World Hindi Day 2021: विश्व में बढ़ रही है हिंदी की स्वीकार्यता, सभी सीमाओं को पार कर आगे बढ़ रही है यह भाषा

आज विश्व के विभिन्न देशों में द्रुत गति से हिंदी का प्रसार हो रहा है. वास्तव में भाषा, किसी भी सीमा में आबद्ध नहीं हो सकती. निरंतर प्रवाहमान भाषा ही विकसित और परिष्कृत होती है. हिंदी विश्वभाषा की क्षमताओं से संपन्न है. व्यापार,कृषि, उद्योग, मनोरंजन,अध्ययन-अध्यापन और विमर्श की भाषा हिंदी सभी सीमाओं को पार कर बढ़ती ही जा रही है.

विश्व हिंदी दिवस 2021 (Photo Credits: File Image)

World Hindi Day 2021: आज विश्व के विभिन्न देशों में द्रुत गति से हिंदी का प्रसार हो रहा है. वास्तव में भाषा, किसी भी सीमा में आबद्ध नहीं हो सकती. निरंतर प्रवाहमान भाषा ही विकसित और परिष्कृत होती है. हिंदी विश्वभाषा की क्षमताओं से संपन्न है. व्यापार,कृषि, उद्योग, मनोरंजन,अध्ययन-अध्यापन और विमर्श की भाषा हिंदी सभी सीमाओं को पार कर बढ़ती ही जा रही है. विश्व में 80 करोड़ लोग ऐसे हैं जो हिंदी बोल और समझ सकते हैं. यह विश्वभर में तीसरी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है.

संयुक्त राष्ट्र संघ से प्रसारित होता है हिंदी समाचार बुलेटिन

संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 22 जुलाई 2018 से साप्ताहिक आधार पर हिंदी समाचार बुलेटिन का प्रसारण शुरू किया गया. यह दिवंगत पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नेतृत्व में हिंदी को संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों में से एक था.

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संयुक्त राष्ट्र संघ का हिंदी में आधिकारिक ट्विटर हैंडल भी है. संयुक्त राष्ट्र संघ के आधिकारिक जालस्थल (वेबसाइट) पर मुख्य दस्तावेज हिंदी में उपलब्ध कराए गए हैं. वहीं, विश्व हिंदी सचिवालय का स्थायी भवन मॉरीशस में स्थित है.

दुनिया भर के विश्वविद्यालयों में हिंदी में हो रहा शिक्षण कार्य

भारत के पड़ोसी देश और दुनिया के अन्य देशों में से लगभग 46 देश ऐसे हैं जहां हिंदी में पठन-पाठन होता है.

पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका,नेपाल, भूटान और म्यांमार इत्यादि देशों में हिंदी में पाठ्यक्रम चलते हैं.

वहीं, संयुक्त राज्य अमेरिका के शिकागो, वर्जिनिया, टेक्सस, कोलंबिया और पेन्सिलेवानिया आदि विश्वविद्यालयों के दक्षिण एशिया अध्ययन विभाग के अंतर्गत हिंदी के अध्ययन-अध्यापन की सुविधा है.

फिनलैंड के हेलसिंकी, स्वीडन के स्टॉकहोम और नार्वे के ओस्लो विश्वविद्यालय में हिंदी में पठन-पाठन होता है.

चीन के पेइचिंग विश्वविद्यालय में भी हिंदी पढ़ाई जाती है.

वैश्विक बाजार में धाक जमा रही हिंदी

विश्‍व बाज़ार में हिन्‍दी भाषा का प्रभुत्व बढ़ रहा है. हिंदी उपभोक्ता वर्ग की भाषा है. आज उपभोक्‍ता सामग्री बनाने वाली बहुराष्‍ट्रीय कंपनियां वस्‍तुओं के साथ दी जाने वाली जानकारी हिन्‍दी में भी प्रकाशित कर रही है. इंटरनेट, स्मार्टफोन, गूगल की हिंदी सेवा व लगभग सभी वेबसाइटों व ऐप के हिंदी संस्करण ने भी हिंदी को खूब लोकप्रियता दिलाई है. वैश्विक बाजार में भारत की मजबूत स्थिति ने विदेशों में और विदेशियों से भी हिंदी को उचित आदर और सम्मान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

विश्वव्यापी रूप ग्रहण कर रही है हिंदी

हिंदी विश्वव्यापी रुप ग्रहण कर रही है. स्वाभाविकता, सरलता और सद्भावना से ओत-प्रोत हिंदी भाषा विश्व मानव के विचारों को अभिव्यक्त करने में सक्षम है. हिंदी का विस्तार संतोषजनक है लेकिन वैश्विक भाषा बनने में तकनीक संबंधी चुनौतियों को दूर करना भी जरूरी होगा. हिंदी-अनुरागियों का यह विश्वास है कि हिंदी, विभेद आतंक और शोषण को दूर कर सर्वजन स्वीकृत भाषा बनेगी.

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