हिंदी पंचांग के अनुसार सावन मास के शुक्लपक्ष की तृतीया को हरियाली तीज के नाम से मनाया जाता है. इस दिन सुहागन स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु के लिए निर्जल व्रत रखती हैं और भगवान शिव की पूजा करती हैं. सनातन धर्म में हरियाली तीज का विशेष महत्व है. कुछ जगहों पर इसे मधुस्त्रवा तृतीया भी कहते हैं. सावन मास शुक्लपक्ष की तृतीया को मनाई जानेवाली हरियाली तीज के दिन सुहागन स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु एवं सलामती के लिए निर्जल उपवास रखती हैं. परंपरानुसार इस दिन सुहागनें भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष 31 जुलाई 2022, रविवार को हरियाली तीज को पड़ रहा है. आइये जानें हरियाली तीज का महत्व, व्रत एवं पूजा विधि.
हरितालिका तीज का महात्म्य!
वायु पुराण एवं धार्मिक कथाओं में उल्लेखित है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए 107 जन्म लिया था. अंततः 108वें जन्म में पर्वतराज हिमालय की पुत्री (पार्वती) के रूप में भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त कर सकी थीं. मां पार्वती की कठिन तपस्या से प्रभावित होकर ही हरियाली व्रत की परंपरा चलन में आई. मान्यता है कि इस दिन विवाहित स्त्रियां 16 श्रृंगार करके अपने सुहाग की लंबी आयु की कामना के साथ भगवान शिव एवं माँ पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं, उन्हें अखण्ड सौभाग्यवती का आशीर्वाद प्राप्त होता है. चूंकि यह पर्व सावन मास में पड़ता है, जब संपूर्ण पृथ्वी हरी-भरी होती है, इसीलिए इसे हरियाली तीज कहते हैं. इस दिन हाथों में मेहंदी का संबंध भी प्रकृति में फैले रंग-बिरंगे फूलों का प्रतीक स्वरूप है. यह भी पढ़ें : Raksha Bandhan 2022 Gift Ideas: हरी राखी से लेकर कस्टमाइज्ड गिफ्ट हैम्पर तक, राखी मनाने के लिए 6 बेहतरीन गिफ्ट्स
हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त
सावन शुक्लपक्ष तृतीया आरंभ: 02.59 AM (31 जुलाई 2022) से AM PM
सावन शुक्लपक्ष तृतीया समाप्त: 04.18 AM (01 अगस्त 2022) पर
उदया तिथि 31 जुलाई 2022 को है, इसलिए हरितालिका तीज 31 जुलाई 2022 को ही मनाया जायेगा.
हरियाली तीज पर बन रहा है विशेष योग सावन शुक्लपक्ष की तृतीया (हरितालिका तीज) पर रवि योग बन रहा है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रवि योग किसी भी कार्य की सिद्धी के लिए सबसे शुभ योग माना जाता है. इस दिन प्रातःकाल स्नान-ध्यान के पश्चात सूर्य को अर्घ्य देने के बाद कोई भी शुभ कार्य शुरू करेंगे, सफलता मिलेगी. हरियाली तीज को रवि योग, 31 जुलाई को दोपहर 02.20 बजे से 01 अगस्त को प्रातः 06.04 बजे तक है.
हरियाली तीज पर ऐसे करें पूजा
सावन मास के तृतीया के दिन सुहागन स्त्रियां सूर्योदय से पूर्व स्नान-ध्यान करें. स्वच्छ वस्त्र धारण कर माता पार्वती एवं शिवजी का ध्यान कर व्रत एवं पूजा का संकल्प लेते हुए इच्छित फल की कामना करें. घर के देवालय के पास एक स्वच्छ चौकी रखें. इस पर रेत के शिवजी एवं पार्वती जी की प्रतिमा बनाकर सामने धूप-दीप प्रज्वलित करें. सर्वप्रथम भगवान गणेश को पुष्प, दुर्वा एवं रोली अर्पित करते हुए इस मंत्र का 11 बार जाप करें, 'ॐ गं गणपतये नमः'.
इसके पश्चात ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करते हुए शिवजी एवं पार्वती पर पुष्प एवं बिल्व पत्र अर्पित करते हुए निम्न मंत्र का जाप करें.
ॐ हराय नम:, ॐ महेश्वराय नम:, ॐ शम्भवे नम:, ॐ शूलपाणये नम:,
ॐ पिनाकवृषे नम:, ॐ शिवाय नम:, ॐ पशुपतये नम:, ॐ महादेवाय नम:
शिवजी को दूध की मिठाई का भोग लगायें.
शिव एवं माँ पार्वती का मन ही मन आह्वान करें. माँ पार्वती को सोलह श्रृंगार का सामान अर्पित करते हुए निम्न मंत्र पढ़ें. ॐ उमायै नम:, ॐ पार्वत्यै नम:, ॐ जगद्धात्र्यै नम:,
ॐ जगत्प्रतिष्ठयै नम:, ॐ शांतिरूपिण्यै नम:, ॐ शिवायै नम:
इसके पश्चात शिवजी की आरती उतारें.
अगले दिन प्रातः स्नान-ध्यान के पश्चात महिलाएं व्रत का पारण कर सकती हैं.