Bal Gangadhar Tilak Punya-Tithi 2024! आलसी व्यक्तियों के लिए भगवान अवतार नहीं लेते! जानें गंगाधर तिलक के ऐसे 12 प्रभावशाली कोट्स!

बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी लेखनी से ऐसे बहुत सारे अर्थपूर्ण उद्धरण लिखे. यहां कुछ ऐसे ही कोट्स दिये जा रहे हैं.

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Bal Gangadhar Tilak Punya-Tithi 2024! बाल गंगाधर तिलक का जन्म 23 जुलाई 1856 को हुआ था. स्वर्गीय तिलक भारतीय राष्ट्रवादी, शिक्षक, समाज सुधारक, वकील और एक स्वतंत्रता सेनानी थे. वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पहले लोकप्रिय नेता थे. इन्हें हिंदू राष्ट्रवाद का पिता के नाम से भी जाना जाता है.

बाल गंगाधर तिलक को ब्रिटिश राज के दौरान स्वराज के सबसे पहले और प्रभावशाली अधिवक्ताओं में एक माना जाता है. उस दौरान उन्होंने नारा दिया था, ’स्वराज्य हा माझा जन्मसिद्ध हक्क आहे आणि तो मी मिळवणारच’ (मराठी) अर्थात ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, मैं इसे लेकर ही रहूंगा.’ काफी लोकप्रिय हुआ था. बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि (01 अगस्त) के अवसर पर उनकी लेखनी से ऐसे बहुत सारे अर्थपूर्ण उद्धरण लिखे. यहां कुछ ऐसे ही कोट्स दिये जा रहे हैं. ये भी पढ़े :Lokmanya Tilak Jayanti 2024: एक तरफ स्वतंत्रता आंदोलन, दूसरी ओर समाज कल्याण का संकल्प! जानें कैसा रहा तिलक का दोधारी तलवार पर सफर!

* आलसी व्यक्तियों के लिए भगवान अवतार नहीं लेते, वह मेहनती व्यक्तियों के लिए ही अवतरित होते हैं, इसलिए कार्य करना आरम्भ करें.

* कमजोर नहीं बल्कि शक्तिशाली बनें और यह विश्वास रखें की ईश्वर हमेशा आपके साथ है.

* धर्म और व्यावहारिक जीवन अलग नहीं हैं. संन्यास लेना जीवन का परित्याग करना नहीं है. असली भावना सिर्फ अपने लिए काम करने की बजाए देश को अपना परिवार बनाकर मिलजुल कर काम करना है. इसके बाद का कदम मानवता की सेवा करना है और अगला कदम ईश्वर की सेवा करना है.

* आप केवल कर्म करिए, उसके परिणामों पर ध्यान मत दीजिये.

* जीवन एक ताश के खेल की तरह है. सही पत्तों का चयन हमारे हाथ में नहीं है, लेकिन हमारी सफलता निर्धारित करने वाले पत्ते खेलना हाथ में है.

* अगर आप रुके और हर भौंकने वाले कुत्ते पर पत्थर फेंकेंगे तो आप कभी अपने गंतव्य तक नहीं पहुंचेंगे. बेहतर होगा कि हाथ में बिस्किट रखें और आगे बढ़ते जाएं.

* अगर भगवान अस्पृश्यता बर्दाश्त करता है तो मैं उसे भगवान नहीं कहूंगा.

* एक अच्छे अखबार के शब्द अपने आप बोल देते हैं.

* यह सच है कि बारिश की कमी के कारण अकाल पड़ता है, लेकिन यह भी सच है कि भारत के लोगों में इस संकट से लड़ने के ताकत नहीं है.

* आप केवल कर्म करें, उसके परिणामों पर ध्यान मत दीजिये

* भारत की गरीबी पूर्ण रूप से वर्तमान सरकार के कारण है.

* आपके विचार सही, लक्ष्य ईमानदार और प्रयास संवैधानिक हों, तो मुझे पूर्ण विश्वास है कि आपकी सफलता निश्चित है.

 

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