Raksha Bandhan 2021: कब है रक्षा बंधन? इस वर्ष भद्राकाल से मुक्त होकर बहनें बांधेंगी भाई को राखी! जानें कौन है भद्रा? और इस काल में क्यों नहीं किये जाते शुभ कार्य?

हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन रक्षा बंधन का पावन पर्व सेलीब्रेट किया जाता है. मूलतः यह भाई-बहनों का त्यौहार माना जाता है. इस दिन बहनें अपने प्यारे भाइयों को राखी बांधकर उनके लिए लंबी एवं सेहतमंद जीवन की कामनाएं करती हैं, और भाई अपनी बहन को गिफ्ट भेंट करते हैं.

लाइफस्टाइल Rajesh Srivastav|
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Raksha Bandhan 2021: कब है रक्षा बंधन? इस वर्ष भद्राकाल से मुक्त होकर बहनें बांधेंगी भाई को राखी! जानें कौन है भद्रा? और इस काल में क्यों नहीं किये जाते शुभ कार्य?

हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन रक्षा बंधन का पावन पर्व सेलीब्रेट किया जाता है. मूलतः यह भाई-बहनों का त्यौहार माना जाता है. इस दिन बहनें अपने प्यारे भाइयों को राखी बांधकर उनके लिए लंबी एवं सेहतमंद जीवन की कामनाएं करती हैं, और भाई अपनी बहन को गिफ्ट भेंट करते हैं.

लाइफस्टाइल Rajesh Srivastav|
Raksha Bandhan 2021: कब है रक्षा बंधन? इस वर्ष भद्राकाल से मुक्त होकर बहनें बांधेंगी भाई को राखी! जानें कौन है भद्रा? और इस काल में क्यों नहीं किये जाते शुभ कार्य?
रक्षाबंधन (Wikimedia Commons)

हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन रक्षा बंधन का पावन पर्व सेलीब्रेट किया जाता है. मूलतः यह भाई-बहनों का त्यौहार माना जाता है. इस दिन बहनें अपने प्यारे भाइयों को राखी बांधकर उनके लिए लंबी एवं सेहतमंद जीवन की कामनाएं करती हैं, और भाई अपनी बहन को गिफ्ट भेंट करते हैं. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष यानी साल 2021 में 22 अगस्त को रविवार के दिन रक्षा बंधन का पर्व मनाया जायेगा.

क्यों मनाते हैं रक्षा बंधन का पर्व?

रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) के दिन भाई अपनी बहन के प्रति कर्तव्य को दर्शाता है. इस पर्व पर सभी भाई-बहन एक साथ भगवान की पूजा आदि करके आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. भाई बहनों की रक्षा हेतु प्रार्थना करता है. पुराने रीति-रिवाजों के अनुसार बहन भाई को राखी बांधने से पहले प्रकृति की सुरक्षा के लिए तुलसी और नीम के पेड़ को राखी बांधती है, जिसे वृक्ष-रक्षाबंधन भी कहते है. रक्षा बंधन के दिन पत्नी अपने पति को और शिष्य अपने गुरु को भी राखी बांधते हैं. यह भी पढ़ें : Shrawan Putrada Ekadashi 2021: कब है पुत्रदा एकादशी? क्या है महत्व, पूजा-विधि एवं कथा? जानें संतान-प्राप्ति के लिए कैसे करें पूजा?

रक्षा बंधन का महत्व

श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन हर भाई-बहन रक्षाबंधन की शिद्दत से प्रतीक्षा करता है. इस दिन भाई-बहन के बीच प्रेम और मजाक-मस्ती होती हैं. भाई कितनी भी दूर हो राखी के दिन बहन से राखी बंधवाने उसके पास अवश्य जाता है. बहन के हाथों शुभ मुहूर्त पर कलाई पर राखी बंधवाने के बाद भाई अपनी बहन की पसंद के अनुरूप गिफ्ट, चॉकलेट एवं मिठाई आदि भेंट करता है. इस बार भी पूरे दिन भद्राकाल नहीं होगी, लिहाजा बहने निश्चिंत होकर भाई को राखी बांध सकती हैं.

क्या है भद्राकाल

हिंदू धर्म शास्त्रों में भद्राकाल को अशुभ घड़ी माना जाता है. इस काल में शुभ कार्य वर्जित होता है. रक्षा बंधन के दिन इस बार पूरे दिन भद्राकाल नहीं रहेगा. भद्रा वस्तुतः शनि देव की बहन का नाम है. कहते हैं कि भद्रा एवं ग्रहण से मुक्त होने की स्थिति में ही यह पर्व मनाया जाता है. सनातन धर्म में भद्रा मुक्त काल में जब बहनें भाई को राखियां बांधती हैं, तभी उनका रक्षा का संकल्प पूरा होता है.

रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त!

रक्षाबंधन का शुभ समयः 06.15 AM से 05.31 PM

रक्षाबंधन दोपहर का मुहूर्तः 01.42 PM से 04.18 PM

रक्षाबंधन भद्रा समाप्तः 06.15 AM

रक्षाबंधन भद्रा मुखः 03:27 AM से 05:19 AM

पूर्णिमा प्रारंभ– अगस्तः 21, 2021 को 07:00 PM बजे

पूर्णिमा तिथि समाप्तः अगस्त 22, 2021 को 05.31 PM बजे

Raksha Bandhan 2021: कब है रक्षा बंधन? इस वर्ष भद्राकाल से मुक्त होकर बहनें बांधेंगी भाई को राखी! जानें कौन है भद्रा? और इस काल में क्यों नहीं किये जाते शुभ कार्य?
रक्षाबंधन (Wikimedia Commons)

हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन रक्षा बंधन का पावन पर्व सेलीब्रेट किया जाता है. मूलतः यह भाई-बहनों का त्यौहार माना जाता है. इस दिन बहनें अपने प्यारे भाइयों को राखी बांधकर उनके लिए लंबी एवं सेहतमंद जीवन की कामनाएं करती हैं, और भाई अपनी बहन को गिफ्ट भेंट करते हैं. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष यानी साल 2021 में 22 अगस्त को रविवार के दिन रक्षा बंधन का पर्व मनाया जायेगा.

क्यों मनाते हैं रक्षा बंधन का पर्व?

रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) के दिन भाई अपनी बहन के प्रति कर्तव्य को दर्शाता है. इस पर्व पर सभी भाई-बहन एक साथ भगवान की पूजा आदि करके आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. भाई बहनों की रक्षा हेतु प्रार्थना करता है. पुराने रीति-रिवाजों के अनुसार बहन भाई को राखी बांधने से पहले प्रकृति की सुरक्षा के लिए तुलसी और नीम के पेड़ को राखी बांधती है, जिसे वृक्ष-रक्षाबंधन भी कहते है. रक्षा बंधन के दिन पत्नी अपने पति को और शिष्य अपने गुरु को भी राखी बांधते हैं. यह भी पढ़ें : Shrawan Putrada Ekadashi 2021: कब है पुत्रदा एकादशी? क्या है महत्व, पूजा-विधि एवं कथा? जानें संतान-प्राप्ति के लिए कैसे करें पूजा?

रक्षा बंधन का महत्व

श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन हर भाई-बहन रक्षाबंधन की शिद्दत से प्रतीक्षा करता है. इस दिन भाई-बहन के बीच प्रेम और मजाक-मस्ती होती हैं. भाई कितनी भी दूर हो राखी के दिन बहन से राखी बंधवाने उसके पास अवश्य जाता है. बहन के हाथों शुभ मुहूर्त पर कलाई पर राखी बंधवाने के बाद भाई अपनी बहन की पसंद के अनुरूप गिफ्ट, चॉकलेट एवं मिठाई आदि भेंट करता है. इस बार भी पूरे दिन भद्राकाल नहीं होगी, लिहाजा बहने निश्चिंत होकर भाई को राखी बांध सकती हैं.

क्या है भद्राकाल

हिंदू धर्म शास्त्रों में भद्राकाल को अशुभ घड़ी माना जाता है. इस काल में शुभ कार्य वर्जित होता है. रक्षा बंधन के दिन इस बार पूरे दिन भद्राकाल नहीं रहेगा. भद्रा वस्तुतः शनि देव की बहन का नाम है. कहते हैं कि भद्रा एवं ग्रहण से मुक्त होने की स्थिति में ही यह पर्व मनाया जाता है. सनातन धर्म में भद्रा मुक्त काल में जब बहनें भाई को राखियां बांधती हैं, तभी उनका रक्षा का संकल्प पूरा होता है.

रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त!

रक्षाबंधन का शुभ समयः 06.15 AM से 05.31 PM

रक्षाबंधन दोपहर का मुहूर्तः 01.42 PM से 04.18 PM

रक्षाबंधन भद्रा समाप्तः 06.15 AM

रक्षाबंधन भद्रा मुखः 03:27 AM से 05:19 AM

पूर्णिमा प्रारंभ– अगस्तः 21, 2021 को 07:00 PM बजे

पूर्णिमा तिथि समाप्तः अगस्त 22, 2021 को 05.31 PM बजे

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