प्रत्येक वर्ष 22 जुलाई को राष्ट्रीय आम दिवस मनाया जाता है. इस दिवस विशेष का मुख्य उद्देश्य इस स्वादिष्ट उष्णकटिबंधीय मीठे फल के रूप में इसका आनंद लेना और विभिन्न संस्कृतियों में इसके बहुमुखी प्रतिभा और इसके महत्व को समझना है. राष्ट्रीय आम दिवस पर आम की सिर्फ सराहना नहीं बल्कि इसके स्वाद, विरासत और गहरे सांस्कृतिक जुड़ाव का उत्सव भी है. भारत दुनिया में आम का सबसे बड़ा उत्पादक देश है. दुनिया के लगभग आधे आम यहीं उगाए जाते हैं, इसमें 25 से 26 प्रतिशत आमों का उत्पादन अकेले उत्तर प्रदेश में होता है. आइये जानते हैं 22 जुलाई को मनाये जाने वाले का इतिहास एवं महत्व तथा देश भर में पाये जाने वाले आमों की लोकप्रिय किस्मों के बारे में
राष्ट्रीय आम दिवस का इतिहास
आम और भारतीय संस्कृति एवं रिश्तों का संबंध लगभग 5000 साल पुराना है, जब इसे भारतीय लोककथाओं में एक संदर्भ के रूप में इस्तेमाल किया जाता था. आम नाम की उत्पत्ति मलय शब्द - मन्ना से हुई है. दिलचस्प बात यह है कि आम, काजू और पिस्ता एक ही परिवार एनाकार्डिएसी को साझा करते हैं. साल 1987 में, भारतीय राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (National Horticulture Board of India) ने घोषणा की कि अपने स्वाद और लाभों के लिए जाने जाने वाले इस फल की स्मृतियों के लिए हर साल 22 जुलाई को राष्ट्रीय आम दिवस मनाया जाएगा. यह भी पढ़ें ल Sawan 2025: भगवान शिव ने ‘अर्धनारीश्वर’ ही नहीं ‘हरिहर’ का रूप भी धरा था! जानें क्या है
राष्ट्रीय आम दिवस का महत्व
राष्ट्रीय आम दिवस का आशय सिर्फ़ इसके मीठे और तीखे स्वाद का आनंद लेना ही नहीं, बल्कि इसके सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आर्थिक महत्व को भी दर्शाता है. फलों का राजा आम आवश्यक पोषक तत्वों का एक बेहतरीन स्रोत हैं, पोषण की दृष्टि से, आम विटामिन A, C और E के साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट, खनिज और आहारीय फाइबर का भंडार है, जिसके कारण त्वचा चमकीली और पाचन तंत्र सुचारू कार्य करते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्कृष्ट रहता है. भारत में सबसे अधिक उगाए जाने वाले फलों में एक फल आम है, जो देश की कृषि अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है. भारत विश्व के 40 प्रश आमों का उत्पादन करता है. इसका निर्यात मुख्य रूप से अरब अमीरात, अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब, और कनाडा जैसे देशों में होता है
भारतीय आमों की किस्में
अल्फांसो (हापुस)- ‘आमों के राजा’ के नाम से मशहूर अल्फांसो मुख्य रूप से महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में उगाया जाता है. यह भरपूर मिठास, रेशेदार सुनहरे गूदे और सुगंधित स्वाद के लिए प्रसिद्ध है.
केसर- गुजरात में उगाए जाने वाले केसर आम को 'आमों की रानी' कहा जाता है. इनका गूदा चमकीला केसरिया रंग और स्वाद चिकना और सुगंधित होता है.
दशहरी- मलिहाबाद (उप्र) में पाए जाने वाले दशहरी आम रसीले, मीठे, खुसबूदार और मैंगो शेक या आमरस बनाने योग्य सही होते हैं.
लंगड़ा- उप्र और बिहार में उगाए जाने वाले लंगड़ा आम पके होने पर भी हरे रहते हैं. इनका गूदा मीठा और तेज होता है.
चौसा- मूल रूप से पाकिस्तान से आने वाला, लेकिन भारत में भी उगाया जाने वाला चौसा बेहद सुगंधित और मीठा होता है.
इसके अलावा प बंगाल का हिमसागर आम तथा गहरे नारंगी गूदे वाले आमों का भी स्वाद निराला होता है













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