World Hindi Diwas 2023: 'राष्ट्रीय हिंदी दिवस' और 'विश्व हिंदी दिवस' अलग-अलग, पढ़ें इस खुबसूरत भाषा से जुडी बड़ी बातें
विश्व हिंदी दिवस 2023 (Photo Credits: File Image)

'राष्ट्रीय हिंदी दिवस' और 'विश्व हिंदी दिवस' दोनों अलग-अलग हैं. देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी को 14 सितंबर, 1949 को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया था। इसलिए हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है. जबकि पहली बार 1975 में 10 जनवरी को नागपुर में पहला 'विश्व हिंदी सम्मेलन' मनाया गया था. इसलिए हर साल 10 जनवरी को 'विश्व हिंदी दिवस' मनाया जाता है.

हिन्दी को राजभाषा बनाने में इनका विशेष योगदान

हिन्दी को राजभाषा बनाने में काका कालेलकर, मैथिलीशरण गुप्त, हजारी प्रसाद द्विवेदी, सेठ गोविन्ददास का महत्वपूर्ण योगदान रहा. हिंदी भी आठवीं अनुसूची की भाषा है। अनुच्छेद 351 'हिंदी भाषा के विकास के लिए निर्देश' से संबंधित है.

याद हो, बीते वर्ष यूनेस्को में इसी दिन भारत के स्थायी प्रतिनिधि मंडल ने 'विश्व हिंदी दिवस' के अवसर पर घोषणा की थी कि यूनेस्को का विश्व विरासत केंद्र भारत के यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों के हिंदी विवरण को डब्ल्यूएचसी की वेबसाइट पर प्रकाशित करने के लिए सहमत हो गया है.

ऐसे दें विश्व हिंदी दिवस की बधाई 

यानि बीते वर्ष से ही यूनेस्को ने भारत के विश्व धरोहर स्थलों के हिंदी विवरण को अपनी वर्ल्ड हेरिटेज सेंटर वेबसाइट पर प्रकाशित कर लिया था. यह निर्णय हर भारतीय और हिन्दी प्रेमी के लिए गर्व का पल बना था.

हिंदी को बढ़ावा देने के लिए सरकार की पहल:

• 1960 में केंद्रीय हिंदी निदेशालय की स्थापना भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधीन की गई थी.

• भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) ने विदेशों में विभिन्न विदेशी विश्वविद्यालयों/संस्थानों में 'हिंदी पीठ' की स्थापना की.

• लीला-राजभाषा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से भारतीय भाषाएं सीखें) हिंदी सीखने के लिए एक मल्टीमीडिया आधारित बुद्धिमान स्व-ट्यूटरिंग एप्लिकेशन.

• ई-सरल हिंदी वाक्य कोष और ई-महाशब्दकोश मोबाइल एप, राजभाषा विभाग की दोनों पहलों का उद्देश्य हिंदी के विकास के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करना है.

• राजभाषा गौरव पुरस्कार और राजभाषा कीर्ति पुरस्कार हिंदी में योगदान को मान्यता देते हैं.

भारत की आधिकारिक भाषा

यूं तो 'हिन्दी' का नाम फारसी शब्द 'हिंद' से पड़ा है, जिसका अर्थ है 'सिंधु नदी की भूमि'. 11वीं शताब्दी की शुरुआत में तुर्क आक्रमणकारियों ने इस क्षेत्र की भाषा को हिंदी, 'सिंधु नदी की भूमि की भाषा' का नाम दिया.बाद में यह भारत की आधिकारिक भाषा बन गई जबकि अंग्रेजी दूसरी आधिकारिक भाषा है. आज हिंदी भारत के बाहर भी कुछ देशों में भी बोली जाती है, जैसे मॉरीशस, फिजी, सूरीनाम, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो और नेपाल आदि.

आधुनिक देवनागरी लिपि 11वीं शताब्दी में अस्तित्व में आई

उल्लेखनीय है कि हिन्दी अपने वर्तमान स्वरूप में विभिन्न चरणों के माध्यम से उभरी, जिसके दौरान इसे अन्य नामों से जाना जाता था. पुरानी हिंदी का सबसे पहला रूप 'अपभ्रंश' था. 400 ईस्वी में कालिदास ने 'अपभ्रंश' में विक्रमोर्वशियम नामक एक नाटक लिखा था. इसके पश्चात् आधुनिक देवनागरी लिपि 11वीं शताब्दी में अस्तित्व में आई.