World Physical Therapy Day 2020: चिकित्सा जगत (Medical World) में फिजिकल थेरेपी (Physical Therapy) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो लोगों को ठीक करने में मदद करती है, इसलिए हर साल 8 सितंबर को वर्ल्ड फिजिकल थेरेपी डे यानी विश्व भौतिक चिकित्सा दिवस (World Physical Therapy Day) मनाया जाता है. इस साल वर्ल्ड फिजिकल थेरेपी डे और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि इस समय पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) से जूझ रही है. इस दिन लोग दुनिया भर के फिजियोथेरेपिस्टों (Physiotherapists) की सराहना करते हैं और उनकी सेवाओं के लिए उन्हें धन्यवाद देते हैं. इसके साथ ही इस दिन फिजिकल थेरेपी के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाई जाती है, जिससे कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से लोगों को ठीक किया जाता है.
वर्ल्ड फिजिकल थेरेपी डे का इतिहास और थीम
पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस महामारी से लड़ रही है, इसलिए वर्ल्ड फिजिकल थेरेपी डे 2020 का थीम पुनर्वास और कोविड-19 (Rehabilitation and COVID-19) रखा गया है. फिजिकल थेरेपी का उद्देश्य हमेशा से ही कमजोर लोगों को समर्थन देना और उन्हें जीवन की अच्छी गुणवत्ता के साथ सेहत के लिहाज से स्वंत्रता हासिल करने में मदद करना है. कोरोना महामारी के दौरान थकान और शारीर में दर्द महसूस होना बेहद आम है और ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि हम फिजिकल थेरेपी एक्सपर्ट की मदद लें.
साल 1996 में वर्ल्ड कॉन्फेडरेशन ऑफ फिजिकल थेरेपी (World Confederation of Physical Therapy-WCPT) को 8 सितंबर को वर्ल्ड फिजिकल थेरेपी डे के रूप में नामित किया गया था. इस तिथि को 1951 में WCPT द्वारा स्थापित किया गया था. दुनिया भर की कई रिपोर्टों के अनुसार, वर्ल्ड फिजिकल थेरेपी डे की गतिविधियों का पेशे की प्रोफाइल पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
क्या है फिजियोथेरेपी?
फिजियोथेरेपी चिकित्सा जगत की एक महत्वपूर्ण चिकित्सा प्रणाली है, जिससे आमतौर पर चोट और हड्डियों व टिश्यू के दर्द को कम किया जाता है. फिजियोथेरेपी बीमारी या चोट लगने के कारण होनेवाली शारीरिक समस्याओं में सुधार लाता है. इससे मरीज की गतिशीलता, कार्य और कल्याण को बहाल करने, बनाए रखने में मदद मिलती है. फिजियोथेरेपी शारीरिक पुनर्वास, चोट की रोकथाम और स्वास्थ्य व फिटनेस के जरिए मदद करता है.
वर्ल्ड फिजिकल थेरेपी डे का महत्व
वर्ल्ड फिजिकल थेरेपी डे का उद्देश्य फिजिकल थेरेपी के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाना है. इस दिन फिजियोथेरेपिस्टों द्वारा किए गए प्रयासों और समाज में उनके योगदान के लिए उनकी सराहना की जाती है, क्योंकि वे लोगों को पुराने दर्द या जटिल चोटों से होने वाली दिक्कतों से छुटकारा दिलाते हैं. इसके साथ ही इस दिवस का मकसद फिजियोथेरेपी चिकित्सकों के काम को पहचानना भी है जो रोगियों के जीवन को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
फिजियोथेरेपिस्ट लोगों की शारीरिक गतिविधियों, कार्य क्षमता को विकसित करने, उसे बनाए रखने वाली सेवाएं प्रदान करते हैं. फिजियोथेरेपिस्ट किसी तरह की चोट व शारीरिक अक्षमता में सुधार लाने में मदद करते हैं, वे तीव्र दर्द, चोट और पुरानी बीमारी से निजात दिलाकर शारीरिक गतिविधि में सुधार लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.