कैलागन (ऑस्ट्रेलिया), 11 जुलाई: (द कन्वर्सेशन) प्राथमिक स्कूल जाने वाले पांच में से चार विद्यार्थी हर दिन डिब्बाबंद लंच लेकर जाते हैं जिसके लिए परिजन को अपनी जेब से अच्छी-खासी रकम चुकानी पड़ती है और इस तरह का लंच लाने वाले बच्चों की संख्या काफी अधिक है. ऑस्ट्रेलिया में हर हफ्ते ऐसे एक करोड़ लंचबॉक्स आते हैं. लेकिन अपने विवेक के आधार पर लंचबॉक्स में भेजे जाने वाले इन खाद्य पदार्थों में 10 में से नौ में केक, चिप्स, म्यूसली बार और फलों के जूस जैसी चीजें शामिल होती हैं. खाने की ये चीजें सेहतमंद एवं पोषक आहार के लिए जरूरी नहीं हैं और अकसर इनमें सैचुरेटेड वसा, नमक एवं चीनी और फाइबर (रेशे) बहुत कम होते हैं. औसत लंचबॉक्स में 40 प्रतिशत ऊर्जा इन्हीं भोजनों से आती है.
व्यस्त रहने वाले माता-पिता को इन खाद्य सामग्रियों की जगह पर कुछ ऐसे विकल्प ढूंढने होंगे जो न सिर्फ सेहतमंद हों बल्कि आसान, सस्ते और स्वादिष्ट भी हो. यह भी पढ़ें: Benefits of Vitamin Rich Superfood: ये सुपरफूड्स चिंता, तनाव को कम करने के अलावा इन बीमारियों में है फायदेमंद
बच्चों को क्या खाना चाहिए
सेहतमंद लंचबॉक्स कक्षा में बच्चों के व्यवहार, अकादमिक उपलब्धि, सेहत एवं वजन जैसे कारकों पर सकारात्मक प्रभाव डालने में बड़ी भूमिका निभाता है.
आमतौर पर बच्चों को पांच मुख्य खाद्य समूहों से विभिन्न भोजन मिलना चाहिए : सब्जियां और फलियां; फल; अनाज के खाद्य पदार्थ (ज्यादातर साबुत अनाज और अधिक रेशे वाले); बिना चरबी वाला मांस और चिकन, मछली, अंडे, टोफू, बादाम आदि और बीज; दूध, दही और पनीर (या इनके विकल्प).हमारा शोध दिखाता है कि हानिकारक या जंक फूड को बहुत आसानी से सेहतमंद भोजनों से बदला जा सकता है जैसे विभिन्न अकार के राइस क्रैकर, चिप्स की जगह पॉपकॉर्न, केक की जगह पैनकेक (पिकलेट्स) और सबसे आसान चीज है कि बच्चे पानी खूब पिएं यह सुनिश्चित करना. खाने की ऐसी चीजें शामिल करनी हैं जो बनाने में तो आसान हो ही, दिखें भी अच्छा और उसमें चीनी, वसा, एनर्जी भी कम हो.
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