कोरोना वायरस फेफड़ों के अलावा मस्तिष्क, हृदय और किडनी पर भी करता है अटैक, जानें कैसे कोविड-19 से मरीज का पूरा शरीर होता है प्रभावित?

अब तक यही समझा गया है कि कोरोना वायरस प्रमुख रूप से संक्रमित व्यक्ति के फेफड़ों को प्रभावित करता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. हालांकि कई अध्ययनों में हाल ही में पाया गया है कि कोरोना वायरस सिर्फ फेफड़ों पर ही नहीं, बल्कि पूरे शरीर पर हमला करता है जिसमें मस्तिष्क, हृदय और किडनी शामिल हैं. इतना ही नहीं यह हमारे नर्व्स और संवेदी प्रणाली को भी प्रभावित करता है.

कोरोना वायरस का प्रकोप (Photo Credits: Pixabay)

अब तक यही समझा गया है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) प्रमुख रूप से संक्रमित व्यक्ति के फेफड़ों (Lungs) को प्रभावित करता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. हालांकि कई अध्ययनों में हाल ही में पाया गया है कि कोरोना वायरस सिर्फ फेफड़ों (Lungs) पर ही नहीं, बल्कि पूरे शरीर पर हमला करता है जिसमें मस्तिष्क (Brain), हृदय (Heart) और किडनी (Kidney) शामिल हैं. इतना ही नहीं यह हमारे नर्व्स और संवेदी प्रणाली (Sensory System) को भी प्रभावित करता है. लगातार हो रहे अध्ययनों की मदद से विशेषज्ञ इस घातक वायरस (Deadly Virus) के हमले के पैटर्न को समझने के बेहद करीब पहुंच रहे हैं.

हाल ही में देखा गया है कि कोविड-19 बच्चों को पीडियाट्रिक इंफ्लेमेटरी डिसीज (Paediatric Inflammatory Disease) के जरिए अपना शिकार बना रहा है. दरअसल, अमेरिका में 80 बच्चे पीडियाट्रिक मल्टी-सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (Paediatric Multi-System Inflammatory Syndrome) के शिकार हो गए, जो जहरीले सदमे (Toxic Shock) या कावासाकी रोग (Kawasaki Sisease) जैसे लक्षणों को प्रदर्शित करते हैं.  यह भी पढ़ें: सेक्स से भी फैल सकता है कोरोना वायरस? संक्रमित पुरुषों के स्पर्म में मिला कोविड-19 वायरस: स्टडी

कोरोना वायरस संवेदी प्रणालियों को प्रभावित करता है, जिससे पीड़ित की सुंघने और स्वाद लेने की क्षमता प्रभावित होता है. दरअसस, किंग्स कॉलेज लंदन में हुए एक शोध में शामिल करीब 60 फीसदी से अधिक रोगियों में गंध और स्वाद महसूस होने वाले इंद्रियों के खोने के लक्षण दिखाई दिए थे. कोरोना वायरस को किडनी और पाचन तंत्र को प्रभावित करने वाला भी कहा गया है. वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, एक नेफ्रोलॉजिस्ट का कहना है कि कोरोना वायरस के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले लगभग आधे रोगियों के मूत्र में प्रोटीन या रक्त होता है. कुछ मरीजों को डायलिसिस की भी जरूरत होती है, जिसका अर्थ है कि इसका प्रभाव किडनी पर भी देखा गया है. यह भी पढ़ें: COVID Toes: अंगूठों या पैरों में सूजन की समस्या को न करें नजरअंदाज, यह हो सकता है कोरोना वायरस का लक्षण, जानें क्या कहते हैं त्वचा विशेषज्ञ

कोविड-19 से संक्रमित व्यक्तियों में चक्कर आना, सिरदर्द, बिगड़ी हुई चेतना, मांसपेशियों की चोट जैसे तंत्रिका संबंधी लक्षणों की भी पहचान की गई है. अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल में तंत्रिका तंत्र कार्य पर एक अध्ययन में पाया गया कि पीड़ित मरीजों को दौरा पड़ सकता है या फिर स्ट्रोक आ सकता है.

वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, कोरोना वायरस रक्त को प्रभावित करता है, जिससे खून में थक्के बनने लगते हैं. वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, सिर्फ मस्तिष्क ही नहीं, बल्कि कोरोना वायरस दिल के स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है, क्योंकि कोरोना संक्रमित रोगियों में अनियमित तौर से दिल के धड़कने के लक्षण भी दिखाई दिए हैं.

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