राष्ट्रपति भवन के अंदर बनें मुगल गार्डन (Mughal Garden) को अब अमृत उद्यान (Amrit Udyan) के नाम से जाना जाएगा. गौरतलब है कि आजादी के 75वें वर्ष होने पर देश भर में अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. अपनी खूबसूरती के लिए विश्व भर में विख्यात 75 साल पुराने मुगल गार्डन का एक अपना रोचक इतिहास रहा है. आइये जानें मुगल गार्डन से अमृत उद्यान, बने इस ऐतिहासिक गार्डन के बारे में विस्तार से...यह भी पढ़ें: Chanakya Niti: सुंदर-पत्नी पति के लिए, मूर्ख-पुत्र माता-पिता के लिए क्या मायने रखता है? जानें चाणक्य की नीतियां?
मुगल गार्डन का इतिहास
राष्ट्रपति भवन में स्थित लगभग 15 एकड़ में फैले इस खूबसूरत उद्यान का पुराना इतिहास है. ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार साल 1917 में ब्रिटिश अधिकारी सर एडविन लुटियंस ने इस अमृत उद्यान (मुगल गार्डन) का डिजाइन तैयार करवाया था. राष्ट्रपति भवन की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, यह मुगल गार्डन जम्मू-कश्मीर के मुगल गार्डन, ताजमहल के इर्द-गिर्द स्थित बगीचे, भारत और पर्सिया की मिनिएचर पेंटिंग से प्रेरित है. इसलिए इस उद्यान का नाम मुगल गार्डन रखा गया था. इसकी डिजाइनिंग उस अंग्रेज आर्किटेक्चर तैयार किया था, जिसे संपूर्ण दिल्ली के डिजाइनिंग की जिम्मेदारी दी गई थी. सर एडविन लुटियंस ने यहां साल 1928-1929 में अंग्रेजी फूलों की एक से एक वैरायटी लगवाकर इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा दिया था.
गार्डन नहीं ‘स्वर्ग’!
क्रिस्टोफर हसी की पुस्तक ‘द लाइफ ऑफ सर एडविन लुटियंस’ में सर एडविन लुटियंस की पत्नी ने इस गार्डन को ‘स्वर्ग’ बताया था. उन्होंने कहा है कि इसकी खूबसूरती शब्दों में बयान नहीं की जा सकती. यहां जो घास लगी हुई है, उसे कलकत्ता से लाया गया था. इस उद्यान में 159 किस्म के गुलाब मौजूद हैं, जिसमें एडोरा, मृणालिनी, ताजमहल, एफिल टावर, मॉडर्न आर्ट, सेंटिमेंटल, ओक्लाहोमा (ब्लैक रोज़), बेलामी, ब्लैक लेडी, पैराडाइज, ब्लू मून और लेडी एक्स जैसी गुलाब की वैरायटी हैं. इन फूलों के नाम उनकी शैली के आधार पर मशहूर लोगों के नाम पर रखे गए हैं, मसलन मदर टेरेसा, राजा राममोहन रॉय, मिस्टर लिंकन, जॉन एफ कैनेडी, क्वीन एलिजाबेथ, क्रिश्चियन डियोर, जवाहर इत्यादि. गुलाब की बेहिसाब वैरायटी के अलावा यहां ट्यूलिप, मेरीगोल्ड (गेंदा), डैफोडिल, जलकुंभी और अन्य मौसमी फूल इस गार्डन को वाकई स्वर्ग सरीखा बनाते हैं. इसके अलावा यहां करीब 50 किस्मों के खूबसूरत पेड़, झाड़ियां और लताएं (मौलश्री वृक्ष, गोल्डन रेन ट्री, टार्च ट्री) मौजूद हैं.
मुगल गार्डन से अमृत उद्यान में तब्दील हुआ यह उद्यान अब आम दर्शकों के लिए 31 जनवरी से 26 मार्च तक (दिन 10 बजे से 04 बजे तक) खुला रहेगा. इसके अलावा कृषकों के लिए 28 मार्च, दिव्यांगों के लिए 29 मार्च और पुलिस तथा सेना के परिवारों के लिए 30 मार्च को खुलेगा.