Navratri 2022 Greetings for Chandraghanta Puja: सबसे प्रतीक्षित और शुभ त्योहार नवरात्रि पूरे देश में मनाया जा रहा है. यह देवी दुर्गा के सम्मान में मनाया जाने वाला सबसे प्रतिष्ठित हिंदू त्योहार है. यह उत्सव नौ रातों तक चलता है और पूरे देश में भव्य उत्सव और आनंद का गवाह बनता है. मां दुर्गा के नौ अवतारों से जुड़े सभी नौ दिन धूम धाम से मनाये जाते हैं. पहले दिन मां शैलपुत्री, दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. देवी चंद्रघंटा देवी पार्वती का विवाहित रूप है. भगवान शिव से विवाह करने के बाद, देवी महागौरी ने अपने माथे को आधा चंद्र से सजाना शुरू कर दिया, जिसके कारण देवी पार्वती को देवी चंद्रघंटा के रूप में जाना जाता है. नवरात्रि के तीसरे दिन इनकी पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि शुक्र ग्रह देवी चंद्रघंटा द्वारा शासित है. यह भी पढ़ें: Sharad Navratri 2022 Day 3 Puja: आज इस रंग का वस्त्र पहनकर करें माँ चंद्रघंटा की पूजा! होंगी सारी मन्नतें पूरी!
देवी पार्वती का यह रूप शांत और अपने भक्तों के कल्याण के लिए है. मां चंद्रघंटा अपने सभी हथियारों के साथ युद्ध के लिए हमेशा तैयार रहती है. मान्यताओं के अनुसार, उनके माथे पर चंद्रमा की घंटी की आवाज उनके भक्तों से सभी प्रकार की आत्माओं को दूर कर देती है. नवरात्रि के तीसरे दिन से जुड़ा रंग रॉयल ब्लू है. इस रंग की विशद छाया समृद्धि और शांति का प्रतिनिधित्व करती है. आप शाही नीले रंग की भव्यता के साथ नवरात्रि समारोह में भाग ले सकते हैं. जैसा कि आप नवरात्रि 2022 चंद्रघंटा देवी की पूजा मनाने की तैयारी कर रहे हैं, यहां आपके परिवार और दोस्तों के साथ साझा करने के लिए शुभकामनाओं और संदेशों की एक सूची है. आप कई चंद्रघंटा देवी 2022 के HD Images भेजकर नवरात्रि का तीसरा दिन मना सकते हैं.
1. नवरात्रि के तीसरे दिन आपको बधाई!
मां चंद्रघंटा आपके सारे दुखों को हर लें
2. मां चंद्रघंटा आपके जीवन के सभी अंधकार को दूर करें.
3. मां चंद्रघंटा आपके जीवन के सभी कष्टों को हर लें.
मां सदैव आपकी आसुरी शक्तियों से रक्षा करें.
4. नवरात्रि के तीसरे दिन आपको बधाई!
मां चंद्रघंटा आपको सुख समृद्धि दें
5. मां चंद्रघंटा आप पर अपनी कृपा बनाएं रखें
नवरात्रि के तीसरे दिन ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठकर अपने स्थान की सफाई करें. पूजा के साथ 'ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः' मंत्र का जाप करें. इसके बाद मां चंद्रघंटा को फूल, सुगंध, धूप, अक्षत, सिंदूर और दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं. इसके बाद दुर्गा सप्तशती, दुर्गा चालीसा और आरती करें.