What is Community Transmission? क्या होता है कम्युनिटी ट्रांसमिशन और इससे बचना क्यों है जरुरी
कोरोना वायरस का प्रकोप (Photo Credits: IANS)

What is Community Transmission? मौजूदा वक्त थोड़ा मुश्किल है, लेकिन आगे बढ़ने के लिए रुकना नहीं है और डरना नहीं है, लेकिन सावधानी और सतर्कता के साथ आगे बढ़ना है. लॉकडाउन धीरे-धीरे खुल रहा है, लेकिन केस जिस तरह से बढ़ रहे हैं कम्युनिटी ट्रांसमिशन की ओर इशारा कर रहे हैं. कम्युनिटी ट्रांसिमशन कैसे फैलता है और इससे बचने के

लिए लोग कैसे इस अनलॉक में ध्यान दें? इस बारे में कई अहम जानकारी दी राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉ एके वार्षणेय ने.

भीड़ से बचना बहुत जरूरी

प्रसार भारती से बातचीत में डॉ. वार्षणेय ने कहा कि लोग बाहर मॉल, मंदिर, बाजार, ऑफिस आदि जा रहे हैं और ऐसे में अगर वे संक्रमित होते हैं, तो पता नहीं चलता कि किससे संक्रमित हुए. संक्रमित लोगों को भी नहीं पता होता है कि वो संक्रमित हैं और वे खुद का बचाव नहीं करते हैं. उन्‍हीं के संपर्क में आने वाले कई ऐसे लोग होते हैं, जो एहतियात नहीं रखते. इस प्रकार जब कई लोग संक्रमित होने लगते हैं, तो उसे कम्युनिटी ट्रांसमिशन माना जाता है. इसलिए कहा जा रहा है मास्क लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, भीड़ में जाने से बचें और मान कर चलें की हर व्यक्ति संक्रमित है, तभी खुद को बचा सकते हैं.

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करीब 3 प्रतिशत है मृत्यु दर

इस दौरान उन्होंने देश में बढ़ते केस पर कहा कि केस तो अभी बढ़ रहे हैं और कुछ दिन तेजी से बढ़ेंगे. लेकिन अभी हमारे यहां अच्छी बात ये है कि ज्यादातर लोग कम लक्षण वाले हैं और मृत्यु दर भी काफी कम है. देश में कोरोना से होने वाली मृत्यु की दर करीब 3 प्रतिशत है, यानी अगर 100 लोग संक्रमित हैं तो उनमें से 3 लोगों की मृत्यु हो रही है, 97 लोग ठीक हो रहे हैं. लोगों को यह जानना भी जरूरी है कि जिन्हें पहले से कोई बीमारी है, वो संक्रमित होने के बाद गंभीर रूप से बीमार पड़ रहे हैं, चाहे वो किसी भी उम्र के हों. क्योंकि बुजुर्गों में बढ़ती उम्र के साथ कुछ बीमारियां बनी रहती हैं, तो उन्हें ज्यादा सावधान रहने को कहा जा रहा है.

कुछ स्वास्थ्य कर्मियों में संक्रमण की वजह

वहीं कुछ जगह से स्वास्थ्य कर्मियों के संक्रमित होने की खबरें आ रही हैं, लेकिन पीपीई किट और सावधानी के बाद भी वो कैसे संक्रमित हो रहे हैं इस पर बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों के लिए गाइडलाइन जारी की गई हैं, पीपीई किट पहनने के लिए कहा गया है. अगर पीपीई पहनने में जरा भी चूक हो गई है तो उनको संक्रमण हो सकता है. इसके अलावा कई बार दूसरी बीमारियों के मरीज आते हैं, जिन्हें देखने के लिए नॉन कोविड एरिया में डॉक्टर इमरजेंसी में जाते हैं. ऐसे में अगर सावधानी नहीं रख पाते, तो संक्रमण का खतरा रहता है. क्योंकि कई बार वहां भी मरीज संक्रमित होते हैं, उनसे डाक्टर के संक्रमित होने की संभावना रहती है. देश में लाखों स्वास्थ्य कर्मी डॉक्टर नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ काम कर रहे हैं. उनमें बहुत कम संख्‍या में ही संक्रमित हुए। ज्यादातर चिकित्साकर्मी गंभीर संक्रमितों के बीच काम कर रहे हैं और सभी दिशा-निर्देशों को फॉलो कर रहे हैं, इसलिए सुरक्षित हैं.