Vikram Samvat 2081 Wishes and Images: विक्रम संवत 2081 की सोशल मीडिया पर लोगों ने इन शानदार Messages, HD Wallpapers, Photos के जरिए दीं शुभकामनाएं
चैत्र के शुक्ल पक्ष के पहले दिन मनाया जाने वाला हिंदू नव वर्ष अपनी गणितीय सटीकता के लिए प्रसिद्ध है. हिंदू नव वर्ष 2024 या विक्रम संवत 2081 के इस खास अवसर पर लोगों ने सोशल मीडिया पर शानदार विशेज, इमेजेस, मैसेजेस, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स, फोटोज के जरिए शुभकामनाएं दी हैं.
Vikram Samvat 2081 Wishes and Images: हिंदू नव वर्ष को विक्रम संवत के नाम से भी जाना जाता है, जिसे दुनिया भर में लाखों हिंदू हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. इस वर्ष हिंदू नव वर्ष 2024 के पर्व को आज (9 अप्रैल 2024) मनाया जा रहा है. ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से नया साल 1 जनवरी से शुरु होता है, लेकिन हिंदू नव वर्ष (Hindu New Year) की शुरुआत हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से मां दुर्गा की उपासना के नौ दिवसीय पर्व नवरात्रि की शुरुआत होती है और इस दिन देश के विभिन्न हिस्सों में हिंदू नव वर्ष (Hindu New Year) का पर्व मनाया जाता है. सिंधी चेटी चंद (Cheti Chand) के तौर पर इस पर्व को मनाते हैं, जबकि महाराष्ट्र में इसे गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) के रूप में मनाया जाता है. कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में नव वर्ष के इस उत्सव को उगादि (Ugadi) कहा जाता है, कश्मीर में नवरेह (Navreh) और मणिपुर में साजिबू नोंगमा पानबा (Sajibu Nongma Panba) नाम से नव वर्ष का पर्व मनाया जाता है.
किंवदंती है कि राजा विक्रमादित्य ने 2068 वर्ष पहले अपनी प्रजा को शकों से मुक्त कराया था. विक्रम संवत, ग्रेगोरियन कैलेंडर से 57 वर्ष आगे है और यह इस वर्ष को 2081 के रूप में चिह्नित करता है. चैत्र के शुक्ल पक्ष के पहले दिन मनाया जाने वाला हिंदू नव वर्ष अपनी गणितीय सटीकता के लिए प्रसिद्ध है. हिंदू नव वर्ष 2024 या विक्रम संवत 2081 (Vikram Samvat 2081) के इस खास अवसर पर लोगों ने सोशल मीडिया पर शानदार विशेज, इमेजेस, मैसेजेस, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स, फोटोज के जरिए शुभकामनाएं दी हैं.
हिंदू नव वर्ष और चैत्र नवरात्रि की शुभकामनाएं
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हिंदू नव वर्ष और गुड़ी पड़वा की शुभकामनाएं
विक्रम संवत 2081 की शुभकामनाएं
विक्रम संवत 2081 की हार्दिक शुभकामनाएं
बहरहाल, हिंदू धर्म में चैत्र मास का अत्यधिक महत्व बताया गया है, क्योंकि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नव संवत की शुरुआत होती है, जिसे भारतीय नव वर्ष कहा जाता है. बताया जाता है कि इसका आरंभ राजा विक्रमादित्य ने किया था, इसलिए इसे विक्रम संवत भी कहा जाता है. इसी तिथि से ऋतुओं और प्रकृति में परिवर्तन भी आरंभ होता है. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया था. इसी पावन तिथि पर सतयुग का आरंभ हुआ था, इसी तिथि पर भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था और चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी पर भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था, इसलिए इस महीने को परम फलदायी माना गया है.