Margashirsha Purnima 2022 Tips: इस पूर्णिमा पर बन रहे इन शुभ योगों में करें 6 उपाय! नववर्ष 2023 में आप पर बरसेगी लक्ष्मी की कृपा!

सनातन धर्म में मार्गशीर्ष मास को भगवान श्रीकृष्ण के नाम समर्पित माना जाता है. इस पूर्णिमा को अगहन पूर्णिमा, बत्तीसी पूर्णिमा एवं मोक्षदायिनी पूर्णिमा जैसे नामों से भी जाना जाता है. इस दिन स्नान-ध्यान के पश्चात चंद्रमा की पूजा-अर्चना का भी विधान है...

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits File)

सनातन धर्म में मार्गशीर्ष मास को भगवान श्रीकृष्ण के नाम समर्पित माना जाता है. इस पूर्णिमा को अगहन पूर्णिमा, बत्तीसी पूर्णिमा एवं मोक्षदायिनी पूर्णिमा जैसे नामों से भी जाना जाता है. इस दिन स्नान-ध्यान के पश्चात चंद्रमा की पूजा-अर्चना का भी विधान है. इस वर्ष दो विशिष्ट योगों का निर्माण होने से इस दिन का भी विशेष महत्व बताया जाता है, चूंकि इस दिन सिद्ध योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है, मान्यता है कि इन योग काल में माता लक्ष्मी की पूजा एवं कुछ विशेष उपाय करने से धन संबंधी सारी समस्याएं दूर होती हैं, और धन एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, आइए जानें क्या हैं, ये 6 उपाय…यह भी पढ़ें: Tripur Sundari Jayanti 2022 HD Images: हैप्पी त्रिपुर सुंदरी जयंती! शेयर करें ये Wallpapers, GIF Greetings, WhatsApp Stickers और Photo SMS

पूरे साल भरी रहेगी आपकी तिजोरी

मार्गशीर्ष पूर्णिमा की रात मां लक्ष्‍मी की प्रतिमा के समक्ष लाल रंग के कपड़े के एक टुकड़े में 11 कौड़ियां रखें. सभी कौड़ियों पर हल्दी का टीका लगाकर रात भर पड़े रहने दें. अगले दिन इन कौड़ियों को लाल वस्त्र में लपेट कर धन रखने वाली जगह पर रख दें. साल 2023 में भरी रहेगी आपकी तिजोरी.

जरूरतमंदों को ये वस्तु दान करें

अगर आपकी कुंडली में स्थित चंद्रमा कमजोर है, तो मार्गशीर्ष पूर्णिमा की रात चावल से बनी खीर, मौसमी फल, फूल, जटा वाला नारियल तथा गरीबों को वस्त्र का दान करने से चंद्रमा की स्थिति मजबूत बनती है, और नये साल के आते-आते आपकी आय के बीच आ रही रुकावटें दूर होंगी.

कर्ज से मुक्ति के लिए

काफी कोशिशों के बावजूद आप अपने कर्ज को खत्म नहीं कर पा रहे हैं तो पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके माँ लक्ष्मी एवं श्री हरि की विधिवत पूजा करें, पूजा में उन्हें सुगंधित धूप, लाल पुष्प एवं गाय के दूध में बनी खीर अर्पित करें. नये वर्ष में आप कर्ज मुक्त रहेंगे.

इस विधि से करें पीपल के पेड़ की परिक्रमा

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन सूर्योदय के पश्चात पीपल के पेड़ पर खोये की मिठाई अर्पित करते हुए तांबे के लोटे से जल अर्पित करें, इसके पश्चात शुद्ध घी का दीपक जलाएं. अब इसी वृक्ष के 11 परिक्रमा करते हुए मन ही मन अपनी कामना व्यक्त करें. मान्यता है कि पीपल के पेड़ पर श्रीहरि एवं माँ लक्ष्मी का वास होता है, इसलिए इस उपाय को करने से नववर्ष में माँ लक्ष्मी की विशेष कृपा मिलेगी.

दाम्पत्य जीवन में आये खटास को हटाएं

अगर पति-पत्नी के बीच किसी तरह का विवाद या खटास चल रही है तो पूर्णिमा की रात्रि में चंद्रमा को दूध से अर्घ्य देते हुए निम्न मंत्र का उच्चारण करते रहें.

ॐ स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: चंद्रमसे नम:

ऐसा करने से नया साल आपके दांपत्य जीवन में प्रेम और सौहार्द से भर देगा.

नौकरी पेशे में व्यवधान ऐसे करें दूर

आपके व्यवसाय अथवा नौकरी में किसी तरह का व्यवधान आ रहा है तो पूर्णिमा की रात्रि में चंद्रमा के उदय होने पर कच्चे दूध में शक्कर मिलाएं और इसी दूध से चंद्रमा को अर्घ्य दें. अर्घ्य देते समय निम्न मंत्र का 11 बार जाप करें. नये वर्ष में सारे व्यवधान दूर हो जायेंगे.

ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:

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