Glasses Protect Against COVID-19: क्या चश्मा पहनने वालों लोगों को कम रहता है कोरोना का रिस्क? जानें क्या कहती है रिसर्च

भारत सहित पूरी दुनिया में कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है. इस वायरस से संक्रमित मरीजों की तादाद बढती जा रही है. कोरोना की वैक्सीन बनाने का काम लगातार जारी है. रूस ने इस खतरनाक वायरस की वैक्सीन बनाने का दावा किया है. कोविड-19 को लेकर पूरी दुनिया में कई शोध लगातार हो रहे हैं. इसी बीच एक रिसर्च में खुलासा हुआ कि चश्मा पहनने वाले लोगों को कोरोना संक्रमण का खतरा कम रहता है.

कोरोना वायरस (Photo Credits-PTI)

नई दिल्ली, 18 सितंबर. भारत सहित पूरी दुनिया में कोरोना वायरस (Coronavirus Pandemic) महामारी का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है. इस वायरस से संक्रमित मरीजों की तादाद बढती जा रही है. कोरोना की वैक्सीन (COVID-19 Vaccine) बनाने का काम लगातार जारी है. रूस ने इस खतरनाक वायरस की वैक्सीन बनाने का दावा किया है. कोविड-19 को लेकर पूरी दुनिया में कई शोध लगातार हो रहे हैं. इसी बीच एक रिसर्च में खुलासा हुआ कि चश्मा पहनने वाले लोगों को कोरोना संक्रमण का खतरा कम रहता है.

वहीं रिसर्च में यह भी कहा गया कि कोरोना वायरस आंखों से माध्यम से शरीर में दाखिल होता है. दरअसल यह जानकारी चीन के सुइझोउ प्रांत में हुए रिसर्च में सामने आई है. इस रिसर्च में कोरोना के 276 मरीजों को समावेश था. इस रिसर्च से जुड़ी अन्य जानकारी नहीं सामने आई है.इन चीजों को अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. यह भी पढ़ें-क्या विटामिन-सी के ज्यादा सेवन से कोरोना वायरस पर नियंत्रण पाया जा सकता है? जानें क्या कहते हैं चिकित्सक!

उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में जो आंकड़े हैं उसके अनुसार करीब एक से 12 फीसदी कोरोना मरीज ऑक्युलर यानी आंखो की वजह से पीड़ित हैं. साथ ही संक्रमित मरीजों की आंसुओं भी कोविड-19 का वायरस पाया गया है. इस चीज की पुष्टि नेत्र विशेषज्ञों की तरफ से की गई थी.

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