हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार खरमास अथवा मलमास में कुछ विशेष शुभ कार्य विवाह-संस्कार, जनेऊ-संस्कार, गृह प्रवेश, नव निर्माण, नये प्रतिष्ठान, मुंडन-संस्कार एवं कर्ण-छेदन जैसे मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं, क्योंकि खरमास के पूरे माह को शुभ नहीं माना जाता. गौरतलब है कि साल में दो बार खरमास पड़ते हैं. फाल्गुन मास में खरमास 14 मार्च 2024, गुरुवार से शुरू हो रहा है आइये जानते हैं खरमास को क्यों बुरा मास माना जाता है, और इस मास में क्या करना चाहिए और क्या नहीं. आइए जानते है कि खरमास क्या है, यह कब से कब तक रहेगा और क्यों इस माह में शुभ-मंगल कार्य वर्जित होते हैं, इत्यादि
खरमास पर क्यों वर्जित होते है शुभ कार्य?
सूर्य देव के धनु और मीन राशि में प्रवेश करने के बाद 30 दिन के लिए खरमास लगता है. इस तरह साल में दो बार खरमास (पहला मार्च-अप्रैल एवं दूसरा दिसंबर-जनवरी माह में) पड़ता है. बता दें कि धनु और मीन राशि का स्वामी बृहस्पति होता है. इसलिए इन राशियों में जब सूर्य आता है तो खरमास दोष लगता है, इस वजह से बृहस्पति का शुभ प्रभाव कम अथवा कमजोर हो जाता हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य के संपर्क में आने के कारण देवगुरू बृहस्पति का शुभ प्रभाव कम या कमजोर हो जाता है. इस वजह से खरमास काल में शुभ कार्य वर्जित होते हैं. इन शुभ कार्यों में प्रमुख है विवाह, गृह प्रवेश, नव निर्माण, प्रतिष्ठान, मुंडन या छेदन इत्यादि. अगर कोई मांगलिक कार्य करना है तो उसे 14 मार्च से पूर्व अवश्य निपटा लें. यह भी पढ़ें : Ramzan Mubarak 2024 Wishes: माह-ए-रमजान की इन हिंदी Quotes, WhatsApp Messages, Facebook Greetings, Photo SMS के जरिए दें मुबारकबाद
खरमास काल में वर्जित कार्य
* शादी-विवाह जैसा मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं.
* इस समय नये घर, कार्यालय फैक्ट्री खरीदना नहीं चाहिए.
* इस माह में मुंडन, गृह प्रवेश और सगाई जैसे शुभ-मंगल नहीं करनी चाहिए.
* खरमास में बेटी या बहू की विदाई नहीं करनी चाहिए.
* इन दिनों नया वाहन, घर, प्लाट, रत्न-आभूषण और वस्त्र आदि नहीं खरीदना चाहिए.
खरमास में ये कार्य अवश्य करने चाहिए
* खरमास के पूरे माह दान-धर्म, जप-तप आदि करना पुण्यदायी माना जाता है.
* इस माह निर्धनों, ब्राह्मणों, गुरु और गाय की सेवा करना चाहिए.
* इस दरम्यान गंगा नदी में स्नान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है.
* खरमास माह में तीर्थ-यात्रा करना श्रेष्ठ माना जाता है.
* इस पूरे माह भगवान सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए.
* खरमास में प्रतिदिन 3 बार श्री आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए
* खरमास काल में भागवत गीता, शिव पुराण एवं श्री राम कथा का पाठ करना चाहिए.
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