Air Pollution: बढ़ते प्रदूषण में मॉर्निंग वॉक करना कितना सुरक्षित? जानें सुबह नहीं तो किस वक्त करें सैर
वायु प्रदूषण में हवा में हानिकारक पदार्थों की उपस्थिति होती है, जैसे कि पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5 और PM10), कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, और अन्य विषैले प्रदूषक. ये हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं.
ठंड के मौसम में दिल्ली NCR सहित देश के कई शहरों में वायु प्रदूषण बढ़ जता है. हवा में फैले जहरीले कण हमें बीमार बनाते हैं. ऐसे में खुद को फिट रखना बेहद जरूरी है. रोजाना कुछ देर व्यायाम जरूर करें. ऐसे समय में लोग फिटनेस के लिए वॉक का सहारा लेते हैं उनके लिए बढ़ते प्रदूषण ने मुश्किलें पैदा कर दी हैं.
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि वॉक करें या नहीं या वॉक करने का सही समय क्या है? सुबह या शाम किस वक्त टहलने जाना चाहिए, ताकि प्रदूषण का असर कम से कम हो. प्रदूषण के बीच सुबह वॉक करना फायदेमंद है या फिर शाम को टहलना चाहिए? आइये जानते हैं...
खतरनाक है प्रदूषण के दिनों में मॉर्निंग वॉक
वायु प्रदूषण में हवा में हानिकारक पदार्थों की उपस्थिति होती है, जैसे कि पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5 और PM10), कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, और अन्य विषैले प्रदूषक. ये हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं. ठंड के मौसम और धीमी हवा की गति से ये प्रदूषक हवा में बने रहते हैं, जिससे स्मॉग बनता है. ऐसे में सुबह की सैर करना खतरनाक हो सकता है, ख़ासकर उन लोगों के लिए जिन्हें सांस संबंधी समस्याएं, एलर्जी, या हृदय संबंधी रोग हैं.
सुबह की सैर क्यों नहीं है सुरक्षित?
ठंडे मौसम में, विशेष रूप से सुबह के समय, वायु प्रदूषण का स्तर अधिक होता है. इस समय तापमान कम होता है और हवा की गति धीमी, जिससे प्रदूषक जमीन के पास ही रहते हैं. ऐसे में बाहर निकलने से सूक्ष्म कण (PM2.5 और PM10) और विषैली गैसें सांस के ज़रिये शरीर में प्रवेश कर सकती हैं. यह फेफड़ों और श्वसन तंत्र में जलन पैदा कर सकता है, अस्थमा को बढ़ा सकता है, और लंबे समय में हृदय व फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है. बच्चे, बुज़ुर्ग, और पहले से बीमार लोग इस समय सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं.
अगर आपको सैर पर जाना जरूरी लगे, तो अपनाएं ये सावधानियां
एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) की जांच करें: सैर पर जाने से पहले अपने क्षेत्र का AQI चेक करें. 100 से अधिक AQI का स्तर अस्वस्थ है और 200 से ऊपर खतरनाक माना जाता है. ऐसी स्थिति में बाहर निकलने से बचें.
दोपहर में करें सैर: सुबह और शाम के समय प्रदूषण का स्तर अधिक होता है. इसके बजाय दोपहर या देर सुबह सैर करें, जब सूरज और हल्की हवा प्रदूषकों को फैलाने में मदद करती है.
N95 या N99 मास्क पहनें: उच्च गुणवत्ता वाले मास्क पहनें, जो सूक्ष्म कणों को फ़िल्टर कर सके. हालांकि ये मास्क कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी गैसों को नहीं रोक सकते, लेकिन ये हानिकारक कणों के संपर्क को काफी कम कर सकते हैं.
हरे-भरे और कम प्रदूषित स्थान चुनें: व्यस्त सड़कों और औद्योगिक क्षेत्रों से दूर, पार्क या हरे-भरे स्थानों पर सैर करें. पेड़-पौधे प्रदूषकों को कुछ हद तक फ़िल्टर करने में मदद करते हैं.
सैर का समय कम करें: प्रदूषण के संपर्क को कम करने के लिए सैर की अवधि कम रखें. लंबे समय तक बाहर रहने से बेहतर है कि आप थोड़ी देर तेज़ी से चलें.
घर के अंदर व्यायाम करें: योग, ट्रेडमिल पर चलना, या अन्य एरोबिक एक्सरसाइज़ जैसे विकल्पों पर विचार करें. घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करके हवा को और बेहतर बनाया जा सकता है.
हाइड्रेटेड रहें और एंटीऑक्सिडेंट युक्त भोजन करें: पानी पीते रहें और फलों, सब्जियों, और ग्रीन टी जैसे एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ खाएं. ये प्रदूषण के कारण होने वाले ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से लड़ने में मदद करते हैं.
ट्रैफिक के पीक टाइम से बचें: ट्रैफिक के समय वायु प्रदूषण अधिक होता है. कम यातायात वाले समय में बाहर निकलें.
सैर के बाद स्नान करें और कपड़े बदलें: प्रदूषक आपके कपड़ों और त्वचा से चिपक सकते हैं. सैर के तुरंत बाद स्नान करें और कपड़े बदलें ताकि ये प्रदूषक आपके घर में न फैलें.
सुबह की सैर सेहत के लिए फायदेमंद होती है, लेकिन वायु प्रदूषण के समय यह नुकसानदायक हो सकती है. ऐसे में AQI पर नज़र रखें, सावधानियों को अपनाएं, और अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें. जब तक हवा की गुणवत्ता बेहतर न हो जाए, घर के अंदर ही व्यायाम करना सुरक्षित और समझदारी भरा कदम होगा.