World Hijab Day 2020: इसलिए पहनती हैं मुस्लिम महिलाएं हिजाब! जानें कब और क्यों हुई विश्व हिजाब दिवस की शुरुआत?
मुस्लिम महिलाएं हिजाब को इस्लाम द्वारा महिलाओं को दिया गया एक महान तोहफ़ा मानती हैं. धर्म के प्रति एकजुटता दर्शाने के लिए ही 1 फरवरी को हिजाब दिवस मनाने की शुरूआत हुई. इस संदर्भ में मुस्लिम महिलाओं का मानना है कि इस दिवस विशेष पर हिजाब पहनकर वे अपने उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर होने के लिए प्रेरित होती हैं.
World Hijab Day 2020: हिजाब (Hijab) वस्तुतः मुस्लिम महिलाओं (Muslim Women) द्वारा पहना जाने वाला वह परिधान है जिससे शरीर का अधिकांश हिस्सा ढका होता है. मुस्लिम महिलाएं हिजाब को इस्लाम (Islam) द्वारा महिलाओं को दिया गया एक महान तोहफा मानती हैं. धर्म के प्रति एकजुटता दर्शाने के लिए ही 1 फरवरी को विश्व हिजाब दिवस (World Hijab Day) मनाने की शुरूआत हुई. इस संदर्भ में मुस्लिम महिलाओं का मानना है कि इस दिवस विशेष पर हिजाब पहनकर वे अपने उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर होने के लिए प्रेरित होती हैं. विश्व हिजाब दिवस उन्हें एहसास दिलाता है कि हिजाब उनके लिए बंदिश नहीं, बल्कि सबसे अनमोल तोहफा है. आइये जानें किसी भी मुस्लिम महिला के लिए हिजाब क्या मायने रखता है और कैसे इस दिवस विशेष की शुरुआत हुई.
विश्व हिजाब दिवस की कब किसने और क्यों की शुरुआत
विश्व हिजाब दिवस शुरु कराने का श्रेय नाजमा खान नामक महिला को जाता है. दरअसल नाजमा खान ने सामाजिक बदलाव के लिए मुस्लिम महिलाओं को प्रेरित करने के उद्देश्य से 1 फरवरी 2013 से हिजाब दिवस मनाने की शुरुआत की थी. इसका उद्देश्य बस यही है कि इस हर मुस्लिम महिला इस्लाम के प्रति अपनी एकजुटता दिखाती हैं और अन्य मुस्लिम महिलाओं को जागरूक करती है. इस दिन मुस्लिम महिलाएं हिजाब पहनकर ‘खूबसूरत’, ‘विश्वासपूर्ण’ और ‘सशक्त’ समझती है.
इस दिवस विशेष पर मुस्लिम महिलाएं विभिन्न प्रिंट एवं कलर वाले हिजाब पहनकर वे सेल्फी लेती हैं और विशेष संदेशों के साथ इसे सोशल मीडिया पर शेयर करती हैं. ऐसा करके वे उन मुस्लिम महिलाओं को भी हिजाब पहनने के लिये प्रेरित करती हैं. साथ ही वे यह भी बताती हैं कि हिजाब महिलाओं के लिए ईश्वर का दिया वह उपहार है, जो महिलाओं को दुनिया की हर तरह की गंदगी से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. इस दिन को वे अपनी ताकत के तौर पर मनाती हैं. इस दिन महिलाएं संयुक्त रूप से हिजाब को लेकर एक अभियान चलाती हैं, जिनमें महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्हें प्रेरित किया जाता है.
क्यों पहनती हैं मुस्लिम महिलाएं हिजाब अथवा बुरखा
बुरखा अथवा हिसाब पहनने का उल्लेख मुस्लिम धर्म के पवित्र पुस्तक 'कुरआन करीम' में मिलता है. इसमें बताया गया गया है कि मुस्लिम महिलाओं और पुरुषों का लिबास कैसा होना चाहिए? कुरआन के अनुसार, मुस्लिम महिलाओं को ऐसे वस्त्र ही पहनने चाहिए जिससे उनकी आंखे, चेहरा, हाथ और पैर किसी पराये व्यक्ति को न दिखे. इसीलिए मुस्लिम महिलाएं बुर्का अथवा हिजाब पहनकर शरीर और चेहरे को ढंककर रखती हैं. अरबी भाषा में हिजाब का आशय सिर को ढंककर रखना. इसे पहनने के बाद महिला के बाल और गर्दन छिपे होते हैं, बस चेहरा नजर आता है.