लिफ्ट की जगह करें सीढ़ियों का इस्तेमाल, इससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को होते हैं ये गजब के फायदे

हममें से ज्यादातर लोग पैदल चलने के बजाय किसी वाहन से चलना पसंद करते हैं और सीढ़ियों की जगह लिफ्ट को तवज्जो देते हैं, लेकिन रोजमर्रा की यही आदत कई बीमारियों को न्योता देती है. हालांकि रोजाना सीढ़ियों का इस्तेमाल करके खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रखा जा सकता है, क्योंकि सीढ़ियां चढ़ना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है.

सीढ़ियां/ प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

मोटापे (Obesity) को मात देने और खुद को फिट रखने के लिए अधिकांश लोग जिम और डायट प्लान (Gym And Diet Plan) का सहारा लेते हैं, लेकिन कहीं जाना होता है तो पैदल चलने की बजाय गाड़ी और सीढ़ियों (Stairs) की बजाय लिफ्ट (Lift) का इस्तेमाल जरूर करते हैं. बेशक नियमित तौर पर जिम जाने और डायट चार्ट को फॉलों करने से वजन कम (Weight Loss) होता है और शरीर निरोगी रहता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सीढ़ियां चढ़ना आपकी सेहत के लिए कितना फायदेमंद हो सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि रोजाना लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करने से शरीर में मौजूद कैलोरी बर्न होती है और शरीर को एनर्जी मिलती है.

अगर आपको योगा क्लास या जिम जाने के लिए समय नहीं मिलता है तो आप लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करके भी अपने वजन को कम सकते हैं. चलिए जानते हैं सीढ़ियां चढ़ने (Climbing Stairs) से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य (Mental And Physical Health) को क्या फायदे होते हैं.

1- वेट लॉस के लिए मददगार

अगर आप कहीं जाते हैं तो वहां मौजूद लिफ्ट या एस्केलेटर के बजाय चढ़ने के लिए सीढ़ियों का इस्तेमाल करें. सीढ़ियां चढ़ने पर शरीर का फैट तेजी से बर्न होता है और इससे कैलोरी घटाने में मदद भी मिलती है. नियमित रुप से सीढ़ियों का इस्तेमाल करने वाले लोगों का वजन तेजी से कम होता है और उन्हें मोटापे की चिंता नहीं सताती है. यह भी पढ़ें: डांस है तनाव और मोटापे का सबसे बड़ा दुश्मन, इससे शरीर को होते हैं ये हैरान करने वाले फायदे

2- बैड कोलेस्ट्रॉल घटाए

लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल आपको डायबिटीज और दिल की बीमारियों के खतरे से बचाने में मदद करता है. दरअसल, सीढ़ियों पर तेज चलने के कारण शरीर में मौजूद बैड कोलेस्ट्रॉल कम होता है और गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती है, जिससे डायबिटीज और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा दूर होता है.

3- मानसिक स्वास्थ्य में सुधार

नियमित तौर पर सीढ़ियां चढ़ना न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, बल्कि इससे मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. सीढ़ियों का इस्तेमाल करने से एंडोर्फिन जैसे फील-गुड हार्मोन का स्राव बढ़ता है जो स्ट्रेस को दूर भगाता है और मूड को अच्छा करता है. सीढ़ियों का इस्तेमाल करना मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर माना जाता है.

4- ऑस्टियोअर्थराइटिस का खतरा करे कम

गतिहीन जीवनशैली और डेस्क जॉब करनेवाले लोगों को ऑस्टियोअर्थराइटिस होने का खतरा दूसरों के मुकाबले ज्यादा होता है. खासकर महिलाओं में ये परेशानी ज्यादा देखी जाती है, लेकिन अगर आप रोजाना किसी फ्लोर पर जाने के लिए सीढ़ियों का इस्तेमाल करते हैं तो इससे मांसपेशियों के लचीलेपन में सुधार आता है, जिससे मांसपेशियों में दर्द और ऐंठन की समस्या से राहत मिलती है और ऑस्टियोअर्थराइटिस का खतरा कम होता है.

5- अनिद्रा से लड़ने में कारगर

किसी बात की चिंता, वातावरण में बदलाव, बहुत ज्यादा काम का प्रेशर या फिर हार्मोन्स में बदलाव के कारण कई बार रात में नींद नहीं आती है. हालांकि इन्सोमनिया की समस्या किसी भी वजह से हो सकती है, लेकिन अगर आप रोजाना सीढ़ियों का इस्तेमाल करते हैं तो इससे आपको इस समस्या से निजात मिल सकती है. सीढ़ियां चढ़ने से मांसपेशियां लचीली होती हैं और शरीर में अच्छे हार्मोन्स का स्राव बढ़ता है, जिसके कारण इन्सोमनिया यानी अनिद्रा से लड़ने में मदद मिलती है. यह भी पढ़ें: जिम में घंटों पसीना बहाना छोड़ देंगे आप, जब जानेंगे रोजाना 5 मिनट की रनिंग से होने वाले ये फायदे

बहराहल, अगर आपको अपनी व्यस्त दिनचर्या के चलते जिम जाने या शारीरिक कसरत करने का मौका नहीं मिलता है तो आज से ही लिफ्ट का मोह छोड़कर सीढ़ियों का इस्तेमाल करना शुरु कर दीजिए और खुद को मानसिक व शारीरिक तौर पर फिट रखने की दिशा में पहला कदम बढ़ाइए.

नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को केवल सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसमें दी गई जानकारियों को किसी बीमारी के इलाज या चिकित्सा सलाह के लिए प्रतिस्थापित नहीं किया जाना चाहिए. इस लेख में बताए गए टिप्स  पूरी तरह से कारगर होंगे या नहीं इसका हम कोई दावा नहीं करते है, इसलिए किसी भी टिप्स या सुझाव को आजमाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

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