Jyestha Shani Pradosh 2025: कब है ज्येष्ठ शनि प्रदोष? जानें कुंडली में शनि-दोष को दूर करनेवाले ये महत्वपूर्ण उपाय!

  हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार ज्येष्ठ माह में पड़नेवाला शनि प्रदोष अत्यंत शक्तिशाली दिन होता है. बहुत-सी जगहों पर इसे शनि त्रयोदशी के नाम से भी मनाया जाता है. ज्योषिचार्यों के मतों के अनुसार जिनकी कुंडली में शनि दोष या अन्य ग्रहों के दोष है, उन्हें शनि प्रदोष के दिन शनि देव एवं भगवान शिव की विधिवत पूजा अवश्य करनी चाहिए. इस वर्ष ज्येष्ठ मास कृष्ण पक्ष प्रदोष 24 मई 2025 को मनाया जाएगा, जिन जातकों की कुंडली में शनि दोष अथवा शनि की साढ़े साती आदि कष्ट चल रहे हैं, इनसे मुक्ति अथवा राहत पाने हेतु यहां कुछ प्रभावशाली उपाय दिये जा रहे हैं. यह भी पढ़ें : Dhungri Mela 2025: मनाली में मिनी दशहरा के नाम से विख्यात डुंगरी मेला की मची धूम, तीन दिनों तक चलेगा यह भव्य आयोजन

शनि दोष से मुक्ति हेतु कुछ प्रभावकारी उपाय

उपवास एवं उपासना:

उपवासः शनि प्रदोष के दिन पूरे दिन उपवास रखें, और शनि देव की पूजा करें.

साफ-सफाई एवं तैयारी: इस दिन देव स्थल की सफाई और शनि की पूजा महत्वपूर्ण होती है.

पूजा सामग्री: शनि देव को फूलचंदनकपूर अर्पित करें.

भोग लगाना: भोग में खीरमिठाई एवं अन्य सात्विक खाद्य पदार्थ का भोग लगाएं.

मंत्र और पाठ

कुंडली में स्थित दोषों को मिटाने या राहत पाने के लिए मंत्र और पा

का बड़ा महत्व है. इस ज्येष्ठ मास के शनि प्रदोष के दिन निम्न मंत्रों में से किसी एक मंत्र का 108 बार जाप लाभकारी हो सकता है.

शनि मंत्रः ॐ शं शनैश्चराय नमः

शनि मंत्रः नीलांजना समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्

छाया मार्तण्ड शम्भुतम तम् नमामि शनैश्चरम्’.

शनि गायत्री मंत्रः ॐ शनिश्चराय विद्महे सूर्यपुत्राय धीमहि तन्नो मंद प्रचोदयात्.

शिव मंत्रः ॐ नमः शिवाय:

इसके अलावा शनि देव को प्रसन्न करने हेतु इस दिन या किसी भी शनिवार एवं मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करेंक्योंकि वैदिक धर्म के अनुसार शनि और हनुमान अच्छे सखा हैं.

दान-धर्म

किसी भी तरह के कष्ट से मुक्ति हेतु दान-धर्म भी कारगर उपाय हो सकता है.

तुला दानः शनि प्रदोष पर अपने वजन के बराबर अनाज या अन्य वस्तुएं दान कर सकते हैं.

काली वस्तुओं का दान: शनिवार को काली उड़द की दालकाले तिलकाले कपड़े, लोहा अथवा तेल का दान करें.

गरीबों को भोजन करानाः शनि प्रदोष के दिन गरीबों एवं जरूरतमंदों को भोजन कराने से जीवन के सारे नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं.

पूजा और अनुष्ठान

शनि-शिव की पूजा: शनि प्रदोष पर भगवान शिव एवं भगवान शनि की संयुक्त पूजा करें.

दीप जलाना: इस दिन शनि मंदिर में सरसों या तिल के तेल से दीपक प्रज्वलित करें.

पीपल वृक्ष की पूजा: शनि प्रदोष की शाम को पीपल के पेड़ की जड़ पर एक लोटा जल चढ़ाकर सरसों तेल में दीप प्रज्वलित करें एवं शनि देव की पूजा करें.