Narsingh Jayanti 2022: विष्णु जी का सबसे उग्र एवं शक्तिशाली अवतार? जानें, नृसिंह जयंती का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि
हिंदू मान्यताओं के अनुसार पृथ्वी अथवा अपने भक्तों पर आये संकट का नाश करने के लिए भगवान विष्णु किसी ना किसी रूप में अवतार लेते हैं, और संकट का समाधान कर क्षीर सागर प्रस्थान कर जाते हैं.
हिंदू मान्यताओं के अनुसार पृथ्वी अथवा अपने भक्तों पर आये संकट का नाश करने के लिए भगवान विष्णु किसी ना किसी रूप में अवतार लेते हैं, और संकट का समाधान कर क्षीर सागर प्रस्थान कर जाते हैं. विभिन्न पुराणों के अनुसार वैशाख मास की चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु ने पृथ्वी पर हरिण्यकश्यप के आतंक को खत्म करने और अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए भगवान नरसिंह रूप में चौथा अवतार लिया था. इसलिए इस दिन सर्वत्र भारत में बड़ी धूमधाम के साथ नरसिंह जयंती मनाई जाती है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष 14 मई, शनिवार, 2022 को नृसिंह जयंती मनाई जायेगी. आइये जानें क्या है इस दिन का महत्व, पूजा-विधि, मुहूर्त एवं कथा.
पूजा विधिः
वैशाख शुक्लपक्ष चतुर्दशी को सूर्योदय से पूर्व स्नानादि से निवृत्त हो स्वच्छ वस्त्र धारण करें. भगवान नृसिंह का ध्यान कर व्रत एवं पूजन का संकल्प लें. अपराह्न में तिल, गोमूत्र, मिट्टी और पीसे आंवले से तैयार लेप से एक बार पुनः स्नान करें. पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कें. भगवान नृसिंह की तस्वीर अथवा प्रतिमा स्थापित कर, दीप-धूप प्रज्वलित करें. रोली, लाल चंदन, फल, फूल, माला एवं मिष्ठान अर्पित करते हुए निम्न मंत्र का जाप करें.
‘ॐ उग्रवीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखं. नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्यु मृत्युं नमाम्यहम्’
अंत में श्रीहरि की आरती उतारें एवं प्रसाद को सभी को वितरित करें. पूरे दिन फलाहार रहकर अगले दिन स्नानादि से निवृत्त होकर किसी गरीब को भोजन-वस्त्र दान देकर व्रत का पारण करें.
नृसिंह जयंती का महत्व!
मान्यता है कि जब-जब भक्तों पर कोई संकट आता है, तो विष्णुजी तुरंत भक्त का संकट दूर करते हैं. भक्त प्रह्लाद उसके ही पिता दैत्यराज हिरण्यकश्यपु द्वारा प्रताड़ित किये जाने पर विष्णुजी ने नृसिंह अवतार लिया था. विष्णु का यह अवतार आधा नर एवं आधा सिंह के रूप में था. दरअसल हिरण्यकश्यप को वरदान मिला था कि उसका संहार ना पशु कर सकता है ना ही पुरुष. इसलिए विष्णु जी को नृसिंह के रूप में अवतार लेना पड़ा था. पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान नृसिंह विष्णुजी के सर्वाधिक उग्र एवं अति शक्तिशाली अवतार माने जाते हैं. भगवान नृसिंह की विधिवत ढंग से व्रत-पूजा करने से सभी जन्मों के पाप कट जाते हैं, एवं जीवन खुशहाल होता है.
नरसिंह जयंती 2022 शुभ मुहूर्त-
वैशाख शुक्ल चतुर्दशी तिथि 14 मई को दोपहर 03.22 बजे शुरू होगी, जिसका समापन 15 मई 2022 को दोपहर 12.45 मिनट तक रहेगा.
पूजन का शुभ मुहूर्त 14 मई को शाम 04.22 बजे से शाम 07.04 बजे तक है. पूजन की कुल अवधि 02 घंटे 43 मिनट की है.