World Day Against Child Labour 2023: क्यों मनाया जाता है बाल श्रम निषेध दिवस? जानें इसके हैरान करने वाले आंकड़े!
बाल श्रम/ प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Wikimedia Commons)

बाल श्रम की मुख्य वजह गरीबी है, जिससे मजबूर होकर छोटी उम्र में बच्चों को मजदूरी के लिए विवश होना पड़ता है. एक विकासशील देश के लिए यह अभिशाप है. इस अभिशाप को समाप्त करने की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों द्वारा प्रत्येक वर्ष 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है. यह दिवस बाल श्रम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और इसे पूरी तरह समाप्त करने के लिए व्यक्तियों, सरकारी और गैर सरकारी संगठनों को प्रोत्साहित करने के रूप में मनाया जाता है. यह भी पढ़ें: Staircase & Vastu: कैसी हो घर के अंदर या बाहर की सीढ़ियां? जानें वास्तु शास्त्री द्वारा निर्दिष्ट 6 महत्वपूर्ण टिप्स!

बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने साल 2002 में बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस मनाने की घोषणा की थी, इसके बाद से निरंतर 12 जून को यह दिवस विशेष मनाया जा रहा है. आइये जानते हैं, विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के संदर्भ में कुछ रोचक जानकारियां ...

विश्व बाल श्रम निषेध दिवस का इतिहास

साल 1973 में अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ ने 138वें सम्मेलन में न्यूनतम आयु पर लोगों का ध्यान केंद्रित किया, जिसका मकसद सदस्य देशों को रोजगार की न्यूनतम आयु बढ़ाने और बाल मजदूरी को समाप्त करना था. इसके 29 साल बाद साल 2002 में अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ (ILO) ने बाल श्रम रोकने का मुद्दा विश्व पटल पर रखा. साल 2002 में सभी देशों की सर्वसम्मति से एक कानून पारित हुआ, जिसके तहत 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से मजदूरी करवाना अपराध घोषित किया गया. वर्तमान में इस श्रम संघ के लगभग 187 सदस्य देश शामिल हैं. बाल श्रम पर नियंत्रण को एक राष्ट्रीय मुद्दा मानते हुए अंतर्राष्ट्रीय श्रम संघ को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में और भी देश इस मुहिम से जुड़ेंगे.

क्यों जरूरी है विश्व बाल श्रम निषेध दिवस?

दुनिया में जन्म लेनेवाले हर बच्चे को उचित पोषण और सही शिक्षा प्राप्त करना उनका मौलिक अधिकार है, लेकिन गरीबी एवं पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते उन्हें कम उम्र में पढ़ाई-लिखाई छोड़कर मजदूरी के लिए विवश होना पड़ता है. यही नहीं देश-दुनिया भर में ऐसे रैकेट भी खूब हैं, जो इन बच्चों का शोषण करते हैं, तथा उनका इस्तेमाल गैरकानूनी धंधों में भी करते हैं, जिसकी वजह से बच्चा निरंतर अपराध की दलदल में फंसता जाता है और बड़ा अपराधी बनता है. बाल श्रम निषेध दिवस मनाने की मुख्य अवधारणा यही है कि समाज के प्रतिष्ठित लोगों का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए गरीब और बेबस बच्चों को पर्याप्त शिक्षा दिलवाने में सहयोग के लिए आगे आयें, ताकि देश-समाज के विकास में इन बच्चों का भी अमूल्य योगदान हासिल किया जा सके.

बाल श्रम के ताजे आंकड़े

युनिसेफ से प्राप्त हालिया आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में बाल श्रम में बच्चों की संख्या में निरंतर इजाफा हो रहा है, गत वर्ष यह संख्या लगभग 160 मिलियन थी. पिछले चार वर्षों में बाल मजदूरों की संख्या में 8.4 मिलियन की वृद्धि हुई है. इसमें 5 से 11 वर्ष की आयु के बच्चों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि बताई जा गई थी, जो आज कुल वैश्विक आंकड़े के आधे से अधिक हैं. इसमें जान जोखिम में डालने वाले काम में 5 से 17 साल की उम्र के बच्चों की संख्या ज्यादा है, जो उनके स्वास्थ्य, सुरक्षा या नैतिकता को नुकसान पहुंचा सकता है.