तुलना में अरेंज मैरेज का चलन ज्यादा देखने को मिलता है. कुछ शादियां ऐसी होती हैं कि सुहागरात को पहली बार कपल्स एक दूसरे को ध्यान देख पाते हैं. ऐसी स्थिति में दोनों के ही मन में एक दूसरे की पारिवारिक, जॉब, व्यवसायिक, शौक, यादें इत्यादि जानने की उत्कंठा रहती है और पूरी रात यूं ही निकल जाती है, हालांकि यह सारी बातें रोमांटिक मूड और माहौल में होती है. कुछ कपल्स इस रात को एक दूसरे को यादगार तोहफे भी देते हैं. इस तरह दोनों के बीच एक अच्छी केमिस्ट्री निर्मित होती है, जो सुखद वैवाहिक जीवन की नींव साबित हो सकती है.
भाभी-साली और पत्नी के बीच मस्ती-मजाक
हर दुल्हा चाहता है कि उसे अच्छी पत्नी के साथ एक अच्छी साली का भी साथ मिले. अगर साली और भाभी का सानिध्य मिलता है तो किसी भी दुल्हे के लिए उसकी खुशी और रोमांच दुगुना हो जाता है. खासकर तब जब आप सुहागरात के लिए कमरे में प्रवेश करते हैं और वहां आपका सामना आपके बेड को गुलाब के फूलों से सजा रही भाभी और साली से होता है, जो पूरी तरह मजाक-मस्ती के मूड में होते हैं. भाभी, साली और पत्नी के बीच मस्ती और शरारत भरी बातों में कब पूरी रात गुजर जाती है पता ही नहीं चलता.
घरवालों के बीच रस्मों से जुड़े खेल
बहुत से घरों में शादी की पहली रात घर के चुनिंदे सदस्यों विशेषकर युवाओं के बीच कुछ हंसी-मजाक वाले रस्म भी करने होते हैं. ये रस्म अदायगी वास्तव में कपल्स के बीच एक खेल सरीखा होता है. उदाहरण के लिए कपल्स से घर की लड़कियां नेग वसूलती हैं अथवा दुल्हन से अपनी शर्ते पूरी करवाती हैं, शर्तों में गाने सुनाने से लेकर मिमिक्री करने तक की बातें होती हैं.
इसके अलावा दूध के बर्तन में कपल्स द्वारा अंगूठी तलाशने का मुकाबला भी बहुत रोमांचक और मस्ती भरा होता है. अकसर ये सब करते हुए पूरी रात गुजर जाती है. लेकिन इसी बहाने वधु का ससुरालवालों से अच्छा परिचय हो जाता है.