Vishwakarma Puja 2019: देशभर में 17 सितंबर को मनाया जाएगा विश्‍वकर्मा पूजा, जानिए क्या है महत्‍व और पूजन विधि

भगवान विश्‍वकर्मा की पूजा का त्योहार 17 सितंबर को मनाया जाएगा. इसे विश्वकर्मा जयंती भी कहते हैं. भगवान विश्‍वकर्मा को देवताओं के इंजीनियर के रूप में पूजा जाता है. मान्यता है कि उन्होंने देवताओं के लिए महलों, हथियारों और मंदिरों का निर्माण किया था. विश्वकर्मा जी को औजारों का देवता भी माना जाता है.

भगवान विश्वकर्मा (Photo Credits: Wikimedia)

Vishwakarma Puja 2019: भगवान विश्‍वकर्मा की पूजा का त्योहार 17 सितंबर को मनाया जाएगा. इसे विश्वकर्मा जयंती (Vishwakarma Jayanti) भी कहते हैं. भगवान विश्‍वकर्मा को देवताओं के इंजीनियर (Engineer) के रूप में पूजा जाता है. मान्यता है कि उन्होंने देवताओं के लिए महलों, हथियारों और मंदिरों का निर्माण किया था. उदाहरण के तौर पर, देवताओं का स्वर्ग लोक, समुद्र के भीतर भगवान श्री कृष्ण के लिए द्वारिकापुरी, लंका के राजा रावण की सोने की लंका, पाण्डवों की राजधानी हस्तिनापुर, यमराज के लिए यमपुरी, श्रीकृष्ण के सखा सुदामा के लिए सुदामापुरी आदि सभी भवनों का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने बहुत ही कम वक्त में कर दिया था.

इसके अलावा भगवान विश्‍वकर्मा ने देवताओं के लिए कई हथियार बनाए जिनमें भगवान शिव का त्रिशूल, भगवान विष्‍णु का सुदर्शन चक्र और यमराज का कालदंड शामिल हैं. यहां तक कि पुष्पक विमान का निर्माण भी भगवान विश्वकर्मा ने ही किया था. इसलिए विश्वकर्मा जी को औजारों का देवता भी माना जाता है. यह भी पढ़ें- Navratri 2019: कब है नवरात्रि? जानिए इसका महत्त्व और शुभ मुहूर्त.

भगवान विश्‍वकर्मा की पूजा विधि-

भगवान विश्वकर्मा की पूजा के दिन उघोगों और फैक्ट्रियों में लगी हुई मशीनों की पूजा की जाती है. इस पूजा के दौरान अक्षत अर्थात चावल, फूल, मिठाई, फल रोली, सुपारी, धूप, दीप, रक्षा सूत्र, मेज, दही आदि सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है. इसके साथ ही भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर या फिर मूर्ति की व्यवस्था कर लें. इसके बाद भगवान विश्वकर्मा की फोटो या मूर्ति पर श्रद्धा के साथ फूल चढ़ाकर कहें विश्वकर्मा जी, इस मूर्ति, फोटो या प्रतिष्ठान में विराजिए और मेरी पूजा स्वीकार कीजिए.

पूजा के दौरान भगवान विश्वकर्मा के बाद सभी औजारों और मशीनों पर भी पर तिलक और अक्षत लगाएं. इसके बाद मंत्र पढ़कर अक्षत सभी मशीनों, औजारों सहित कार्यस्थल पर छिड़क दें. पूजा के बाद भगवान विश्वकर्मा को भोग लगाकर प्रसाद अपने आसपास के लोगों में बांट दें.

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