Vishwakarma Puja 2022 Wishes in Hindi: भगवान विश्वकर्मा (Bhagwan Vishwakarma) को देव शिल्पी और इस संसार का सबसे पहला इंजीनियर (World's First Engineer) माना जाता है. हिंदू धर्म में भगवान विश्वकर्मा को निर्माण और सृजन का देवता माना गया है, इसलिए उनकी पूजा का सनातन धर्म में विशेष महत्व है. हर साल 17 सितंबर यानी कन्या संक्रांति के दिन विश्वकर्मा पूजा (Vishwakarma Puja) का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. विश्वकर्मा पूजा के खास अवसर पर कारखानों, दुकानों और दफ्तरों में औजारों व निर्माण कार्य से जुड़ी मशीनों की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि पूरे साल बनी रहती है. विश्वकर्मा पूजा का दिन श्रमिक और कामगार समुदाय के लिए काफी महत्व रखता है.
विश्वकर्मा पूजा के शुभ दिन कारखानों और औद्योगिक संस्थानों में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है. इसके साथ ही इस अवसर पर शुभकमना संदेशों का आदान-प्रदान भी किया जाता है. ऐसे में भला आप पीछे कैसे रह सकते हैं. विश्वकर्मा पूजा की आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स और फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए अपनों को प्यार भरी शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- हर दुखियारे की विपदा दूर करो,
हे विश्वकर्मा देवता तुम सबके दुख हरो,
ध्यान धर कर प्रभु का, सकल सिद्धि मिले,
मन से दुविधा दूर हो, अपार शक्ति मिले.
विश्वकर्मा पूजा की शुभकामनाएं
2- तुम हो सकल सृष्टिकर्ता,
ज्ञान सत्य जग हित धर्ता,
तुम्हारी दृष्टि से नूर ही बरसे,
आपके दर्शन को हम भक्त तरसें.
विश्वकर्मा पूजा की शुभकामनाएं
3- श्री विश्वकर्मा प्रभु वंदु,
चरण कमल धरी ध्यान,
श्री शंभू बल अरु श्रीप गुण,
दीजे दया निधान.
विश्वकर्मा पूजा की शुभकामनाएं
4- ॐ विश्वकर्मणे नमः
निर्बल हैं तुझसे बल मांगते हैं,
श्रद्धा का प्रभु जी फल मांगते हैं.
विश्वकर्मा पूजा की शुभकामनाएं
5- विश्वकर्मा जी की ज्योति से नूर मिलता है,
सबके दिलों को सुरूर मिलता है,
जो भी नाम लेता है भगवान विश्वकर्मा का,
उसे कुछ न कुछ जरूर मिलता है.
विश्वकर्मा पूजा की शुभकामनाएं
प्रचलित धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा जी के पुत्र वास्तु देव की संतान माना जाता है. एक तरफ जहां ब्रह्मा जी ने संसार की रचना की तो वहीं दूसरी तरफ उसे सुंदर बनाने का काम उन्होंने विश्वकर्मा जी को सौंपा था. यही वजह है कि देव विश्वकर्मा को संसार का सबसे पहला और बड़ा इंजीनियर कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा ने ही महादेव के त्रिशूल, श्रीहरि के सुदर्शन चक्र, यमराज के कालदंड, कृष्ण जी की द्वारका नगरी, पांडवों के इंद्रप्रस्थ और लंकापति रावण की लंका समेत कई महत्वपूर्ण चीजों का निर्माण किया था.