हिंदू धर्म (Hindu Religion) में साल भर में कई सारे पर्व और त्योहार मनाए जाते हैं. इस दौरान किसी भी देवी-देवता के पूजन में पंचामृत (Panchamrut) का प्रसाद जरूर चढ़ाया जाता है. पंचामृत का अर्थ है पांच अमृत यानी पांच पवित्र चीजों से बना हुआ मिश्रण. पंचामृत को देवताओं का भोजन कहा जाता है और इस प्रसाद को बेहद शुभ व कल्याणकारी माना जाता है. पूजा के दौरान पंचामृत से देवी-देवताओं की प्रतिमा को स्नान कराया जाता है और उन्हें पंचामृत का भोग (Panchamrut Prasad) भी लगाया जाता है. कहा जाता है इसे पीने से लोगों के भीतर सकारात्मक भाव पैदा होते हैं और उनके जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
दरअसल, दूध, दही, शहद, घी और चीनी से मिलकर तैयार किया गया पंचामृत धार्मिक नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है, लेकिन सेहत के लिए भी यह किसी अमृत से कम नहीं है. चलिए जानते हैं पूजा में इस्तेमाल किए जाने वाले पंचामृत से सेहत (Health Benefits of Panchamrut) को होनेवाले पांच अद्भुत फायदों के बारे में.
ऐसे बनाते हैं पंचामृत
पंचामृत का अर्थ है पांच प्रकार के अमृत तत्व, जिसे बनाने के लिए 500 ग्राम दही, 100 ग्राम दूध, एक चम्मच शहद, 1 चम्मच घी और 50 ग्राम चीनी की आवश्यकता होती है. इन पांच चीजों से बने पंचामृत में आप चाहें तो तुलसी के 8-10 पत्ते भी डाल सकते हैं और बादाम व केसर भी इसमें मिलाया जा सकता है. यह भी पढ़ें: रोजाना करें ॐ मंत्र का जाप, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को होते हैं ये फायदे
पंचामृत के 5 फायदे
पंचामृत में जिन पांच आवश्यक चीजों को डालकर बनाया जाता है उनके अपने अलग-अलग महत्व और फायदे बताए गए हैं. जब ये चीजें एक साथ पंचामृत में मिलती हैं तो इसका सेवन सेहत के लिए अमृत के समान माना जाता है.
1- पूजा में चढ़ाए जाने वाले पंचामृत के सेवन से शारीरिक कमजोरी दूर होती है. इससे शरीर पुष्ट रहता है और बीमारियों का खतरा दूर होता है.
2- तुलसी के पत्ते युक्त पंचामृत का सेवन करने से कब्ज, ब्लड प्रेशर, कैंसर, डायबिटीज और हार्ट अटैक जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है.
3- नियमित तौर पर प्रसाद के रूप में पंचामृत का सेवन करने से शरीर का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और बीमारियों से शरीर की रक्षा होती है.
4- पंचामृत के सेवन से चेहरे पर लालिमा आती है और त्वचा की रंगत में निखार आता है. इसके अलावा इससे स्नान करने पर शरीर की कांति बढ़ती है.
5- अगर आप मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द से परेशान रहते हैं तो पंचामृत का सेवन जरूर करें, क्योंकि इसमें मौजूद घी और दूध इस समस्या से निजात दिलाता है. यह भी पढ़ें: मंदिर जाना सेहत के लिए है बहुत फायदेमंद, जानिए इसके स्वास्थ्य लाभ
गौरतलब है कि पंचामृत का सेवन अत्यधिक मात्रा में करने से बचना चाहिए. पूरा लाभ पाने के लिए प्रसाद जितनी मात्रा में ही इसका सेवन करें. साथ ही इस बात का खास तौर पर ख्याल रखें कि पंचामृत हमेशा चांदी के पात्र में ही देना चाहिए. कहा जाता है कि चांदी के पात्र में रखा गया पंचामृत शुद्ध हो जाता है, जो अनेक बीमारियों को हरने की क्षमता रखता है. इसमें तुलसी मिलाकर ग्रहण करने से याददाश्त भी बेहतर होती है.
नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को केवल सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसमें दी गई जानकारियों को किसी बीमारी के इलाज या चिकित्सा सलाह के लिए प्रतिस्थापित नहीं किया जाना चाहिए. इस लेख में बताए गए टिप्स पूरी तरह से कारगर होंगे या नहीं इसका हम कोई दावा नहीं करते है, इसलिए किसी भी टिप्स या सुझाव को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.