दुनिया भर में पहली जनवरी को लोग नये साल का जश्न मनाते हैं. लेकिन जहां तक भारत की बात है तो यहां नववर्ष का जश्न महज पहली जनवरी तक नही सिमटा हुआ है, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में उनकी स्थानीय परंपराओं के अनुसार अलग-अलग तारीखों में भी नववर्ष मनाये जाते हैं. इससे भारत की समृद्धिशाली विभिन्नता, परंपराओं एवं रीति-रिवाजों का पता चलता है.
एक भारत अनेक नववर्ष
भारत में लोग सौर और चंद्र दोनों कैलेंडरों के अनुसार वर्ष की शुरुआत करते हैं. जिसमें चंद्रमा की गति पर आधारित हिंदू कैलेंडर में सबसे अधिक संख्या में नववर्ष मनाये जाते हैं. नये साल की शुरुआत भारत के विभिन्न क्षेत्र विशेष के अनूठे रीति-रिवाज और परंपराएं होती हैं, जो ज्यादातर आने वाली फसलों पर केंद्रित होती हैं. भारत में इन विभिन्न तिथियों एवं रीति-रिवाज वाले नववर्ष के जश्न के बारे में जानने के लिए क्या आप भी उत्सुक हैं? यहां एक ऐसी ही सूची आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों में अप्रैल माह के नववर्ष एवं संबंधित उत्सवों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
पहली जनवरी को वैश्विक नववर्ष का जश्न मनाने के बाद भी भारत में पूरे वर्ष कई नये सालों के जश्न के साथ अपने उत्सव एवं पर्वों की जारी रखता है, जो देश की समृद्धि और सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है. हमारे कैलेंडर विभिन्न नये सालों के उत्सव से भरा है, जिनमें प्रत्येक नववर्ष की अपनी अनूठी परंपराएं एवं रीति-रिवाज होते हैं.
भारतीय नववर्षों की श्रृंखला!
भारतीय नववर्ष की श्रृंखला की शुरुआत ग्यालपो ल्होसर और लोसर तिब्बती नववर्ष से होती है, जो 10 से 12 फरवरी तक सेलिब्रेट किया जाता है. इसके बाद 10 फरवरी को सोनम ल्होसर नववर्ष मनाया जाता है. यह नववर्ष तमांग और ह्योल्मो समुदायों द्वारा अनोखी रीति-रिवाज के साथ मनाया जाता है. 14 मार्च को सिख नववर्ष, जिसे चेत के नाम से जाना जाता है. 20-21 मार्च को पारसी नववर्ष, नौरोज का स्वागत किया जाता है, अप्रैल माह में नववर्ष की बहार-सी छाई रहती है. 9 से 17 अप्रैल तक चैत्र नवरात्रि, हिंदू नववर्ष मनाया जाता है, 9 अप्रैल के दिन और भी नववर्ष मनाये जाते हैं. जिसमें उगादी 2024, गुड़ी पड़वा 2024, नवरेह 2024, चेटी चंद 2024, और साजिबू चेइराओबा 2024 शामिल हैं. इसके अलावा 13 अप्रैल को एक और महत्वपूर्ण नववर्ष है, जबकि 13 से 15 अप्रैल को बिविसागू नववर्ष 2024, और बोहाग बिहु 2024 (असम) का नववर्ष मनाया जाता है.
अप्रैल माह में पना संक्रांति 2024, उड़िया नववर्ष का प्रतीक है, जो 13 से 14 अप्रैल तक मनाया जाता है. इन्हीं तारीखों में सांगकेन 2024 और बिजू 2024 मनाया जाता है. 14 अप्रैल को नववर्ष का जश्न भी मनाया जाता है. पुथंडु 2024, एक तमिल नववर्ष, विशु 2024 केरल नववर्ष, और बिसु परबा 2024, एक तुलु नववर्ष मनाया जाता है.
वर्ष के उत्तरार्ध में आषाढ़ी ब्रिज 2024, कच्छी नववर्ष 7 जुलाई को मनाया जायेगा. दूसरा पारसी नववर्ष 2024. 3 नवंबर को म्हा पूजा 2024, नेवार नववर्ष 2024, गुजराती नववर्ष 14 नवंबर को मनाया जाएगा. वर्ष का समापन तमु लोसर 2024, गुरुंग नववर्ष है, जो 30 दिसंबर को पड़ता है, तो आपने देखा कि एक देश भारत में कैसे विभिन्न नववर्ष कब और कैसे सेलिब्रेट किये जाते हैं. ये सभी नववर्ष और उत्सव भारत की विविधता, विविध संस्कृतियों और परंपराओं को दर्शाते हैं.
अप्रैल 2024 हिंदू नव वर्षों की सूची
9 अप्रैल, 2024, उगादि, तेलुगु नव वर्ष, गुड़ी पड़वा. मराठी नववर्ष, नवरेह कश्मीरी नववर्ष, चेटी चंद, सिंधी नववर्ष, साजिबू चेइराओबा, मैतेई नववर्ष (मणिपुर)
13 अप्रैल, 2024, मेष संक्रांति, हिंदू नव वर्ष, सांगकेन, उत्तर पूर्वी नववर्ष, बिजू, उत्तर पूर्वी नववर्ष, पण संक्रांति, उड़िया नववर्ष. विविसागु, बोडोस नववर्ष (असम), बोहाग बिहु,
14 अप्रैल, 2024, पुथंडु, तमिल नववर्ष, विशु केरल, बिसु परबा, तुलु नववर्ष
14-15 अप्रैल, 2024, पहला बैशाख, उत्तर भारतीय नववर्ष