Narasimha Jayanti 2022 Messages in Hindi: कहा जाता है कि जब-जब इस धरा पर अधर्म बढ़ा है, तब-तब श्रीहरि (Shri Hari) ने अवतार लेकर अधर्म का नाश कर धर्म की स्थापना की है. जब भी उनके भक्तों पर संकट आता है तो श्रीहरि उनकी रक्षा करने के लिए प्रकट होते हैं. ऐसी ही कथा है भक्त प्रह्लाद (Prahlad) और भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की. जी हां, कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने अपने परम भक्त प्रह्लाद की रक्षा करने के लिए नृसिंह अवतार लिया था और हिरण्यकश्यप का वध करके बुराई का अंत किया था, इसलिए हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को नृसिंह जयंती यानी नरसिम्हा जयंती (Narasimha Jayanti) मनाई जाती है. आज (14 मई 2022) भगवान विष्णु के चौथे अवतार भगवान नृसिंह की जयंती मनाई जा रही है. प्रचलित मान्यता के अनुसार, इसी दिन भगवान विष्णु ने नृसिंह अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध करके अपने भक्त प्रह्लाद के प्राणों की रक्षा की थी.
मान्यता है कि नृसिंह जयंती पर भगवान नृसिंह की विधि-विधान से पूजा करने से भक्तों के सारे संकट दूर होते हैं, क्योंकि उनका यह स्वरूप विपदा आने पर अपने भक्तों की रक्षा करता है. इस पावन अवसर पर शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान भी होता है. ऐसे में आप भी इन भक्तिमय मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स को भेजकर अपनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- भगवान नृसिंह का चिंतन सदा मन में रहे,
उनके चरणों में सदा मेरा ध्यान रहे,
चाहे जीवन में दुख आए या सुख रहे,
होंठों पर सदा भगवान नृसिंह का नाम रहे.
नृसिंह जयंती की शुभकामनाएं
2- जंगल में रहो या बस्ती में,
लहरों में रहो या कश्ती में,
भीड़ में रहो या अकेले में,
सदा मस्त रहो नृसिंह की भक्ति में.
नृसिंह जयंती की शुभकामनाएं
3- जो कुछ तेरे दिल में है,
सब उसको खबर है,
बंदे तेरे हल हाल पर,
भगवान नृसिंह की नजर हैं.
नृसिंह जयंती की शुभकामनाएं
4- नृसिंह से ही सृष्टि है, उनसे ही शक्ति है,
अति आनंद तो सिर्फ नृसिंह की भक्ति में है,
भक्तों के बिना कुछ कहे वो सब समझ जाते हैं,
बस उनके चरणों में शीश झुकाने जरूरत है.
नृसिंह जयंती की शुभकामनाएं
5- बैरागी बने तो छूटे जग,
संन्यासी बने तो छूटे तन,
नृसिंह से जो प्रेम हो जाए,
तो छूटे आत्मा के सब बंधन.
नृसिंह जयंती की शुभकामनाएं
हिंदू धर्म में नृसिंह जयंती का विशेष महत्व बताया जाता है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर विधिपूर्वक भगवान नरसिम्हा की पूजा की जाती है. इसके लिए पूजा स्थल पर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान नरसिंह और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित की जाती है. फिर फल, फूल, पंचमेवा, कुमकुम, केसर, नारियल, अक्षत, पीतांबर, गंगाजल, धूप-दीप इत्यादि से विधिवत तरीके से उनका पूजन किया जाता है. उनकी उपासना करने से कठिन से कठिन परिस्थियों का सामना करने की हिम्मत मिलती है और शत्रुओं का नाश होता है. इसके साथ ही श्रीहरि की भक्ति से सभी कार्य सफल होते हैं.