नई दिल्ली: हमारे शरीर में कंकाल तंत्र (Bones Health) की भूमिका अहम है. हड्डियां हमारे शरीर को एक ढांचा और संरचना प्रदान करती हैं और इसके साथ ही ये शरीर में कुछ महत्वपूर्ण अंगों की सुरक्षा भी करती हैं. हड्डियां (Bones) कैल्शियम और फॉस्फोरस जैसे खनिजों के भंडारण व मांसपेशियों को गति प्रदान करने के लिए भी सहायक है. बचपन से लेकर बूढ़े होने तक की अवस्था में इनमें कई तरह के बदलाव आते हैं. 30 साल की उम्र तक अस्थि द्रव्यमान घनत्व अपने चरम पर पहुंच जाता है, जिसके बाद एकत्रित होने की तुलना में इस द्रव्यमान की मात्रा हड्डियों (Weak Bones) में धीरे-धीरे कम होने लगती है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस की स्थिति उत्पन्न होने लगती है, जिसका विकास उम्र बढ़ने के साथ होता जाता है.
इसमें अस्थियां कमजोर व भंगुर हो जाती हैं. ऐसे में यदि किसी कारणवश हड्डी टूट जाए तो इन्हें वापस जोड़ना काफी मुश्किल हो जाता है. आंकड़ों के हिसाब से 50 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों में हड्डियों के आसानी से टूट जाने की प्रवृत्ति होती है. दो में से एक महिला और चार में से एक पुरुष में हड्डी महज इस वजह से टूट जाती है, क्योंकि वे ऑस्टियोपोरोसिस के शिकार हैं. ऐसे में इनकी सही देखभाल बहुत जरूरी है.
ऐसे कई जोखिम कारक हैं, जिससे समय से पहले ही लोग इस रोग का शिकार हो जाते हैं. दैनिक आहार में कैल्शियम या विटामिन डी में कमी, कम शारीरिक गतिविधि, वजन का बेहद कम होना, नशे का सेवन, हार्मोन का अनियमित स्तर और कुछ निश्चित दवाइयों का सेवन ऑस्टियोपोरोसिस को वक्त से पहले दावत दे सकता है. फरीदाबाद में फॉर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल में हड्डी विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. हरीश घूटा ने जीनवशैली से संबंधित कुछ बातें साझा की हैं, जो हड्डियों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में हमारी मदद करेंगी.
ऐसे रखें हड्डियों की सेहत का ख्याल
कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर खाद्य और पेय पदार्थो को शामिल करना एक अच्छा कदम है, जैसे कि कम वसायुक्त दुग्ध उत्पाद यानी टोफू या सोया मिल्क, हरी पत्तेदार सब्जियां, फलियां, सैमन (एक प्रकार की मछली), बादाम इत्यादि को अपने दैनिक आहार में जरूर लें. शरीर को हफ्ते में दो से तीन बार दस से पंद्रह मिनट के लिए धूप जरूर दिखाए, क्योंकि सूरज की रोशनी विटामिन डी का एक अच्छा स्त्रोत है. यह भी पढ़ें: हड्डियों को कमजोर कर सकती हैं खाने-पीने की ये चीजें, इनसे परहेज करना ही है बेहतर
इसके अलावा फोर्टीफाइड दूध, अनाज, सैमन, टूना मछली, झींगा या ओऐस्टर में भी विटामिन डी की अच्छी मात्रा पाई जाती है. साथ ही नियमित तौर पर कम से कम आधा घंटा शारीरिक कसरत अवश्य करें. इससे हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत होती हैं. तम्बाकू या शराब का सेवन त्याग दें. उम्र बढ़ने पर अस्थियों में द्रव्यमान के घनत्व की जांच नियमित तौर पर कराएं.